ग्राम पंचायत चिल्हारी सरपंच पति चला रहा पंचायत प्रशासन बना मूक दर्शक कब होगी ग्राम चिल्हारी में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच

ग्राम पंचायत चिल्हारी सरपंच पति चला रहा पंचायत प्रशासन बना मूक दर्शक
कब होगी ग्राम चिल्हारी में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच
सरकार गांव में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने के लिए तामम विकास कार्य चला रही है। लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ विकास कार्य में करप्शन करके बंदरबांट कर रहे हैं! इसका प्रत्यक्ष प्रमाण ग्राम पंचायत चिल्हारी में देखने को मिला जितेंद्र सिंह के खेत के पास बनी पुलिया व्यक्तिगत हित लाभ पहुंचाने की दृष्टि से पंचायत द्वारा गुणवत्ता वहीं बना दिया गया जबकि पुलिया बनाने का औचित्य ही नहीं है जहां पुलिया बनाने की आवश्यकता है तो वहां निर्माण नहीं करवाया गया वहीं भ्रष्टाचार करके सरपंच पति पुलिया निर्माण करवा के शासन के पैसों का दुरुपयोग कर अपना निजी बैंक बैलेंस भरने में लगा है।
लगभग 11लाख की पुलिया गुणवत्ता विहीन बनाकर पैसों का कर लिया गया दुरुपयोग
ये नजारा मानपुर जनपद अंतर्गत ग्राम चिल्हारी में व्यक्तिगत हित लाभ पहुंचने के लिए जितेंद्र सिंह के खेत में 11 लाख की लागत से पुलिया निर्माण कराया गया है जबकि पुलिया निर्माण का कोई औचित्य ही नहीं है लेकिन पुलिया भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई निर्माण के नाम पर खाना पूर्ति कर शासकीय पैसों का दुरुपयोग किया गया वहीं जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो सरपंच पति द्वारा आए दिन ग्रामीणों को प्रताड़ित कर झूठी मनगढ़ंत शिकायत में फसाने की धमकी दी जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम पंचायत में जितने भी शासकीय कार्य हुए हैं सब में भारी भ्रष्टाचार किया गया है वहीं ग्राम पंचायत का संचालन सरपंच पति कर रहा है साथ ही मनरेगा के तहत तालाब निर्माण माढिया मैं पुलिया निर्माण नडेप निर्माण मैं जमकर शासकीय पैसों का दुरुपयोग किया गया है। पुलिया निर्माण कार्य में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। पुलिया में मटेरियल का सही इस्तेमाल नहीं हुआ, जिसके बाद वह टूटने की कगार पर है।
अब आगे क्या?
प्रदेश सरकार, गांव-गांव विकास करने के लिए लाख प्रयास करें लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिली-भगत से करप्शन फल फूल रहा है! बहरहाल इस मामले के सामने आने के बाद देखना होगा कि आला अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं, या इसी तरह करप्शन का खेल चलता रहेगा और शासन के पैसों का बंदर बाट चलता रहेगा।