ग्राम पंचायत नगनौड़ी में बिना दिनांक के लग रहे बिल हार्डवेयर की दुकान से हो रहा रेत सप्लाई ,,रिपोर्टर@ दीपक कुमार गर्ग

ग्राम पंचायत नगनौड़ी में बिना दिनांक के लग रहे बिल हार्डवेयर की दुकान से हो रहा रेत सप्लाई,,
रिपोर्टर@ दीपक कुमार गर्ग
शहडोल जिले की जनपद पंचायत जयसिंहनगर के ग्राम पंचायत नगनौड़ी में भ्रष्टाचार ग़बन चरम सीमा में पहुँच चुका है और जिन्हें रोकने की जबाबदारी दी गई है वह भी पैसों की चमक के आगे नतमस्तक हो चुके है और उन्हें भ्रष्टाचार ग़बन करने की आज़ादी दे दी गई है।देश और प्रदेश की सरकार चाह रही है कि सब कुछ पारदर्शिता हो जो हो रहा वह ऑनलाईन और पोर्टल के जरिये सब देख सके कि क्या कार्य हुए कितना कार्य हुआ बिल किसका लगा कौन सही या गलत सब दिखाई पड़े की सही गलत क्या पर आज सरकारी पोर्टल में खुलके भ्रष्टाचार किया जा रहा है बिना दिनांक के फर्जी बिल लगा रहे है ऐसे बिल लग रहे है कि हार्डवेयर की दुकान से रेत खरीदी जा रही है खरीदने के बिल पोर्टल में लग रहे और भुगतान हो रहे आज कोई इन बिलों की देख रेख नही कि जा रही और इन फर्जी बिलों से फर्जी तरीके से भुगतान भी हो रहा है यही हाल जनपद पंचायत जयसिंहनगर की अधिकांश ग्राम पंचायतों के हैं जहाँ पर फर्जी बिल लगाकर भुगतान किया जा रहा जिसकी समय समय पर शिकायतें होती भी है पर उन शिकायत की फाइल धूल खाती रहती है। सूत्रों की मानें तो जनपद क्षेत्र के कई पंचायत ऐसे है कि पंचायत के कर्मचारी द्वारा हजारों के बिलों को धुंधला कर के अपलोड कर आम जनता को भ्रमित किया जा रहा है, परंतु जनपद के जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार छिपाने का प्रयास, करते हैं , कोई भी व्यक्ति पंचायत दर्पण के बिलों का अनुमान नहीं लगा सकता है,सचिव जानबूझ कर धुंधला बिल लगाते है, जिससे किस फर्म में किस सामग्री का बिल लगा है पता न चल पाये जब कोई जानकारी के लिए अगर जिम्मेदारों से पूछते हैं कि किस सामग्री का बिल लगा है तो जवाब देते है नेट से निकाल लीजिये, जब पंचायत दर्पण पर लोग बाग देखने पहुंचते है तो वहां बिल ही धुंधला मिलता है, कुल मिलाकर भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए यह खेल खेला जाता है। आला अधिकारी मौन क्यों , क्या है मिलीभगत।
*प्रशासन को चुनौती देते हुये जनपद जयसिंहनगर की ग्राम पंचायतों में फर्जी वा धुंधला बिल लगाते हैं*
धुंधले बिल से यह जाहिर नहीं हो पाता है, कि बिल सही लगा है या गलत आखिर जिले वा जनपद में बैठे उच्चाधिकारी इसको रोक क्यों नहीं पा रहे हैं, यह भी एक बडा सवाल है , कि कहीं उच्चाधिकारियों की रजामंदी से यह सब तो नहीं हो रहा है, शायद इसी वजह से उच्चधिकारी मौन रहते हैं, उपर बैठे अधिकारी पंचायतों के कर्मचारियों के काले कारनामों या धुंधले बिल की कभी जांच तक नहीं करते है,कुल मिलाकर कार्यवाही न होना अधिकारियों के कमीशन की तरफ इशारा करता है।
*बिलों में हो रही हजारों की हेरा फेरी, जिम्मेदार है मौन*
पंचायतों में लगने वाले बिलों में हजारों रुपए की हेरा फेरी की जा रही है परंतु जिला पंचायत प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं है , जिला पंचायत के प्रशासनिक अधिकारी ग्राम पंचायतों में सिर्फ नाम मात्र की जांच का हवाला देकर चुप्पी साध लेते हैं तभी तो नीरज हार्डवेयर की दुकान में रेत मिलता है और वाकायदा ग्राम पंचायत नगनौड़ी तक पहुंच जाता है और तो और जब इस संबंध में फर्म संचालक से बात किया गया तो नहीं करा पाए रॉयल्टी या कोई सप्लाई संबंधी कागजात सूत्रों कि माने तो ग्राम पंचायत नगनौड़ी में पीसीसी रोड निर्माण अरई नदी के पास हुआ कार्य का जो बिल पंचायत दर्पण में अपलोड किया गया है उसमें दिनांक तक नहीं डाला गया है इससे साफ जाहिर हो रहा कि की यह बिल फर्जी है