कोतमा विधानसभा में बंद होती कोयला खदानें और रोजगार प्रमुख समस्या, जाने जनता की राय
चिकित्सा तथा शिक्षा व्यवस्था भी नहीं ठीक, लंबे समय से जारी मांग
(विकास पाण्डेय) 

 

 


कोतमा।
जिले के कोतमा विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों से प्रमुख मुद्दों पर हमारे संवाददाता की ने बात की जहां लोगों ने कोतमा विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्या तथा परेशानियों के संबंध में चर्चा करते हुए बताया कि यही प्रमुख मुद्दे हैं जो की विधानसभा चुनाव में लोग राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों से इन पर जवाब मांग रहे हैं।
बंद होती कोयला खदानें सबसे बड़ी समस्या, नई एक भी नहीं खुल पाई
नगर के वरिष्ट अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने बताया कि कोतमा विधानसभा क्षेत्र की प्रमुख समस्या क्षेत्र में बंद होती कोयला खदान की है। वर्तमान में लगातार यहां जो कोयला खदानें हैं वह बंद होती जा रही हैं। जिसके कारण क्षेत्र की आर्थिक गतिविधि भी कोयला खदानों के बंद होने तथा कोयला कर्मचारियों के सेवानिवृत होने के कारण बंद होती जा रही है। कुछ निजी कोयला खदानें भी प्रारंभ होनी है लेकिन वह काफी सीमित क्षेत्र में है।
स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर परेशानी
बिजुरी निवासी विजय गुप्ता  ने बताया कि क्षेत्र में प्रमुख मुद्दों में स्वास्थ्य का मुद्दा सबसे जरूरी है बिजुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन आज तक नहीं हो पाने से लोग परेशान होते हैं इसके साथ ही कोतमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थ ना होने से लोगों को काफी असुविधा होती है। नागपुर के लिए जो ट्रेन चलाई गई है वह भी शहडोल में स्टॉपेज होने के कारण लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है यदि कोयलांचल क्षेत्र से होकर यह ट्रेन जाती तो लोगों को इसका लाभ और अधिक मिल पाता।
बिजुरी नगर को दिया जाए तहसील का दर्जा
कपिलधारा के प्रतिष्ठित किराना व्यवसाई अनिल पाठक ने कहा कि बिजुरी को उप तहसील बने हुए दो दशक से अधिक समय व्यतीत हो चुका है। जहां काफी समय से बिजुरी को तहसील का दर्जा दिए जाने की मांग की जा रही है। तहसील बनाए जाने से बिजुरी नगर और भी विकसित हो सकेगा।
वेलस्पन एनर्जी यदि प्रारंभ हो जाए तो क्षेत्र की आर्थिक स्थिति हो जाएगी बेहतर
विधानसभा के प्रमुख मुद्दों में विलासपन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड जोकि अब तक प्रारंभ नहीं हो पाई है यह प्रमुख रूप से है। यदि यह पावर प्लांट प्रारंभ हो जाए तो बिजुरी तथा कोतमा दोनों ही नगर आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे। यह क्षेत्र मुख्य रूप से कोयला उद्योग आधारित रहा है लेकिन अब यहां कोयला खदान बंद हो रही है तो इसे प्रारंभ कर देने से यहां से पलायन बंद हो सकेगा साथ ही लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।