प्रधानमंत्री आवास पर रेत ठेकेदार की खुली डकैती,रेत माफिया से जनता लुटती रही जनप्रतिनिधि सोते रहे,मामला एसोसिएट ऑनर्स रेत ठेकेदार का - विजय उरमलिया की कलम से

प्रधानमंत्री आवास पर रेत ठेकेदार की खुली डकैती,स्थानीय जनप्रतिनाधियों की चुप्पी नेता जनता का या ठेकेदार का
अनूपपुर - आप जनप्रतिनिधि क्यों चुनते है क्यों मतदान कर अपने नेता को विधायक सांसद मंत्री बनाते है कि उनके जिले गांव में विकास होगा और उनके साथ कोई गलत कर रहा हो तो उनकी आवाज ये सांसद विधायक,मंत्री बन जनता की लड़ाई लड़ेंगे पर अनूपपुर जिले का दर्भाग्य है कि चाहे सांसद हो,विधायक या मंत्री सब सत्तासीन होने के बाद कुंडली मार कर बैठ जाते है फिर चाहे उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता लुटे या लोकसभा क्षेत्र की जनता के घर मे सीधी डकैती पड रही हो इन नेताओं को इस मतदाता रूपी भगवान से मतलब सिर्फ मतदान तक का है उसके बाद जनता अपने हिसाब से अपना जीवन गुजारे कोई फर्क इन नेताओं को नही पड़ता हम ऐसा इसलिए कह रहे है चूंकि इन दिनों जिले भर में रेत ठेकेदार के नाम पर एक माफिया सीधा आमजनता की जेब पर डांका डाल रहा है और जिले के नेता अपनी रोटी सेकने में मस्त है,एक तरफ जहां आम जनता को ये ठेकेदार लूट रहा है तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री आवास पर सीधी डकैती डाली जा रही है और जिले का प्रशासनिक अमला तो पूरी तरह निरंकुशता की ओर अग्रसर हो चला है पर धन्य है वो नेता जो जनता।की पीठ पर पैर रख सत्ता की कुर्सी पर पहुंच कर पहले तो बैठ जाता है फिर पसर जाता है और फिर सो जाता है अब जिले की जनता सोये,जिये या मरे उस भगवान रुपी नेता का इस जनता से कोई सरोकार नही रह जाता, एक आंकड़े के अनुसार जब पिछली बार जिले में रेत खदानों का टेंडर हुआ तो लगभग 39 करोड़ रुपये का ठेका हुआ तो रेत की रॉयल्टी 1080 रुपये घनमीटर लगभग रही मतलब एक डग्गी रेत की रॉयल्टी लगभग 5400 के आस पास थी अब गौर करने वाली बात यह है कि जब ठेका 39 करोड़ का हुआ तब भी रेत ठेकेदार 400 गुना से ज्यादा रॉयल्टी वसूलता रहा चूंकि सरकारी रेट 250 रुपये घन मीटर है और ये ठेकदार 1080 रुपये घनमीटर की वसूली करता रहा,उसके बाद खदान ठेकेदार ने कुछ समय अपना काम किया और खदान सरेंडर कर एक नई कंपनी के नाम से दोबारा ठेका लिया और इसमे भी पूरी तरफ रेत सरगना सक्रिय रहे और जब नया ठेका हुआ तो एसोसिएट ऑनर्स के नाम से महज 17 करोड़ 58 लाख में नया ठेका हो गया आधे से भी कम रेट में माफियाओं ने एक होकर रेत ठेके को आधे से भी कम कीमत।में तो ले लिया पर जनता की जेब मे डकैती डालना बंद नही किया और 17 करोड़ 58 लाख के ठेके में भी 250 रुपये घन मीटर की रेत को 1080 रुपये घनमीटर में बेंच रहा है अब आप सोचिये प्रधानमंत्री आवास बनाने वाला बैगा 10 हजार रुपये गाड़ी की रेत खरीद कर कैसे आवास गुणवत्तापूर्ण बनाये या वो गरीब जो पाई पाई जोड़ कर अपने लिए एक छत बनाने का प्रयास करता है क्या उसका सपना पूरा हो सकता है,
रेत माफिया का बड़ा कारनामा
एसोसिएट ऑनर्स के पास इस सीजन के लिए 7 लाख घन मीटर की रॉयल्टी है और खदान शुरू हुए अभी महज महीने भर होने जा रहे है और जिस रेट में ये रेत की बिक्री कर रहा है तो 17 करोड़ 58 लाख का ठेका लेने वाला रेत माफिया इस रेत को 75 करोड़ 60 लाख रुपये में बेंचेंगा और यहां की जनता इससे लुटती रहेगी और जनप्रतिनिधि कुंडली मार कर घरों में दुबके रहेंगे और सरकारी रेट के हिसाब 250 रुपये घन मीटर की दर से 7 लाख घन मीटर की रॉयल्टी का 17 करोड़ 50 लाख की रॉयल्टी लेने वाला रेत माफिया यही रेत चार सौ गुना से अधिक कीमत पर बेंचते हुए 75 करोड़ 60 लाख का व्यापार यहां की आम जनता को लूटते हुए करेगा अब आप सोचिये आप का सेवक कौन नेता,मंत्री,विधायक,सांसद या प्रशासनिक अमला रोइये फिर पांच वर्षों बाद मतदान कर अपनी ज़िंदगी इन के हवाले कर रोते रहियेगा