नजूल की जमीन विक्रेता राघव बिंदल,आशा सराफ ने छोड़ा कोतमा सूत्रों के हवाले से खबर ,जैतहरी पुलिस को जांच में दिए गए दस्तावेजों से बड़ा खुलासा - विजय उरमलिया की कलम से

नजूल की जमीन विक्रेता राघव बिंदल,आशा सराफ ने छोड़ा कोतमा सूत्रों के हवाले से खबर ,जैतहरी पुलिस को जांच में दिए गए दस्तावेजों से बड़ा खुलासा
अनूपपुर - जैतहरी में सडयंत्र पूर्वक स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण की नजूल के कब्जे की जमीन को बेचने वाले राघव बिंदल,आशा सराफ के बारे में खबर है कि मामले को तूल पकड़ता देख दोनो ने कोतमा छोड़ दिया है,इस नजूल की आबादी जमीन जो जैतहरी के खसरा क्रमांक 733 में स्थिति है फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार कर फर्जी रजिस्ट्री जैतहरी निवासी आनंद अग्रवाल को कराई गई थी और इस मामले में जांच अधिकारी कोई कदम उठाते उससे पहले ही विक्रेता कोतमा छोड़ बाहर निकल लिए तो दूसरी तरफ इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता कि आनंद अग्रवाल जानते हुए की ये नजूल की आबादी सरकारी जमीन है उसको खरीदते हुए बाकायदा रजिस्ट्रार के यहां से रजिस्ट्री करवा ली सबसे महत्वपूर्ण पहलू तो इसका यह है कि इस जमीन की रजिस्ट्री करने वाले संत कुमार कुशवाह ने दस्तावेजो का परीक्षण करना भी मुनासिब नही समझा, तो दूसरी तरफ तत्कालीन एसडीएम जैतहरी रहे विजय डेहरिया ने जो नगरपालिका को पत्र लिखा वो तो और भी चौंकाने वाला है इस पूरे मामले की जांच होती उससे पहले ही विक्रेता शहर छोड़ भाग गया तो दूसरी तरफ जांच में जुटे जिम्मेदार कछुए की चाल चल रहे है जिसका फायदा आनंद अग्रवाल ने उठाते हुए पहले तो नजूल की जमीन पर शॉपिंग काम्प्लेक्स का निर्माण कर लिया और अब उसमें अपना कारोबार फैलाने की फिराक में है पर जांच अधिकारी तहसील और एस डी एम कार्यालय से चंद मिनट की दूरी तय नही कर पाए कि आखिर नजूल की जमीन में क्या हो रहा है देख तो ले,वही इस पूरे मामले में नगर परिषद के सीएमओ,निर्माण शाखा प्रभारी अमितेश तिवारी,सहित अन्य कर्मचारियों ने इस जमीन में निर्माण संबंधी परमिशन में बड़ा खेल खेला है जिसका भी खुलासा जल्द होगा
जालसाजी तरीके से रजिस्ट्री करायी गयी नजूल भूमि की गवाही देते जांच में जैतहरी पुलिस को मिले दस्तावेज
मामला राघव बिंदल व आशा सराफ द्वारा आनंद अग्रवाल को बेंची गयी चर्चित नजूल भूमि का
जिले की नगर परिषद जैतहरी के खसरा नंबर 733 के अंश रकवा की नजूल भूमि जिसे राघव बिंदल व आशा सराफ द्वारा जालसाजी दस्तावेजों के तहत भाजपा नेता आनंद अग्रवाल को बाकायदे रजिस्ट्री के तहत बेंची गयी जिसकी शिकायत कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को होने पर जैतहरी पुलिस के द्वारा की गयी जांच में सामने आये दस्तावेज इस बात की गवाही दे रहे हैं कि राघव बिंदल के पिता स्व. भीखम सराफ के पिता स्व. नत्थू लाल के पिता बृज मोहन सराफ रहे। और इसमें बाकायदे क्रेता आनंद अग्रवाल ने हस्ताक्षर किये हैं। हस्ताक्षर उनके है या नही इस बात का प्रमाणीकरण सर्वोच्च सत्ता नही करता है। वहीं एसडीएम स्तर से चल रही जांच 9 दिन अढाई कोस वाली कहावत चरितार्थ कर रही है, जिसमें कि एसडीएम कार्यालय से चंद मिंटो की दूरी बीते 25 दिन में जांचकर्ता अधिकारी तय नही कर पाये है।
अनूपपुर। जालसाजी दस्तावेजों के आधार पर कोतमा महावीर मार्ग वार्ड नंबर 2 के निवासी राघव बिंदल पिता स्व. भीखम सराफ एवं आशा सराफ पति स्व. भीखम सराफ के द्वारा भाजपा नेता आनंद अग्रवाल को बाकायदे रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के समक्ष शासन की शुल्क अदा करते हुये 28 लाख रूपये में नगर परिषद जैतहरी के खसरा नंबर 733 के रकवा 0.116 हेक्टेयर का जुज रकवा 2784 वर्गफीट का विक्रय किया गया इसकी शिकायत प्रेस फाउंडेसन ऑफ़ इंडिया के प्रदेश कार्यवाहक महेश प्रजापति निवासी वार्ड नंबर 5 दुर्गा मंदिर के पीछे जैतहरी के द्वारा कलेक्टर पुलिस अधीक्षक एवं संभागायुक्त शहडोल को की गई थी। जिसकी जांच थाना जैतहरी पुलिस के द्वारा की गयी जिसकी जानकारी सूचना अधिकार के तहत प्राप्त होने पर सामने आये दस्तावेज में खसरा नंबर 733 के अंश रकवा 10x 29 में साफ-साफ स्व. नत्थू लाल के पिता बृज मोहन सराफ का स्पष्ट उल्लेख है। फिर राघव बिंदल व आशा सराफ पति स्व. भीखम सराफ के पिता स्व. नत्थू लाल के पिता लक्ष्मी नारायण को कैसे रजिस्ट्री में उल्लेखित कर नजूल की भूमि का विक्रय किया गया जो अपने आप में गंभीर अपराध दिखाई पडता है।
पुलिस ने हवा में की जांच
जैतहरी पुलिस के द्वारा पुलिस अधीक्षक कार्यालय से राघव बिंदल व आनंद अग्रवाल के प्रकरण की जांच में जप्त किये गये दस्तावेज में उल्लेखित विषय का बारीकी से अध्ययन न करते हुये हवा में जांच की गयी। यह इसलिये हम कह रहे है क्योंकि रजिस्ट्री में जहां राघव बिंदल ने अपने पिता स्व. भीखम सराफ के पिता स्व. नत्थू लाल के पिता लक्ष्मी नारायण को बताया वहीं पुलिस ने जो दस्तावेज खसरा नंबर 733 के अपनी जांच में प्राप्त किये और स्वयं क्रेता आनंद अग्रवाल ने उसमें हस्ताक्षर किये जिसमें कि स्व. नत्थू लाल के पिता बृजमोहन सराफ होने का अंश रकवा 10x 29 में उल्लेख है। और वही खसरा नंबर 733 के अंष रकवा 12x 29 जुज रकवे में सत्य नारायण मंदिर काॅम्प्लेक्स भी है। फिर पुलिस ने इस मामले में अब तक जालसाजी दस्तावेजों में करने वालो के विरूद्ध अपराध क्यों नही दर्ज किया क्या वह विक्रेता भाजपा नेता आनंद अग्रवाल के रसूख से भय खा रही है।
25 दिन में चंद मिनट की दूरी नही हुई तय
वही इस पूरे मामले में जैतहरी राजस्व अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा तहसीलदार जैतहरी को जांच के लिये आदेश किया गया था लेकिन बीते 25 दिनों में वह चंद मिनट की दूरी नही तय कर पाये। यह इसलिये हम कह रहे है कि जब नजूल की भूमि खरीदने वाले आनंद अग्रवाल के द्वारा टूटे-फूटे गोदाम में काॅम्प्लेक्स का निर्माण कराया जा रहा था तब से वह जांच के लिये निकले है लेकिन अब तक जांच की सार्थकता तक वह नही पहुंच पाये। हां इतना जरूर हुआ है कि आनंद अग्रवाल ने काॅम्प्लेक्स का निर्माण चैगुनी गति से करते हुये बाकायदे काॅम्प्लेक्स का निर्माण कर शटर लगाते हुये अपने कब्जे में कर लिया है। कुल मिलाकर यह जांच 9 दिन चले अढाई कोस वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है या यूं कहें एसडीएम ने तहसीलदार के नाम जांच का कागजी फरमान जारी करके आनंद अग्रवाल को काॅम्प्लेक्स निर्माण के लिये पूरा समय दिया। बहरहाल जांच कब पूरी होगी यह प्रशासनिक अधिकारी ही भलिभांति समझ सकते है।
तत्कालीन एसडीएम के आदेश पर सवाल
नगर परिषद जैतहरी की नजूल भूमि के अधिकारी रहते हुये तत्कालीन एसडीएम विजय कुमार डहेरिया के द्वारा 9 दिसंबर 2022 को राजस्व प्रकरण क्रमांक/0057/ब-121/22-23 में आनंद अग्रवाल पिता मोहन लाल अग्रवाल निवासी वार्ड नंबर 5 जैतहरी बनाम मध्यप्रदेश शासन के मामले में आराजी खसरा नंबर 733 के रकवा 0.116 हेक्टेयर का अंश भाग 32ग87 पर स्थित गोदाम को जरिये रजी. दिनांक 12 अक्टूबर 2022 को विक्रेता आशा पति भीखम सराफ एवं राघव पिता भीखम सराफ से क्रय किया गया में उल्लेख किया कि संपत्ति विक्रेता को पुश्तैनी रूप से प्राप्त हुई है। शायद उन्होंने दस्तावेजों का अध्ययन नही किया या क्रेता ने भवन निर्माण की अनुमति मांगने के लिये लगाये गये दस्तावेज में उस दस्तावेज को शामिल नही किया जिसमें नत्थू लाल के पिता का नाम बृज मोहन सराफ उल्लेखित है। हलांकि अंतिम लाइन में तत्कालीन एसडीएम रहे विजय डहेरिया ने लिखा कि स्वत्व संबंधी विवाद होने पर यह स्वमेव निरस्त माना जायेगा।
इनका कहना है
मामले की जांच करने वाले तहसीलदार का स्थानांतरण हो गया है नये तहसीलदार की पदस्थापना होते ही जांच रिपोर्ट प्राप्त होगी वहां चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगाने का जल्द आदेश जारी किया जायेगा जब तक जांच पूर्ण नही हो जाती वहां निर्माण कार्य नही होने दिया जायेगा।
श्रीमति अंजली दुबे
एसडीएम जैतहरी