ग्रामपंचायत डोंगराटोला बना भृष्टाचार का गढ़ उपसरपंच की शिकायत ने जिम्मेदारों की खोली पोल - विजय उरमलिया की कलम से

ग्रामपंचायत डोंगराटोला बना भृष्टाचार का गढ़ उपसरपंच की शिकायत ने जिम्मेदारों की खोली पोल - विजय उरमलिया की कलम से
अनूपपुर - अनूपपुर जिले की पंचायतों में फैले भृष्टाचार की कलाई खुलने लगी है और अब तो पंचायत के उपसरपंच ही भृष्टाचार की शिकायत करते हुए जाँच की मांग कर रहे है पर जिम्मेदार है की जागने की वजह और गहरी निद्रा में चले गए है दरसदल डोंगराटोला के उपसरपंच नंदकिशोर सोनी ने जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तन्मय वशिष्ट को लिखित शिकायत करते हुए बताया है की ग्राम पंचायत की सरपंच नगमतिया बाई का बेटा बाबूजी बैगा और पंचायत सचिव रामचंद्र यादव मिल कर पंचायत में फर्जी बिलों के माध्यम से सरकारी खजाने को लूट रहे है उपसरपंच नंदकिशोर सोनी ने आरोप लगाया है की पन्द्रहवें वित्त से स्वीकृत नाली निर्माण लागत 8,70000 में सरपंच के बेटे बाबूजी बैगा द्वारा टेंट और स्टेशनरी के नाम पर 40000 रुपये निकाल लिया गया इसी तरह कई निर्माण कार्यों में फर्झी तरीके से भुगतान या तो सरपंच के बेटे बाबूजी बैगा स्वयं ले रहे है या अपने चहेतों को फर्जी तरीके से मजदूरी भुगतान के नाम पर सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रह है खेल मैदान में भी समतलीकरण के नाम पर लाखों रुपये के फर्जी भुगतान किये गए फर्जी भुगतना में जो नाम सामने आये है उनमे नाली निर्माण में विजयकांत सोनी 1600 ,नन्हा सिंह 5000 ,सुखमंती 10000 ,श्यामनारायण सिंह 5000 ,बाबूजी सरपंच का बेटा 10000 ,राधेश्याम सोनी 10000 ,जानकी बैगा 10000 ,जैसे अन्य कई फर्जी भुगतान किये गए है पर लगातार शिकायतों के बाद भी जाँच न होना ये बताता है की कही न कहीं पंचायतों में फैले भ्रष्टाचार के मामले में सब अपने ऑफिस में ईमानदारी दिखाने में जुटे है और खास तौर से जनपद जैतहरी का हाल तो सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है जहाँ भ्रष्टाचार के मामलो में कोई ईमानदारी से जाँच करने वाला नहीं है सब को अपना कमीशन चाहिए उसके बाद आप करते रहिये जो करना है इस पूरे मामले में पंचायत सचिव का कहना है की हमने वेंडरों के खाते में पैसे दिए है उनसे लेकर मजदूरी भुगतान करेंगे अरे साहब कौन सी किताब पढ़ कर आये थे सचिव बनने जरा भी जानकारी नहीं है तो अपने आकाओं से पूंछ लेते जिनको समय समय पर बतौर कमीशन चढ़ोत्तरी चढ़ाते रहते है की मजदूरी भुगतान सीधे सीधे मजदूर के खाते में देनी होती है पर जब फर्जी तरीके से सरकारी पैसे का दोहन करना हो तो ये आसान और सटीक रास्ता होता है |
इनका कहना है
हमने वेंडरों के खाते में मजदूरी भुगतान किया है उनसे पैसा लेकर मजदूरों को देंगे |
रामचंद्र यादव सचिव डोंगराटोला