भाजपा जिला अध्यक्ष की नूरा कुश्ती शुरू,जिला अध्यक्षी की दौड़ में जिला मुख्यालय बाहर,पुष्पराजगढ़ पहली तो कोतमा दूसरी पायदान पर 
अनूपपुर - भाजपा जिला अध्यक्ष की रेस शुरू हो चुकी है और इस रेस में तो कई नाम ऐसे है जिनको पार्टी के ही नेता पार्टी के लिए अबशगुन मानते है पर दावेदारी सबका हक है ,अब तक कि जिला अध्यक्षी की बात करें तो संगठन चलाने में बृजेश गौतम का कोई सानी नही दूसरी तरफ रामदासपुरी वर्तमान जिला अध्यक्ष सब को साथ ले कर चलते तो है और उनसे साफ सुथरा छवि शायद ही कोई सवालिया निशान खड़े करे पर संगठन को धागे में पिरो कर रखना इनके लिए इतना आसान नही रहा तो दूसरी तरफ अनूपपुर जिला मुख्यालय की बात करें तो स्वर्गीय ओमप्रकाश द्विवेदी ही एक ऐसे नेता थे जो संगठन में बेजोड़ जान फूंकते थे दुर्भाग्यवश एक मुखिया को जिला मुख्यालय खो चुका है जिनकी भरपाई कर पाना मुश्किल ही नही नामुमकिन है उस पीढ़ी के और अन्य नेता जिला अध्यक्षी के रेश में कहीं नही है,वही जिला मुख्याल में भाजपा के दूसरे पीढ़ी के नेताओं की बात करें संगठनात्मक दृष्टिकोण से मुश्किल है   हमारी नजरों में किसी को भी जिला अध्यक्ष की दौड़ में देख पाना एक मात्र नाम था जो संगठन के हिसाब से फिट बैठता था गजेंद्र सिंह पर नागपालिका चुनाव में जीत के बावजूद निष्काशन पुनः वापसी पर अब भी कइयों की आंख की किरकिरी बने हुए है इसलिए छमता होते हुए भी अध्यक्ष की दौड़ से बाहर ही समझ लीजिए,अब नये नवेले जिला मुख्यालय के युवा नेताओ की बात करें तो राजनीति अपनी जगह है और संगठन को चला लेने की छमता अपनी जगह जो यहां किसी मे नजर नही आती कुछ तो इस बात का दम्भ भरते दिख रहे है कि संगठन चलाने के लिए साम दाम से जुगाड़ लगाया जाये पर उसके बावजूद भी संगठन को एक धागे में पिरो कर रखने वाला एक भी नेता जिला मुख्यालय में दिखाई नही देता,बहरहाल यह मानना कतई गलत नही होगा कि भाजपा जिला अध्यक्षी की रेस में जिला मुख्यालय बाहर है,सिर्फ अगर पार्टी विचार कर सकती है तो केवल एक नाम राजकिशोर तिवारी सुरक्षित नजर आ रहा है बांकी रेस में तो मीना तनवर, विनोद केवट,श्यामनारायण शुक्ला,रामअवध सिंह अब कोतमा की बात करें तो प्रेमचंद यादव जी और हनुमान गर्ग जी मे दांव पेंच चल रहा है जिसमे गर्ग जी का सफर मुश्किल है चूंकि कोतमा में जन चर्चा है कि गर्ग जी जो दिखते है वो है नही पर कोतमा विधानसभा जिला अध्यक्षी की रेस में अब भी सबसे आगे बना हुआ है प्रेमचंद यादव,लवकुश शुक्ला,अजय शुक्ला भी इस रेस में शामिल है,
वही अगर पार्टी और सगंठन हित की बात की जाये तो पुष्पराजगढ़ विधानसभा से हीरा सिंह श्याम हर तरीके से पार्टी और संगठन हित में फिट बैठते नजर आ रहे है निर्विवाद न आरोप न अपराध सब कुछ साफ पर बड़ी अड़चन सासंद महोदय है उनके सामने चुनौती बन कर पर अगर भाजपा संगठन और पार्टी हित मे सोचती है तो निश्चिततौर पर हीरा संगठन को चलाने का माद्दा रखते है हालांकि वहां भी हीरा सिंग श्याम के अलावा उमेश पाठक,के अलावा एक दो नाम और सामने आ रहे है पर संगठनात्मक दृष्टिकोण से अब तक हीरा सिंह श्याम अध्यक्ष बनने के लिए सबसे सटीक बैठते दिख रहे है बहरहाल कुछ लोगों को भी अध्यक्षी का फोबिया चढ़ता दिखाई देने लगा है अभी से तो उन नेताओं को थोड़ा और वक्त पार्टी और संगठन को देते हुए कम से कम संगठन चलाने के लिए परिपक्वता से परिपूर्ण तो होना पड़ेगा कुछ तो ऐसे दावेदार है जो अपना कारोबार व्यापार में अड़चनें न आये इसलिए पार्टी का दामन थाम लिया था और अब जिला अध्यक्षी की दौड़ में खुद को सबसे आगे पा रहे है होना भी चाहिए उसमे बुराई नही पर कम से कम संगठन को चलाने का माद्दा होना भी जरूरी है जो कुछ को छोड़ दिया जाये तो किसी मे नजर नही आता