जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था: सिविल सर्जन ने कहा- शुरू हुई सोनोग्राफी की सुविधा, मौके पर बंद मिला चैंबर

जिला अस्पताल की लचर व्यवस्था: सिविल सर्जन ने कहा- शुरू हुई सोनोग्राफी की सुविधा, मौके पर बंद मिला चैंबर
अनूपपुर। जिले में 3 साल से अधिक समय से सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं। सोनोग्राफी के लिए जिला अस्पताल में मशीन भी उपलब्ध है, लेकिन डॉक्टर की उपलब्धता नहीं होने के कारण सोनोग्राफी नहीं हो पा रहा हैं। जिसको लेकर कई बार प्रयास भी किया गया हैं। उसके बाद भी सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं हो पाई। जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की मशीन को चालू करने के लिए प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर को निर्देश भी दिया गया था। जो सोमवार एवं बुधवार को जिला अस्पताल में आकर सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को देने वाले थे। जब इस बारे में सिविल सर्जन एसआर परस्ते से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल में सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध हो गई है। आज सोमवार था, दैनिक भास्कर की टीम जब जिला अस्पताल पहुंचा, तो मौके पर पहुंचने पर सिविल सर्जन की कही बात झूठी निकली और सोनोग्राफी की सुविधा जिला अस्पताल में कहीं भी नहीं हो रहा था। इस बारे में दुबारा सिविल सर्जन से जानने की कोशिश की गई, तो सिविल सर्जन से बात नहीं हे पाई। जिला अस्पताल में 3 सालों से सोनोग्राफी की सुविधा बंद है। जिसको लेकर कई प्रयास किए गए, लेकिन वह शुरू नहीं हो पाया। एक बार फिर प्राइवेट अस्पतालों से हफ्ते में 3 दिन सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नोटिस जारी की गई। जिसमें निजी अस्पताल के डॉक्टर जिला अस्पताल में आकर सोनोग्राफी करेंगे। इसके लिए जिला अस्पताल प्रति मरीज 500 रुपए भी निजी अस्पताल को देगी। नोटिस के बाद भी निजी अस्पताल के डॉक्टर जिला अस्पताल नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने जब कुछ दिन पहले ही वीडियो कॉल से मरीजों चर्चा कर रहे थे, तो सोनोग्राफी बंद होने की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को दी गई थी। वहीं वेंकटनगर के डॉक्टर राजीव मोगरे का चयन सोनोग्राफी डिपार्टमेंट में पदस्थापना के लिए हुआ है। जिनके लिए वह 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए गए हुए हैं। 6 महीने के लिए हमें प्राइवेट अस्पतालों से ही मरीजों का सोनोग्राफी करना पपड़ेगा। जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।