बन रही मौत का कारण, ड्यूटी डॉक्टर के भरोसे चल रहा अस्पताल
अनूपपुर। जिला अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं का खामियाजा यहां उपचार के लिए आने वाले मरीजों व उनकी देखभाल के लिए रहने वाले परिजनो को उठाना पड़ रहा है। लचर व्यवस्थाओं के कारण लगातार घटनाएं घटित हो रही है। मरीज को सही समय पर उपचार नहीं मिल रहा हैं। ड्यूटी डॉक्टर की भरोसे जिला अस्पताल चल रहा है। जिला अस्पताल की हालत ऐसी हो गई कि डॉक्टर अपने केबिन से मरीजों को देखने के लिए वार्ड तक नहीं जातें। इसके कारण अब मरीजों की सही समय पर इलाज नहीं मिलने कारण मौत भी हो रही हैं। 29 सितंबर को भी इमरजेंसी की हालत में महिला भर्ती हुई थी, लेकिन डॉक्टर की लापरवाही की वजह से महिला को जान गवानी पड़ी। जिला अस्पताल में बिस्तर की कमी होने के कारण लोग जमीन पर ही अपना इलाज कर रहे हैं। जगह-जगह पर जिला अस्पताल में गंदगी फैली हुई है। एक भी स्पेशलिस्ट डॉक्टर अपने चैंबर में नहीं बैठते हैं। ड्यूटी डॉक्टर के भरोसे ही जिला अस्पताल का संचालन किया जा हैं। डॉक्टर की आपसी तालमेल नहीं होने से परेशानी हो रही है।जिला अस्पताल की हालात को सुधारने के लिए सीएमएचओ के प्रयास भी धरातल पर नहीं दिख रहे है।
डॉक्टर की लापरवाही से गई महिला की जान
29 सितंबर को जिला मुख्यालय अनूपपुर वार्ड 12 अमरकंटक रोड निवासी जितेंद्र पांडेय की पत्नी ममता पांडेय (45) को अचानक तबीयत खराब होने पर दोपहर 3 बजे जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया था। जहां मरीज को सही इलाज न मिलने के कारण रात 7 बजे मौत हो गई। मरीज 3 बजे से भर्ती थी, लेकिन एक भी डॉक्टर शाम 7 बजे तक एक भी बार मरीज को देखने नही आया था। जबकि शाम 4 बजे से मरीज की तबीयत ज्यादा खराब हो गई। जब ड्यूटी डॉक्टर को मरीज को देखने के परिजनों ने मिन्नत की, तो ड्यूटी डॉक्टर ने यह कहकर परिजनों को भगा दिया कि मेरी ड्यूटी नीचे है। ऊपर जाकर मरीज को नहीं देखूंगा। मैनेजमेंट से जाकर बात करो। जहां शिकायत करना हो कर दो मेरा कुछ नहीं होने वाला हैं। परिजनों के दबाव के बाद सीएमएचओ ने नोटिस जारी कर डॉक्टर से जवाब मांगा था, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की।
पहले भी नर्स की लापरवाही से महिला हो चुकी मौत 
11 जून को अनूपपुर के जिला अस्पताल में पदस्थ एक नर्स के पैसे के लालच के कारण एक गर्भवती महिला की मौत हो गई थी। महिला को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे पति से नर्स ने घर पर इलाज कराने को कहा। नर्स ने महिला का घर पर इलाज कर भेज दिया था। महिला की तबीयत फिर बिगड़ी, तो पति उसको लेकर दोबारा नर्स के पास पहुंचा। हालत बिगड़ने पर नर्स ने कुछ घंटों बाद अचेत अवस्था में उसे जिला अस्पताल भेज दिया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद कलेक्टर ने जांच के बाद नर्स को निलंबित कर दिया था।
कलेक्टर ने जिला अस्पताल का निरीक्षण कर ली बैठक
इस मामले में कलेक्टर अनूपपुर आशीष वशिष्ठ ने कहा कि जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर 30 अक्टूबर को एक डिटेल बैठक की थी। राज्य सरकार से 17 नए डॉक्टरों की स्वीकृति प्रदान हुई है। इसमें 5 अक्टूबर के बाद डॉक्टर ज्वाइन कर सकते हैं। इसके साथ ही में इस महीने के अंत तक नए अस्पताल भी शुरू कर दिए जाएंगे। साथ ही जिला अस्पताल के डॉक्टर का एक रोस्टर बनाया जाएगा। इसमें रोजाना डॉक्टर जिला अस्पताल में मरीज के लिए उपस्थित होंगे। जहां तक मामला सीएमएचओ की हैं, तो निश्चित ही जांच की जाएगी।
डॉक्टर मरीज को नहीं देख रहे- सीएमएचओ
सीएमएचओ अशोक कुमार अवधिया ने बताया कि सभी सीनियर डॉक्टरों को मरीज को देखने का निर्देश जारी किया था, लेकिन उसके बाद भी डॉक्टर मरीज को नहीं देखतेे। इसको लेकर कलेक्टर आषीष वषिष्ट ने चिकित्सकों के साथ बैठक करते हुए सभी चिकित्सकों को मरीजों को देखने के निर्देश दिए। डॉक्टर ओपीडी के साथ-साथ ऑन कॉल भी रहेंगे। जैसी इमरजेंसी की सूचना मिलेगी, डॉक्टर तुरंत जिला अस्पताल आएंगे। वही कलेक्टर ने जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान फैली गन्दगी को लेकर सिविल सर्जन डाॅ एसआर परस्ते को फटकार लगाते हुए व्यवस्थाए दुरूस्त रखने के निर्देष देते हुए लापरवाही सामने आने पर कार्यवाही की बात कही।