रेत ठेकेदार के अवैध उत्खनन पर कलेक्टर की चुप्पी? फिर कार्यवाही करेगा कौन ! 
विजय उरमलिया की कलम से
अनूपपुर - जिले में रेत खदानों के समूहों का ठेका लेने वाली कंपनी एसोसिएट कामर्स ने जिस कदर नदियों के चीरहरण का काम शुरू किया है वह अपने आप मे माफिया राज की जीती जागती तस्वीरें हैं। एक तरफ जिले के खनिज अमले ने पूरी तरह से रेत माफिया के आगे सरेंडर कर दिया है बांकी की उम्मीद जिले के राजस्व विभाग से थी कि ये विभाग कम से कम सीमांकन ईमानदारी से करेगा पर यहाँ भी वही ढाक के तीन पात वाली बात सामने आई इन्होंने भी रेत माफिया के हिसाब से सीमांकन की प्रक्रिया तब की जब रेत माफिया ने अवैध उत्खनन के सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नदियों से भारी मात्रा में रेत का अवैध उत्खनन किया ,अब लगातार रेत माफिया के द्वारा सारे नियम कानून को रौंदते हुए जिला प्रशासन को अपनी जागीर समझ कर जिस तरह से नदियों का चीरहरण कर रहा है और इस पर कलेक्टर अनूपपुर की चुप्पी बताती है कि कहीं न कहीं रेत माफिया साहब पर भी ऊपर से दबाव बनवाने में पूरी तरह कामयाब है पर दुर्भाग्यजनक तो यह है कि  जहां प्रशासन पूरी तरह से इस रेत माफिया के सामने घुटनो के बल बैठा नजर आ रहा है वही राजनैतिक शून्यता तो मानो नेताओं के छाती में जा समाई है आखिर जब आप इन प्रशासनिक अमले का कुछ नही कर सकते,इन माफियाओं का कुछ नही कर सकते तो आखिर इस जनता को ये बताने में गुरेज क्यों नही होता कि हम तुम्हारे जनप्रतिनिधि है अगर आप के बूते की बात नही है तो राजनैतिक सन्यास की घोषण करते हुए अनूपपुर जिले को अनाथ घोषित करवाने में जुट जाना चाहिये।