नए मुख्यमंत्री से अनूपपुर जनता में जगी आस अंगद की पांव की तरह जमे भ्रष्ट अधिकारियों को बदले जाने की मांग
जिले में भ्रष्टाचार के मामले में खनिज विभाग नम्बर वन

इन्ट्रो- आज 12ः00 बजे प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के शपथ के साथ ही प्रदेश में नई सरकार कार्य करना शुरू कर देगी। इसी के साथ अब इस बात की भी संभावना है कि अनूपपुर मे कई वर्षों से मलाईदार कुर्सियों पर बैठे अधिकारियों पर नई सरकार का कुछ असर होता है या नहीं वही इस बात की भी चर्चा चल रही है कि अब जब प्रदेश के मुखिया का चेहरा बदल गया है तो शासन प्रशासन की पुरानी व्यवस्था में भी बदलाव की संभावना है ऐसे में अनूपपुर में अंगद की पांव की तरह जमे कई विभाग के अधिकारियों पर इसका असर जरूर पड़ेगा।
अनूपपुर। प्रदेश में शासन का चेहरा बदल दिया गया लगभग 16 साल से प्रदेश की सरकार को अपने मार्गदर्शन में चलने वाले शिवराज सिंह की जगह मोहन यादव आज 12ः00 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। मुख्यमंत्री के शपथ लेते ही जहां प्रदेश में शिवराज युग का अंत होगा वही मोहन यादव के युग का श्री गणेश प्रदेश की सत्ता का चेहरा बदलने के कारण इस बात की भी संभावना है कि ब्यूरो क्रेट में भी भारी उलट फेर होगा। इस उलट फेर में अनूपपुर जिले पर भी इसका असर पड़ेगा यह तय माना जा रहा है। अभी तक अनूपपुर जिले में जो भी प्रशासनिक संरचना है उसको शिवराज के द्वारा ही संचालित किया जाता रहा है भले ही इसमें अनूपपुर के भाजपा नेताओं और भाजपा विधायकों की भूमिका रही हो लेकिन यह तय है कि बड़े प्रशासनिक उलट फेर में हमेशा से शिवराज की ही पसंद सर्वोपरि रही है। 16 साल से ज्यादा मुख्यमंत्री होने के कारण जन-जन में लोकप्रिय और अधिकारियों से भी अच्छे संबंध के कारण जिले की प्रशासनिक ढांचे की उस तरह से सर्जरी नहीं हो पा रही थी जिसकी जरूरत यहां की जनता बहुत दिनों से महसूस कर रही है लेकिन अब जब प्रदेश में शिवराज युग का अंत हो गया है और मोहन यादव युग का श्री गणेश तो इस बात की संभावना बढ़ गई है कि अब कहीं ना कहीं मलाईदार विभागों में बैठे भ्रष्ट अधिकारियों को अनूपपुर से जाना होगा या उन्हें अपनी कार्यशैली में बदलाव लाना होगा क्योंकि नई प्रशासनिक व्यवस्था के तहत अधिकारियों की सर्जरी होना तय माना जा रहा है।


जिले के सबसे भ्रष्ट खनिज विभाग में बदलाव होना जरूरी


अनूपपुर जिले में सबसे भ्रष्ट विभाग की गिनती की जाए तो खनिज विभाग का नंबर सबसे पहले आता है अगर यह कहा जाए की जिले में भ्रष्टाचार के मामले में खनिज विभाग नंबर वन पर है तो गलत नहीं है। इस विभाग में कई अधिकारी और कर्मचारी कई वर्षों से यहां पर अंगद की पांव की तरह जमे पड़े हैं और अपने संरक्षण में माफियाओं को जिले की खनिज संपदा की लूट करने की खुली छूट प्रदान कर रखी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि अगर शिकायत के मामले में भी देखा जाए तो इस विभाग की दर्जनों शिकायत खनिज सचिव मुख्य सचिव से लेकर मुख्यमंत्री और पीएमओ तक में लंबित पड़ी है। यही नहीं इस विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों की मनमानी की 43 षिकायतें सीएम हेल्पलाइन में भी लंबित है जिसमें सबसे ज्यादा षिकायतें 32 एल 4 की श्रेणी में है। परंतु शिवराज सरकार द्वारा इनका संरक्षण प्रदान किया जा रहा था लेकिन अब जब प्रदेश में मोहन यादव की सरकार काम शुरू करने वाली है तो अनूपपुर की जनता नई सरकार से इस बात की उम्मीद कर रही है कि अनूपपुर की खनिज संपदा की लूट को खुला संरक्षण देने वाले खनिज विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों को अनूपपुर के जिले से बाहर का रास्ता दिखाया जाए जिससे यहां की खनिज संपदा कि सुरक्षा हो सके।


पंचायत में भी जमे भ्रष्टाचारियों को भी बदलना जरूरी

 


जिले में भ्रष्टाचार के मामले में नंबर दो पायदान पर जिला पंचायत द्वारा संचालित जनपद पंचायत में जमे बाबू अधिकारी और इंजीनियर का नाम आता है। एक सर्वे के हिसाब से कहा जाए तो जनपद पंचायत और जिला पंचायत में कुंडली मारकर बैठे बाबू और इंजीनियरों को यहां से हटा दिया जाए तो इस जिले में पंचायत विभाग के भ्रष्टाचार में अपने आप 50 प्रतिषत की कमी आ जाएगी। फिलहाल यह कहां जाए कि सत्ता के दबाव के कारण यहां पर कुंडली मार कर बैठे बाबू और अधिकारी इंजीनियरों का सत्ता के गलियारों में पकड़ मजबूत होने के कारण लाख शिकायतों के बाद भी ना तो इन पर कोई कार्यवाही हो रही है और नहीं इनके अंदर सुधार अगर मुख्यमंत्री सहायता में लंबित षिकायतों की बात करे तो अनूपपुर जिले के तीसरे नम्बर पर पंचायती राज और उससे जुड़े हुए विभाग आते है। जिसमें 516 षिकायते अब तक लंबित है। यहां प्रमुख बात यह है कि इन 516 लंबित शिकायतों में से एल 3 लेवल की 210 और लेबल की 169 शिकायत है। तो वही स्थानीय स्तर पर 131 शिकायतें लंबित है। अब जब प्रदेश में नए मुखिया के हाथ में सत्ता की बागडोर आयी है तो जनता पंचायत विभागों में जमे ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के यहां से विदाई की राह देख रही हैं।


जिले में भ्रष्टाचार के मामले में नंबर तीन पर वन विभाग 

 


जिले में भ्रष्टाचार की चर्चा हो और वन विभाग का नाम ना आए यह हो नहीं सकता जिले में भ्रष्टाचार के नंबरिंग में नंबर तीन पर वन विभाग को लिया जा सकता है। खनिज और वन विभाग दोनों एक दूसरे के पूरक माने जाते हैं और दोनों विभाग के पास प्रकृति द्वारा दी गई अकूत संपदा है लेकिन जैसे खनिज विभाग के भ्रष्टाचार मे लिप्त अधिकारियों के कारण जिले की खनिज संपदाओं की लूट मची हुई है इस तरह वन विभाग में बैठे भ्रष्ट बड़े अधिकारियों के कारण वन संपदा की खुली लूट हो रही है। जिले के कोने-कोने में जंगल काटे जा रहे हैं वन विभाग की जमीनों पर अवैध अतिक्रमण हो रहे हैं वही वन विभाग की जमीनों पर रेत निकाल कर खुलेआम बेचा जा रहा है और ऐसी खबरों अनूपपुर के अखबारों में सुर्खियां बटोरती रहती है लेकिन यहां के अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर कोई लगाम नहीं लग पाता ऐसे में अब जब प्रदेश का निजाम बदला है तो अनूपपुर की जनता वन विभाग में वर्षों से कुंडली मारकर बैठे भ्रष्ट अधिकारियों को यहां से हटाए जाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर देख रही है। अगर सीएम हेल्पलाइन की शिकायत की माने तो इस विभाग की अभी तक 44 शिकायतें लंबित है।जिसमें 23 शिकायत एल 3 की श्रेणी में है। तो एल 1 और एल 2 में क्रमशः 11 और 10 शिकायतें लंबित है।