वन विभाग और डब्लू टी आई ने किया हाथी मानव संघर्ष को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला  का आयोजन,
अनूपपुर। आपसी संचार के लिए हाथी कई प्रकार के व्यवहार का इस्तेमाल करते हैं। इनमें स्पर्श, गंध और आवाज प्रमुख हैं। इनमें से कई व्यवहारों को समझकर हम किसी हाथी के स्वाभाव को समझ सकते हैं। जब हाथी शांति से धीरे-धीरे चल रहा हो तो इसका मतलब है कि वह तनाव मुक्त अवस्था में है। इस अवस्था में वह कोई जल्दबाजी नहीं दर्शाता है तथा अपने आसपास के गंध, दृष्टि, आवाज आदि से अपने आस पास को समझने की कोशिश करता है और खतरे को भाप कर अपना व्यवहार बदल देता है। किसी भी संभावित खतरे या खतरा होने पर हाथी अत्यधिक उत्तेजित हो जाते हैं। और उसके व्यवहार में स्पष्ट और त्वरित परिवर्तन दिखाई देता है। कोई भी हाथी जब खतरे में होता है तो आक्रामक हो सकता है। बच्चे वाली मादाओं का ध्यान शिशुओं के बचाव पर रहता है। मस्त की स्थिति में नर हाथी बहुत ही आक्रामक हो जाते हैं तथा इनका व्यवहार अप्रत्याशित हो जाता है ।। अगर एक हाथी को ऐसा लगता है कि उसे अपनी या किसी साथी की रक्षा करनी है तो वह कई प्रकार के व्यवहार कर सकता है। हाथियों का ध्वनि संकेत बहुत ही धीमा अर्थात् कम आवृति का होता है जिसे मनुष्य नहीं सुन सकता है।
द्वेष अथवा विरोध का प्रदर्शन
हाथी अपने सिर और सूंड को ऊपर उठाकर तथा अपने कानों को फैलाकर अपने आकार एवं शक्ति का प्रदर्शन करता है। विरोध एवं नाराजगी दिखने के लिए हाथी अपने कामों को तेजी से फड़फड़ाते हैं। गुस्सा होने पर हाथी चेतावनी के तौर पर दिखावटी आक्रमण करते हैं। इसके बाद हाथी के द्वारा वास्तव में आक्रमण करने की संभावना रहती है। हाथी बहुत ही तेज धावक होते हैं तथा उन्हें पछाड़ना बहुत ही मुश्किल होता हैं। पूंछ से शरीर के दोनों तरफ मजबूती से तीव्र प्रहार भी हाथी की आक्रामकता के संकेत हैं।
डर और घबराहट का प्रदर्शन
हाथी का व्यवहार हमेशा आक्रामक नहीं होता है। अगर हाथी किसी संभावित खतरे को टालने का मन बनाते हैं तो रक्षात्मक रवैया भी अपनाते हैं। लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी इनकी प्रतिक्रियाएं तनावमुक्त अवस्था की क्रियाओं से तेज ही होती हैं। हाथियों को विघ्न पहुचाए बिना आगे जाने का मौका देना जरुरी है। अन्यथा, वे अपने शांतिपूर्ण व्यवहार से अलग बचाव के लिए आक्रामक रुख अपना सकते हैं। सूंड़ को लपेटना तथा मुंह में डालना, सूंड़ से धूल फेकना, पैरों को झुलाना तथा पैरों से धूल उड़ाना हाथियों में घबराहट को दर्शाते हैं। इस परिस्थिति में हाथी अपने पूंछ को उठाकर पीछे की और रखता है तथा कानों को भी बार-बार फड़फड़ाता है।
हाथियों से बचें
रात में जंगल के अंदर या आसपास ना जायें। यदि आपको रात में यात्रा करनी है, तो टॉर्च ले कर जाएं और हर समय सतर्क रहें। साथ ही रात में ऐसे स्थानों से अकेले गुजरने से बचें, अर्थात् कई लोग साथ में चलें। नशे की स्थिति में, शाम के समय या सूर्यास्त के बाद हाथी प्रभावित क्षेत्र में यात्रा न करें। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में समूह में शोर करते हुए चलें ताकि हाथियों को आपकी उपस्थिति का पता चल जाये और वो दूर हो जायें। अगर हाथी दिख जाए तो उसकी तरफ कतई नहीं जाएं। उससे ज्यादा से ज्यादा दूरी बना कर रखें। हाथी होने की सूचना स्थानीय वन विभाग के अधिकारियों, सरपंच तथा नजदीकी हाथी-मित्र को दें। हाथी की उपस्थिति वाले स्थान पर भीड़ एकत्रित नहीं होने दें तथा हाथी के साथ उपद्रव करने से रोकें। ऐसी स्थिति में हाथी अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए आक्रामक हो जाते हैं।
हाथी से आमना सामना होने पर क्या करें?
अगर आप हाथी के सामने आ जाएं तो आपका शांत रहना नितांत आवश्यक है। हाथियों के व्यवहार और मनोदशा को समझने का जल्दी प्रयास 1 करें3. किसी भी कीमत पर हाथी को चिल्लाकर या उस पर कुछ फेंककर भगाने की कोशिश न करें। यदि हाथी को आपकी उपस्थिति का पता नहीं चल पाया है, तो आप धीरे धीरे हाथी हाथियों से सुरक्षित दूर हो जायें। हाथी द्वारा दौड़ाये जाने पर जितनी जल्दी हो सके तेजी से सुरक्षित जगह की तरफ भागें। पेड़ पर चढ़ने अथवा किसी चीज के पीछे छिपने का प्रयास 1 मत करें। भागते समय कोई कपडा हाथी की तरफ फेंक देवें ताकि हाथी थोड़े समय के लिए उलझ जाये और आपको भागने का थोड़ा समय मिल जाये। जब आप सुरक्षित जगह पर पहुँच जायें तो वन विभाग, हाथी मित्र एवं सरपंच को सूचित करें।
जब हाथी गाँव में घुस जाए तो क्या करें
हाथियों को न तो घेरे न ही उन्हें स्वयं खदेड़ने का प्रयास करें। स्थानीय वन विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों, अन्य विभागों, हाथी मित्र दल के सदस्यों एवं सरपंच को सूचित करें। भीड़ वाली जगह को खाली कराएँ तथा लोगों की भीड़ नहीं जमा होने दें। हाथी मित्र दल के सदस्य और उनके सहयोगी गाँव और हाथी के बीच मोर्चा संभालें तथा हाथियों से कम से कम 100 मीटर की दूरी बनाए रखें। रात के समय सुरक्षित दूरी से हाथियों के आँखों पर टॉर्च की रौशनी चमकाएं। हाथियों को देखकर चिल्लाएं नहीं। अगर आप हाथियों से सुरक्षित दूरी पर हैं तो हूटर, सायरन आदि ध्वनि उपकरणों का प्रयोग कर शोर कर सकते हैं। रात के समय उपरोक्त ध्वनि पैदा करने वाले उपकरणों एवं टॉर्च का एक साथ प्रयोग कर हाथियों को धीरे-धीरे गाँव से दूर हटाया जा सकता है।