कटघरे में खड़ी चचाई पुलिस की जांच,मामला अमलाई सोडा फैक्ट्री में ड्राइवर की मौत का 
अनूपपुर - पैसा और सत्ता की सनक सब को बौना साबित कर सकती है आपने सुना होगा पर किसी की मौत पर मातम मनाने या न्याय की सीढ़ियों पर कानून व्यवस्था चरमराने  की तस्वीरें सिर्फ अनूपपुर में देखी और सुनी जा सकती है,दरसल मामला गोल्डन कंपनी के ड्राइवर ब्रजराज सिंह की मौत का है जहां भाजपा नेता भूरा सेठ के भतीजे पर मारपीट का आरोप था जिसके बात पीड़ित ड्राइवर की मौत तबियत बगड़ी और न्याय के लिए मौत के समागम में समा जाने वाले बृजराज सिंह को बिहार से चलने के बाद यह आस नही रही होगी कि जहां वो जाने वाला है वहां न्याय परस्त लोग या जिम्मेदार नही रहते वहां राजनैतिक संरक्षण और चंद नोटों में सब कुछ खरीदा और बेंचा जा सकता है,सूत्रों की माने तो इस पूरे मामले की पोस्टमार्डम रिपोर्ट भी आ चुकी है मौत का कारण भी चोंट है फिर इंतजार पुलिस का किस बात का है कि अब बजी जांच की जा रही है और दूसरी तरफ सत्ता की ठसक और राजनैतिक संरक्षण एक एक कर सारे सबूत,गवाह सब नेस्तोनाबूत किये जा राहे है पर दुर्भाग्यवश पुलिस अब भी जांच कर रही है अब अभिषेक का मोबाइल भी चालू हो चुका है आखिर कई संदेहास्पद पहलू है बृजराज सिंह की  मौत के पर न्याय है कि मौत के आगोश में बृजराज सिंह के साथ दमीदोज होने की कगार पर जा पहुंची है,सूत्रों का कहना है सेठ ने ऊपर से ले कर नीचे तक पूरी फील्डिंग जमाई है और सब कुछ अपने हिसाब से सेटल किया जा चुका है यहां तक कि खबर है पीड़ित परिवार तक को ये सत्ता के दलालों ने नही बख्सा और उनका मुह भी बंद करने की कीमत अदा कर दी है,पर आपके गुनाहों का यहां नही तो वहां जरूर खुलेगा पुलिस मैनेज,परिवार मैनेज,गवाह मैनेज सब कुछ ऊपर से नीचे तक मैनेज पर बृजराज सिंह की मौत का हिसाब तो देना होगा चूंकि पोस्टमार्डम रिपोर्ट में चोंट पाने की बात सामने आ रही है अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस जांच कर बता पायेगी कभी की आखिर ब्रजराज को चोंट कैसे और मौत के कितने घन्टे पहले लगी ऐसे कई सवाल है जो मौत की बाद भी बृजराज सिंह को ज़िंदा महज इसलिए किये हुए है कि आखिर न्याय कब