पगना में तिपान में रेत माफियाओं का कहर,तिपान में रात 12 बजे से सुबह 9 बजे तक रेत का भारी अवैध उत्खनन जारी - विजय उरमलिया की कलम से

पगना में तिपान में रेत माफियाओं का कहर,तिपान में रात 12 बजे से सुबह 9 बजे तक रेत का भारी अवैध उत्खनन जारी
अनूपपुर - अनूपपुर जिले में इन दिनों रेत माफियाओं के कब्जा है एक तरफ रेत कंपनी अमन सेठी का मैनेजर रिंकू सिंह अपने कुछ खास लोगों के साथ मिल कर जहां फ्लाइंग स्कॉड के संरक्षण में अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन करवा रहा है तो दूसरी तरफ ग्राम पंचायत पगना में पंचायत के आगे सौ मीटर की दूरी पर एक कच्चा रास्ता तिपान नदी की तरफ जाता है और यहां जैसे ही रात होती है रेत माफियाओं के दिन शुरू हो जाता है नदी के एक मुहाने को जेसीबी से खोद कर नदी में उतरने का रास्ता बना कर ताबड़तोड़ रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है ,पगना में चल रहे ताबड़तोड़ रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगा पाना पुलिस और खनिज विभाग के लिए भी चुनौती बना हुआ है इस घाट से पिपरिया पगना,और आस पास के सक्रिय रेत माफिया रात भर रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे है इस पूरे खेल में सबसे बड़ा नाम पगना निवासी महेंद्र सिंह पिता छोटेलाल गोंड है जो लगातार कई महीने से पगना तिपान नदी पर कहर बन कर टूट रहा है
लगातार रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन निश्चित तौर पर जिम्मेदारों के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहा है चूंकि जिस रास्ते से रेत का परिवहन किया जा रहा है वहाँ अधिकार हिस्सा जंगल विभाग के अंदर भी आता इसके बावजूद जंगल विभाग भी नही देख रहा सूत्रों की माने तो इस क्षेत्र के वीट गार्ड से लेकर जैतहरी पुलिस का संरक्षण इस रेत माफिया को प्राप्त होने के चलते कार्यवाही नही हो रही चूंकि यहां से निकलने वाली रेत पगना के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा जैतहरी तक भेजी जा रही है पर आज तक कार्यवाही के नाम पर शून्य है
वही बेला घाट से लगातार रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन होना जिले की कानून व्यवस्था की पोल खोल रहा है,सबसे बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि आखिर कब जिले का प्रशासनिक अमला पुलिस अमला जागेगा जिसकी वजह से जिले में चल रहे रेत के अवैध करोबर पर अंकुश लगाई जा सके,सबसे दुर्भाग्य जनक तो यह है कि अब रेत की अवैध परिवहन और उत्खनन रोकने के लिए अमन सेठी ग्रुप ने जो फ्लाइंग स्कॉड हायर किया है वो खुद जिन लोगों से पैसा मिलता है रात में उनकी गाड़िया उनके संरक्षण में अवैध कारोबार को अंजाम दे रही है अब जब जिसको बाड़ी की रखवारी दी गई है जब वही बाड़ खाने पे आमादा हो जाये तो भला फिर आप फसल की सुरक्षा कैसे पुख्ता कर सकते है,अमन सेठी ग्रुप ने जिस दिन से ठेका लिया और जब यह खबर सामने आई कि ठेका सरेंडर होने की कगार ओर है तो उनके अपने लोग ही ताबड़तोड़ अवैध उत्खनन और परिवहन के इस कारोबार में संलिप्त हो कर लाखो रुपये अवैध कमाने का रास्ता ढूंढ लिया