पति की हत्या कर शव को रसोई में रखा: कोर्ट ने दोषी पत्नी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 3000 रुपए अर्थदंड
पति की हत्या कर शव को रसोई में रखा: कोर्ट ने दोषी पत्नी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा, 3000 रुपए अर्थदंड
अनूपपुर - पति को बहोश कर गला घोंटकर हत्या करने वाली दोषी पत्नी प्रतिमा पति मोहित बनावल (33) निवासी ग्राम करौंदाटोला को अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम की न्यायालय ने दोषी माना है। दोषी को तीन अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास एवं 3000 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई हैं। पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नारेंद्र दास महरा ने की। वरिष्ठ सहायक जिला अभियोजन ने बताया कि 11 नवंबर 2019 को फरियादी संतराम बनावल ने थाना अमरकंटक में मौखिक रिपोर्ट लेख कराया कि 22 अक्टूबर 2019 को 33 वर्षीय छोटा भाई मोहित बनावल घर से बिना बताए कही चला गया हैं। इसके आधारपर थाना अमरकंटक में गुम इंसान कायम किया गया। 21 नवंबर 2019 को संतराम बनावल ने लिखित में सूचना दिया कि 20 नवंबर 2019 को गांव तथा आसपास के गांव के सयानों ने मोहित बनावल के घर बैठक में मोहित बनावल की पत्नी प्रतिमा बनावल से पूछताछ की गई तो प्रतिमा बनावल इधर-उधर की बात करने लगी और घर में किसी को घुसने नहीं दे रही थी। इससे सभी लोगों को शंका हुई, तो लोगों ने जबरदस्ती घर घुस कर देखा तो एक किनारे छपाई लिपाई किया हुआ था। वहीं पास खाना बनाने की मिट्टी का चूल्हा था। छपाई वाले स्थान पर लोहे की राड डाल कर देखने पर गीली मिट्टी और बदबू आने लगी। कुछ देर बाद उसी जगह पर मक्खियां भिनभिनाने लगी। जिसकी सूचना पर अमरकंटक पुलिस को दी गई। पुलिस मौका निरीक्षण के बाद उत्खनन की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी पुष्पराजगढ होने पर नायाब तहसीलदार के समक्ष उत्खनन उत्खनन कार्रवाई में मिले शव की शिनाख्ती परिजनों से कराए जाने पर मोहित बनावल का बताया। कार्रवाई के बाद प्रतिमा बनावल को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किए जाने पर उसने अपने कथन में बताया कि गनाराम ने साथ मिलकर मोहित बनावल को खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर खिलाया। जिसे बेहोशी की हालत में जीआई तार से हाथ-पैर को बांधकर गले में जीआई तार फंसाकर खींचकर हत्या की। विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। अभियोजन की पैरवी से न्यायालय में आरोपी के खिलाफ अपराध प्रमाणित पाए जाने पर सजा सुनाई।