श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिये प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बना पवित्र नगरी अमरकंटक ,भ्रष्टाचार , अनियमितता और नशाखोरी की शिकायतें भी बढ़ीं ,,रिपोर्ट @ श्रवण उपाध्याय अमरकंटक

श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिये प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बना पवित्र नगरी अमरकंटक ,भ्रष्टाचार , अनियमितता और नशाखोरी की शिकायतें भी बढ़ीं
अमरकंटक/अनूपपुर : मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली /पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा नदी , जोहिला नदी , सोन नदी की उद्गम स्थल नगरी अमरकंटक में केन्द्र और राज्य सरकार की करोड़ों रुपयों की बहुत सारी योजनाओं के माध्यम से पिछले दो - तीन वर्षो में बहुत से कार्य करवाए गये हैं , जिसके कारण प्रतिवर्ष यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है । अमरकंटक में चिंताजनक तथ्य यह है कि शुभारंभ किये जाने के बावजूद भी एसटीपी का कार्य अभी भी अपूर्ण होने से नर्मदा शुद्धिकरण का सपना बना हुआ है । पिछले कुछ वर्षों में यहाँ शासकीय / अर्ध शासकीय आयोजनों में भ्रष्टाचार , अनियमितता और नशाखोरी की शिकायतें भी बढ़ी हैं , जिसे लेकर यहाँ के साधू - संतों , नर्मदा उ्दगम मन्दिर के पुजारियों और स्थानीय जनजातीय लोगों में नाराजगी बढी है ।
अमरकंटक मध्य प्रदेश का प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक तीर्थ स्थल पवित्र नगरी अमरकंटक के लिए 2024 का वर्ष उल्लेखनीय तो रहा ही पर्यटक तीर्थ यात्रियों के लिए अनेकों सौगात लेकर आया था इस दौरान कई विकास कार्य पर्यटको के आकर्षण के लिए हुए और किए भी गए इससे पर्यटक , तीर्थयात्री अमरकंटक नगर में भारी तादाद में आ भी रहे और आगे आएंगे भी । पर्यटक , श्रद्धालुओं के आकर्षित किए जाने के लिए कई कार्य हुए हैं । मध्य प्रदेश एवं केंद्र की सरकार के द्वारा मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने विभिन्न योजनाओं के तहत विकास कार्य किए हैं और साथ ही निरंतर चल भी रहे हैं सोनमुड़ा 73 लाख रुपया की लागत से एवं कपिलधारा में 78 लाख रुपए की लागत से प्राकृतिक की सौंदर्यता के मनोहारी छवि को देखने के लिए ग्लास व्यू प्वाइंट का निर्माण किया गया है । इससे पर्यटक तथा तीर्थ यात्री प्राकृतिक सौंदर्यता को बहुत करीब से देख सकेगे । इसी तरह अमरकंटक में नदी के दक्षिणी तट रामघाट में घाट का विकास किया गया है तथा विद्युत व्यवस्था मनोहरी दर्शन के लिए लगाया गया है ।
अमरकंटक में रामघाट के उत्तर एवं दक्षिण तट को जोड़ने वाला झूला पुल का निर्माण कार्य 10 करोड रुपए की लागत से मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रसाद योजना के तहत निर्माण चल रहा है जो कि फरवरी मार्च तक में पूरा हो जाने की संभावना जताई जा रही । यह झूला पुल पर्यटको और यात्रियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र होगा । इसी तरह प्रसाद योजना के तहत पतित पावनी मां नर्मदा जी की उद्गम स्थल मंदिर परिसर में सौंदर्यीकरण के तहत विकास कार्य अनवरत चल रहे है । पर्यटक तीर्थ यात्रियों के आकर्षित करने के उद्देश्य से पावन सलिला मां नर्मदा नदी के पुष्कर बांध से लगे मेकल पार्क में सतपुड़ा एडवेंचर क्लब का गत दिनों भव्य उद्घाटन हुआ है जिससे सैलानी और भी लाभान्वित होंगे । नगर में विभिन्न जगहों पर पर्यटन विकास निगम द्वारा सुलभ शौचालय बनाया गया है । इसी तरह लोक निर्माण विभाग परिसर में अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए आवास हेतु भवन निर्माण किया गया है । इसी तरह मेला ग्राउंड में मध्य वर्गीय यात्रियों के लिए आवास भवन निर्माण करवाया गया है तथा कार्यक्रम हेतु विशाल ट्यूबलर स्ट्रक्चर का निर्माण का कार्य किया गया है ।
अमरकंटक के सोनमूडा में ग्लास व्यू पॉइंट का कुछ निर्माण शेष है वह भी 15 जनवरी तक पूर्ण कर दिया जाएगा जिसे पर्यटक यात्रियो के लिए खोल दिया जाएगा ताकि पर्यटक और यात्री प्राकृतिक सौंदर्यता तथा हरीयाली की वादियो को बहुत ही करीब से देख सकेंगे । कपिलधारा में ग्लास व्यू प्वाइंट का निर्माण पूरा हो गया है । पर्यटक यात्रियों के लिए शुरू कर दिया गया है । यहां से पर्यटक तीर्थयात्री श्रद्धालुगण नर्मदा जलप्रपात का सौंदर्य का दर्शन कर रहे हैं ।
अमरकंटक के नागरिकों एवं पर्यटक तीर्थ यात्रियों के नाम पर कहा गया है कि न आने वाले सैलानियों पर्यटक तीर्थ यात्रियों के लिए अब सोनमुड़ा से शुरू होकर माई बगिया तथा धरम पानी तक रोपवे का निर्माण प्राकृतिक सौंदर्यता मनोरम घाटी को देखने हेतु निर्माण किया जाना चाहिए तथा इसी तरह कपिलधारा दूध धारा एवं पंचधारा तक रोपवे का निर्माण भी सरकार कराए तो पर्यटक तीर्थ यात्री और भी ज्यादा प्रकृति से तारतम्य में जोड़ पाएंगे । इसी तरह अनेकों पर्यटक तीर्थ यात्रियों ने कहा है कि अमरकंटक को खजुराहो , चित्रकूट एवं मैहर से हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ा जाना चाहिए ताकि देसी विदेशी पर्यटक यहां आधिकारिक संख्या में आ सके । अमरकंटक का विकास पर्यटन के साथ-साथ धार्मिक आध्यात्मिक विकास भी किया जाना अति आवश्यक होगा ।
अमरकंटक के नागरिकों सहित भक्त तीर्थ यात्रियों ने मांग की है कि पतित पावनी मां नर्मदा जी का जीवन वृत कथा का लाइट एंड साउंड के जरिए सायं काल किया जाना चाहिए । इस कार्य योजना पर भी सरकार को सोचना होगा ।
अमरकंटक का विकास
नर्मदा_शक्ति_लोक पर किया जाना प्रस्तावित है । लेकिन अमरकंटक के नागरिकों की भावना के अनुसार सर्वांगीण विकास किया जाना आवश्यक चाहिए ।
यह भी उल्लेखनीय है कि तत्कालीन मुख्य सचिव श्री के सी एस आचार्य के द्वारा विकास कार्यक्रमों एवं योजनाओं पर एक गाइडलाइन निर्धारित की गई थी कि अमरकंटक में कंक्रीट का जंगल उगाए बगैर निर्माण कार्य कराया जाए तब ही नर्मदा जी का जलस्तर यथा स्थित में बना रह सकेगा अन्यथा कहीं नर्मदा जी विलुप्त ना हो जाए तथा धड़ाधड़ हो रहे बोरिंग पर प्रतिबंध भी लगाया जाना आवश्यक बताया गया था ।
इंदिरा पार्क का विकास किया गया है लेकिन अमरकंटक के विकास कार्यों को ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों का नामकरण किया जाना चाहिए । 2025 में अच्छा पार्क उद्यान बनाया जावे । अमरकंटक 2024 में आधिकारिक पर्यटक तीर्थ यात्री आये एवं अमरकंटक की रमणीय मनोरम स्थलों का आनंद लिया । पर्यटक तीर्थ यात्रियों के तथा परिक्रमावासियों के सुगम यातायात हेतु जवाहर नवोदय विद्यालय तिराहा से गुरुद्वारा तक तथा नर्मदा के किनारे किनारे बांधा पुल तक प्राधिकरण द्वारा डामरीकरण का रोड निर्माण किया गया है जो सराहनीय है । नर्मदा उद्गम स्थल परिसर के बगल विकास योजना के तहत रसोई का निर्माण कराया गया है लेकिन वह किन्ही गतिरोध के चलते शुरू नहीं हो पाया है उसे भी उज्जैन एवं मैहर की भांति भोजन प्रसाद के लिए सहज एवं सरल उपलब्धता तीर्थ यात्रियों पर्यटकों भक्त श्रद्धालुओं को बहुत ही कम कीमत पर उपलब्ध कराया जाए । यह ट्रस्ट के द्वारा संचालित होना चाहिए । यह भी गौरतलब है कि पर्यटक तीर्थ यात्रियों के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार ना हो पार्किंग एवं अन्य शुल्क के नाम पर अवैध_वसूली न की जाए । इस पर भी ध्यान रखा जाना चाहिए । अनेकों पर्यटक तीर्थ यात्रीयो से यह कहते सुने जाते हैं कि यात्रियों के साथ अवैध वसूली की जाती है अतः अमरकंटक प्रवेश पर ही एक ही बार नियत शुल्क प्रशासन लेवे । ज्वालेश्वर धाम जो मध्य प्रदेश अनूपपुर जिला तथा अमरकंटक का अभिन्न अंग है का मार्ग मरम्मती करण होना जरूरी है ।