जयपुर के भक्तों ने नर्मदा उद्गम स्थल पर सुनी भागवत कथा ,भागवत कथा एक कल्याण का मार्ग है - आचार्य ऋषि राज शर्मा ,,संवाददाता / श्रवण उपाध्याय 

अमरकंटक / मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक के मृत्युंजय आश्रम में जयपुर (राजस्थान) से पधारे भक्तों को आचार्य श्री ऋषि राज शर्मा जी व्याकरणाचार्य (राज्यपाल पुरस्कृत) ने उन्नीस मई से पच्चीस मई दो हजार पच्चीस साप्ताहिक भागवत कथा का सभी उपस्थित भक्तों को कथा का रसपान कराया गया । 
कथा के प्रथम दिवस आश्रम से कलश यात्रा निकालकर मां नर्मदा के उद्गम स्थल पहुंच पूजा अर्चना कर वापस आश्रम पहुंची । रोजाना कथा सुबह 8.30 से दोपहर 2 बजे तक चलती थी । भागवत कथा में नित्य यजमानों के द्वारा पूजा प्रारंभ की जाकर कथा पाठ कर जयपुर से आए भक्तों एवं स्थानीय भक्तों द्वारा बड़े ही भक्ति भाव से  कथा का श्रवण किया गया l भागवत कथा में मृत्युंजय आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती जी महाराज ने कथा व्यास श्री ऋषि राज शर्मा जी को माला,शाल भेंट कर उनका  स्वागत किया गया , अपने प्रवचन में उन्होंने अमरकंटक के मेकल पर्वत का महत्व को बहुत बारीकी से बतलाया एवं कथा श्रवण करने वाले आए भक्तों को सौभाग्यशाली भी बताया कि वे इस पावन धारा पर कथा श्रवण कर रहे हैं l कथा में अग्निपीठाधीश्वर आचार्य श्री रामकृष्णानंद जी महाराज मार्कण्डेय आश्रम ने भी व्यास पीठ पर बैठ कथा वाचक का स्वागत किया l भागवत कथा में नित्य संगीतमय कथा का लाभ सभी श्रोता , भक्तों को रसपान कराया गया l पंडित ऋषि राज शर्मा जी ने कहा कि भागवत कथा एक कल्याण का मार्ग है जो सुनने मात्र से ही कल्याण कर देती है । जयपुर के सुरेश शर्मा ने बताया कि यह कथा श्री गौ सेवा संकीर्तन मंडल पिंजरा पोल गौशाला सांगानेर  के तत्वाधान में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित ऋषि राज शर्मा जी ने व्यास पीठ पर विराजमान होकर कथा का वाचन किए । अंतिम दिवस के यजमान गणपत सिंह गहलोत जयपुर एवं राजेंद्र विजय अजमेर थे l 
कथा समापन पश्चात हवन करवाया गया उसके बाद भंडारा का आयोजन हुआ ।  सभी आए हुए भक्त , श्रोता जिनमें प्रमुख अरुण गोयल , रमेश नईवाल , राधेश्याम , विजय , जगदीश मीना , उमाशंकर , सुरेश शर्मा आदि कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किए ।