पशुपालन विभाग के प्रत्येक योजनाओं का करें बेहतर क्रियान्वयन अधिकारी-अनूपपुर कलेक्टर

प्रत्येक डॉक्टर की पदस्थापना कर व्यवस्थित ड्यूटी लगाना सुनिश्चित करें अधिकारी-कलेक्टर

पशुपालन विभाग के मैदानी अमला नियमित फील्ड विजिट कर पशुपालकों से करें सीधा संवाद स्थापित- कलेक्टर

कलेक्टर ने पशुपालन, उद्यानिकी, कृषि, सहकारिता एवं मत्स्य विभागों के कार्यों एवं योजनाओं की समीक्षा कर दिए निर्देश

अनूपपुर 8 मई 2025/ कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने कहा है कि पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा संचालित प्रत्येक हितग्राही मूलक योजनाओं का प्रचार-प्रसार करते हुए ज्यादा से ज्यादा पशुपालक किसानों को लाभान्वित किया जाए। विभागीय अधिकारी ग्रामीण स्तर पर शिविरों और जनसंपर्क के माध्यम से यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग की प्रत्येक योजना जैसे गोकुल मिशन, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम, डेयरी विकास योजना आदि का जमीनी स्तर पर प्रभावी क्रियान्वयन हो। इसका लाभ पात्र किसानों एवं पशुपालकों तक पहुँचना चाहिए। कलेक्टर अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक पशु चिकित्सा अधिकारी (डॉक्टर) की पदस्थापना भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप सुनिश्चित की जाए तथा सुनियोजित रूप से ड्यूटी चार्ट तैयार कर कार्य का विभाजन किया जाए, जिससे पशु चिकित्सा सेवाएँ व्यवस्थित रूप से संचालित हो सकें। कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली आज कलेक्ट्रेट कार्यालय के नर्मदा सभागार में एपीसी की बैठक में पशु पालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री तन्मय वशिष्ठ शर्मा सहित पशुपालन, उद्यानिकी, कृषि, सहकारिता एवं मत्स्य विभागों के अधिकारी तथा मैदानी अमला उपस्थित थे। 

बैठक में कलेक्टर ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग के मैदानी अमले को निर्देश दिए कि वे नियमित फील्ड विजिट कर पशुपालकों से सीधा संवाद स्थापित करें। उन्हें सरकार द्वारा संचालित लाभकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी देकर इन योजनाओं से सक्रिय रूप से जोड़ें। साथ ही, विभागीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लिए स्पष्ट जनपदवार लक्ष्य निर्धारित कर, समयबद्ध रूप से शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने पशु उपचार, टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, कृत्रिम गर्भाधान से वंसोत्पादन, प्राकृतिक गर्भाधान सहित और विभिन्न संचालित के प्रगति की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। 

बैठक में कलेक्टर ने किसान क्रेडिट कार्ड शिविर का विधिवत आयोजन एवं किसान क्रेडिट कार्ड योजना का किसानों को लाभ दिलाया जाए। इसी प्रकार उन्होंने गौशाला पॉलिसी, सांची मिल्क पार्लर, राष्ट्रीय व्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम पशु कल्याण समिति के प्रगति की विधिवत समीक्षा कर पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने आचार्य विद्यासागर गौ संवर्धन योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्राप्त की। जिस पर अधिकारियों द्वारा कलेक्टर को अवगत कराया गया कि वर्ष 2025-26 में 22 हितग्राहियों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 16 हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित किया जा चुका है। शेष लक्ष्य जल्द से जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा।

बैठक में कलेक्टर ने एपीसी से संबंधित समस्त विभाग अधिकारियों को निर्देशित किया की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का समस्त भुगतान राशि कलेक्टर एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के अनुमोदन के पश्चात ही कराया जाए जिससे कार्यक्रमों एवं योजनाओं की प्रगति एवं वस्तु स्थिति की जानकारी प्राप्त हो सके। बैठक में कलेक्टर ने कलस्टर वाइज कुक्कुड पालन को गति देने तथा किसानों के आमदनी बढ़ाने पर अधिकारियों को फोकस करने के निर्देश दिए तथा रूटीन कार्य के साथ नवाचार को भी बढ़ावा देने के अधिकारियों को निर्देश दिए।

अनूपपुर के आस-पास उद्यानिकी फसल रकबा बढ़ाएं अधिकारी- कलेक्टर

कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने एपीसी की बैठक के अंतर्गत उद्यान की विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनूपपुर नगर के आसपास स्थित गांव में उद्यानिकी विकास को नई दिशा दिया जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे किसानों को आम, नींबू और अमरूद जैसी लाभकारी फसलों की खेती के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि अनूपपुर की जलवायु इन फसलों के लिए अनुकूल है, जिससे किसानों को बेहतर आमदनी प्राप्त हो सकती है। क्षेत्रवार किसानों की पहचान कर उन्हें तकनीकी मार्गदर्शन एवं आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। इसके साथ ही, कृषि सिंचाई पद्धति, स्प्रिंकलर सेट तथा प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के लाभ अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचाने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि कार्ययोजना बनाकर लक्ष्य निर्धारित करें और अधिक से अधिक किसानों को उद्यानिकी फसलों से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाए।

खरीफ सीजन में पारंपरिक फसलों के साथ-साथ नवाचार को दिया जाएं बढ़ावा- कलेक्टर

कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने एपीसी के अंतर्गत कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को खरीफ सीजन में पारंपरिक फसलों के साथ-साथ नवाचार को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केवल धान पर निर्भरता कम करते हुए किसानों को मक्का, अरहर, मूंग, कोदो, कुटकी, सोयाबीन एवं रामतिल जैसी वैकल्पिक एवं लाभकारी फसलों की ओर प्रेरित किया जाए। इन फसलों से न केवल भूमि की उर्वरता बढ़ेगी, बल्कि किसानों को आर्थिक रूप से भी मजबूती मिलेगी।

कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि किसानों को उन्नत किस्म के बीज, उर्वरक, जैविक खाद एवं तकनीकी मार्गदर्शन समय पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने धान की विभिन्न किस्मों एवं उनकी गुणवत्ता संबंधी जानकारी लेकर क्षेत्र के अनुकूल किस्मों को अपनाने की सलाह भी दी।

बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि उद्यानिकी फसलों की तर्ज पर खरीफ फसलों के लिए भी कार्ययोजना तैयार कर क्षेत्रवार फसल विस्तार किया जाए। इससे किसान विविध फसलों से बेहतर आमदनी प्राप्त कर सकेंगे और कृषि क्षेत्र में नवाचार के साथ आत्मनिर्भर बनेंगे।

सहकारी संस्थाओं को और अधिक प्रभावशाली एवं पारदर्शी बनाया जाए-कलेक्टर

कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली ने सहकारिता एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक में पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वाेच्च प्राथमिकता देने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने सहकारी संस्थाओं को और अधिक प्रभावशाली एवं पारदर्शी बनाने पर बल देते हुए कहा कि समितियों के प्रशासकों की यह जिम्मेदारी है कि वे गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न रखें और अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें। किसी भी अनियमितता की स्थिति में वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सूचित कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें।

बैठक में सहकारिता विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि जिले में वर्तमान में 25 सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं तथा 11 नई समितियों के गठन की प्रक्रिया प्रगतिशील है। कलेक्टर ने समितियों की दक्षता बढ़ाने और किसानों को अधिकतम लाभ पहुंचाने हेतु ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

इसी प्रकार कलेक्टर ने मत्स्य विभाग की योजनाओं और क्रियान्वयन की भी समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को योजनाओं का लाभ मत्स्य पालकों तक पहुँचाने हेतु सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में विभागीय कार्यों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझावों पर भी चर्चा हुई।