पांच हाथियों का समूह बांका के जंगल से रविवार की सुबह लखनपुर के जंगल में पहुंचकर कर रहा आराम- रिपोर्ट @ शशिधर अग्रवाल अनूपपुर
अनूपपुर। अनूपपुर जिले में विगत कई दिनों से विचरण कर रहे पांच हाथियों का समूह शनिवार की सुबह वन परिक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत बांका के जंगल कक्ष क्रमांक आर.एफ. 357 में निरन्तर चार दिन ठहरने बाद देर साम कुदुरझोरी नाला के समीप पंगना एवं ठेगरहा तक गये जहां ग्रामीणों की एकत्रित भीड़ द्वारा हो-हल्ला एवं कई अन्य माध्यमों से भगाए जाने पर देर रात दुधमनिया-कांसा मुख्य मार्ग को पार कर लखनपुर पंचायत के पोडीखुर्द गांव सरईहाखार, कांसा गांव के कदौहाटोला, पिपरिया के मलथर, पोडीखुर्द के बरमबाबा से लखनपुर के अमहाई तालाब में नहाने एवं दर्जनों किसानों के खेतों में लगी धान एवं अन्य तरह के फसलों को अपना आहार बनाते हुए रविवार की सुबह वन परिक्षेत्र अनूपपुर के अगरियानार बीट अंतर्गत लखनपुर-खोलईया मुख्य मार्ग के मध्य दुर्गा मढिया पहाड़ी में पहुंचकर दो भागों में बट कर नर्सरी के कक्ष के.आर.एफ. 371 में विश्राम कर रहे हैं, हाथियों के समूह का निरंतर दूसरी बार इस क्षेत्र में आने से बांका, पगना, दुधमनिया, ठेगरहा, गोबरी, केकरपानी, कांसा, पोडीखुर्द, पिपरिया एवं लखनपुर के ग्रामीण दहशत एवं परेशान की स्थिति में है जो अपने गांव एवं मोहल्ला, घरों मे हाथियों के प्रवेश को रोकने के लिए हर संभव प्रयास एकत्रित होकर पूरे दिन एवं रात में कर रहे हैं जिसमें ग्रामीण कुछ हद तक सफल होते हैं किंतु हाथियों का समूह अपनी मनमर्जी से ही निरंतर विचरण कर पेट भरने के लिए खेतों में पहुंचकर कई कई घंटे तक एक ही स्थान पर धान एवं अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बना रहे हैं वर्तमान समय तक स्थिति सामान्य एवं नियंत्रण में है वही वन विभाग का मैदानी अमला जो  विधानसभा निर्वाचन के पूर्व शासन द्वारा की जा रही अग्रिम तैयारी पर अनूपपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में बनाए गए चेक पोस्ट बैरियर में तैनात किए जाने के कारण बहुत कम संख्या में बचे हैं जो हाथियों की विचरण पर निगरानी बनाए रखते हुए ग्रामीणों को समझाइए दे रहे हैं लेकिन ग्रामीण अब अपने हो रहे नुकसान के कारण किसी भी तरह की बातों को मानने को तैयार न होकर अपने तरीके से हाथियों को भगाने की कोशिश में लगे हुए हैं, हाथियों के समूह में दो मझले हाथी रात के समय अनेको वार आपस में खेल-कूद करते रहते हैं जो ग्रामीणों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है,वहीं ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से ग्रामीण अंचलों में विगत दो माह से अधिक समय से उत्पन्न इस बड़ी समस्या जिसमें ग्रामीणों के साल भर के खाने एवं आजीविका,परिवार चलाने के लिए लगाए गए धान एवं अन्य तरह की फसलों के नुकसान को देखते हुए हाथियों के समूह को योजनाबद्ध तरीके से जिले के बाहर अयंत्र स्थान पर खदेड़ने की मांग की है,विगत दो महत्वपूर्ण लखनपुर कांसा, पगना, बांका, दुधमनिया, केकरपानी, गोवरी आदि गांव में हाथियों के द्वारा किए गए फसल,घर,बांड़ी एवं अन्य तरह के नुकसान का मुआवजा राशि अब तक ना मिल पाने से ग्रामीणों में शासन-प्रशासन, स्थानिय पटवारी के प्रति भारी आक्रोश देखा गया है ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि कुछ लोगों को हाथियों से नुकसान का शासन द्वारा प्रदाय की गई नुकसान पर बहुत कम राशि दी गई है प्राप्त राशि हुये नुकसान से 10 से 15 प्रतिशत ही है।