राकेश की हत्या के बाद उपजा विवाद, वाहन में लगाई आग वाहन पलटाया मौके पर एडिशनल एसपी,तहसीलदार एसडीओपी तनाव की स्थिति निर्मित,लगातार अमलई पुलिस पर अवैध कारोबारियों को संरक्षण देने के लगते रहे है आरोप,शिकायत को गंभीरता से लेते तो शायद आज ये घटना न होती - विजय उरमलिया की कलम से

राकेश की हत्या के बाद उपजा विवाद, वाहन में लगाई आग वाहन पलटाया मौके पर एडिशनल एसपी,तहसीलदार एसडीओपी तनाव की स्थिति निर्मित
शहडोल।जिले के अमलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत ईटा भट्ठा में रहने वाले राकेश नामक युवक की आज दोपहर करीब 2:00 बजे लाश मिलने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश भर आया बड़ी संख्या में लोगों ने यहां कबाड़ का कारोबार करने वाले शिव नामक व्यक्ति के कबाड़ की दुकान पर आग लगा दी रास्ते में जा रहे एक वाहन को पकड़कर उसे आग लगा दि और बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष मौके पर पहुंच गए स्थानीय लोगों का आरोप था कि राकेश जो की 14 तारीख से लापता था इसकी शिकायत स्थानीय थाने में दी गई थी लेकिन पुलिस ने गुमशुदगी कायम करने के बाद चिन्हित बदमाशों की कोई पतासाजी नहीं की जिस कारण लोगों में आक्रोश उमड़ आया स्थानीय लोगों का कहना था कि 14 तारीख की रात ईटा भट्ठा के समीप राकेश, युवराज साहू, सूरज चौधरी, हेमलाल चौधरी, मुरली चौधरी, कृष्णा यादव और गुलाब चौधरी के साथ चाय पीने गया था।
देर रात सभी एक साथ थे और उसके बाद इन लोगों में कहा सुनी भी हुई सभी मौके से वापस आ गए और ईटा भट्ठा में स्थित एक कबाड़ की दुकान जो गणेश पंडाल के सामने स्थित है वहीं रुक गए थे पीड़ित के परिजनों ने बताया कि चेतू और लकी तथा युवराज साहू ने उसे मारने की धमकी दी थी इसके अलावा एक संदीप पाल नामक युवक का भी नाम सामने आया है जिसका विवाद कुछ दिन पहले मृतक से हुआ था उसने भी उसे जान से मारने की धमकी दी थी लेकिन तमाम नाम पुलिस के सामने रखने के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रही थी आज दोपहर जब युवक की लाश मिली तो लोगों का गुस्सा सतह पर आ गया लोगों ने यहां वाहन में आग लगा दी और मुख्य मार्ग को जाम कर दिया दोनों तरफ जाम की स्थिति बनी हुई है और शहडोल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीवान, एसडीओपी धनपुरी, बुढार, धनपुरी ,अमलाई के थाना प्रभारी, तहसीलदार भावना डेहरिया, नायब तहसीलदार और तमाम पदाधिकारी मौके पर पहुंचे हैं स्थिति तनाव की बनी हुई है।
हम आपको बता दे ये पूरी घटना कहीं न कही अमलई पुलिस की नाकामी की गवाही है लगातार इस क्षेत्र में अवैध कारोबार फलफूल रहे थे और अवैध कारोबारियों को संरक्षण देने का आरोप अमलई पुलिस पर लगते रहे है इस पूरे घटना क्रम में अगर अमलई पुलिस समय रहते शिकायत को गंभीरता से लेती तो शायद आज ये घटना न हुई होती