सशक्त राष्ट्र निर्माण के लिए मतदाता जागरुकता - डी ए प्रकाश खांडे

शासकीय कन्या शिक्षा परिसर पुष्पराजगढ़ जिला अनूपपुर मे पदस्थ माध्यमिक शिक्षक डी ए प्रकाश खांडे ने मतदाताओं को जागरूक रह कर स्वतंत्र मतदान करने का आहवान किया गया है | लोकतंत्र की महत्ता से ही सशक्त भारत का निर्माण होगा | भारत लोकतांत्रिक देश है और मतदान लोकतांत्रिक प्रणाली का अहम हिस्सा है। लोकतंत्र के नियमों के आधार पर सरकार चुनी जाती है। लोकतंत्र के नियमों में पांच वर्षों में एक बार चुनाव किया जाता है। जनता के मतों द्वारा चुने गए प्रतिनिधि ही राष्ट्र का संचालन करते हैं। पाँच वर्षों में सरकार चुनने की यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। अपना प्रतिनिधि चुनने में जनता स्वयं जिम्मेदार होती है। इसलिए लोकतांत्रिक प्रणाली में मतदान का विशेष महत्व है तथा मतदान की शक्ति को समझना प्रत्येक नागरिक के लिए आवश्यक है। मतदाता चाहे पुरुष हो या स्त्री या थर्ड जेंडर हो सबके मत की कीमत एक समान है | बगैर डर भय और बिना लालच से योग्य उम्मीदवार को वोट देवें | 

मतदाता की भूमिका

भारत देश में प्रत्येक वह नागरिक जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है या उससे अधिक की आयु रखता है, पागल और दिवालिया घोषित ना हो | संबधित मतदान क्षेत्र मे नाम दर्ज हो

उसे मतदान करने का पूरा अधिकार है। लोकतंत्र में चुनावी गणना वोटों के आधार पर ही की जाती है। यह वोट मतदाता का देश के लिए अहम योगदान होता है।

मतदान की आवश्यकता 

लोकतंत्र में अब सभी राजनीतिक गतिविधियां वोटों के गणित पर ही आधारित होकर संचालित होती हैं। यह वोट जनता के द्वारा ही परिलक्षित होते हैं। *एक नागरिक - एक वोट* लोकतंत्र की प्रणाली में मतदाता चुनाव के अवसर पर सही मतदान करके नागरिकों द्वारा लोकतंत्र की रक्षा की जा सकती है |