सरई से खमरौध मार्ग के सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का बोल-बाला बनते ही पैदल चलने पर उखडने लगी सड़क

सरई से खमरौध मार्ग के सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का बोल-बाला बनते ही पैदल चलने पर उखडने लगी सड़क
पुष्पराजगढ। लोक निर्माण विभाग के द्वारा सरई से लेकर खमरौध तक लगभग 10 किलोमीटर लंबाई के मार्ग का आशीष अग्रवाल कांट्रेक्टर से कराया जा रहा निर्माण कार्य गुणवत्ता से परे है, या यूं कहें यह मार्ग अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग जिम्मेदार उपयंत्री ठेकेदार की जेब भरने के लिए कराया जा रहा है गुणवत्ता इसकी ऐसी फाइनल कोड होने के बाद भी हल्के से धक्के में उखड़ रहा है, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है यह मार्ग ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को कितने दिनों तक आवागमन की सुलभता उपलब्ध करा सकेगा। और उन जनप्रतिनिधियों को भी इसकी प्रवाह नहीं है जो भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार बेईमानी का आरोप लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें तो सिर्फ ग्रामीणों से मतदान के समय की मतलब होता है बाकी दिनों में वह किस तरह जीवन बसर कर रहे हैं और कैसे ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर बाजारों तक पहुंचते हैं इससे उन्हें कोई लेना देना नहीं।
कलेक्टर के मंसूबो पे पानी फेर रहे है विभाग के अधिकारी
जिले के पुष्पराजगढ़ आदिवाशी अंचल सरई से खमरोध मार्ग जिसकी लंबाई दस किलोमीटर जिसकी लागत करोड़ो में है ठेकेदार और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी की जोड़ी किस कदर भ्रस्टाचार को अंजाम दे रहे है इस कि बानगी सरई से खमरौध मार्ग में देखा जा सकता है एक तरफ तो जिले के कलेक्टर निर्माण कार्यो की गुणवत्ता की पे नजरे बनाये रहते है तो वही दूसरी तरफ पुष्पराजगढ़ में लोक निर्माण विभाग के अधिकारी गुणवत्ता विहीन कार्य कराकर अपने जेब भरने में मशगूल है। आप को बता दे कि सड़क निर्माण का काम लगभग पूरा होने को है एक तरफ ठेकेदार आशीष अग्रवाल के द्वारा निर्माण किया जगह है तो दूसरी तरफ सड़क के परखच्चे उड़ रहे है जो कि तस्वीरो में साफ देखा जा सकता है। लोक निर्माण विभाग प्रभारी एस डी ओ अरविंद सिंह और ठेकेदार आशीष अग्रवाल की मनमानी इस कदर है आला अधिकारियों का कोई डर नही है इसका नतीजा ही यही है कि बे खौफ हो कर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे है।
आदिवासियों के साथ छलावा
पुष्पराजगढ़ आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है सरकार हमेशा से आदिवाशियो के विकास और उनके हक की बात करती है, तो वही दूसरी तरफ सरकार के ही नुमाइंदे व जनप्रतिनिधियों के द्वारा उनके हक व अधिकारों को हनन किया जाता रहा है ग्रामीण अंचलों में अच्छी सड़को का निर्माण हो जिसका लाभ ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगो को लाभ मिल सके लेकिन लगता है इन बातों से विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का कोई सरोकार नही है जिसका नतीजा यह है कि सरई खमरौध मार्ग भ्रष्टाचार के भेट चढ़ गई और जिम्मेदार मौन धारण किये हुए है या यूं कहें कि विभाग के अधिकारी ठेकेदार के सामने नत मस्तक हो अपनी जेब भरने में लगे हुए है।
इनका कहना है
आपने इस संबंध में जानकारी दी है मौके पर पहंुचकर गुणवत्ता की जांच की जायेगी। सड़क का निर्माण घटिया पाये जाने पर ठेकेदार से पुनः निर्माण करवाया जायेगा बरसात में निर्माण होने से दिक्कत हो सकती है।