पुष्पराजगढ़ के तराई क्षेत्र में नशे के सौदागरों की अफीम की खेती पुलिस ने किया पर्दाफाश राष्ट्रीय स्तर के माफियाओं के शामिल होने की संभावना
पुलिस जांच में जुटी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की आने की आहट हो सकता है बड़ा खुलासा@राम भैया की रिपोर्ट
इन्ट्रो-शांत पडे मां नर्मदा के तट और मैकलांचल के तलहटी में स्थित पुष्पराजगढ के सरई चौकी अंतर्गत मंगलवार की देर शाम के बाद चटुआ और गोरा टोला में पुलिस की हूटर बजाती गाडियो की धमक किसी के समझ में नही आ रहा था कि अधिकारियो और पुलिसकर्मियो की बढती फौज जंगलो मंे क्या कर रही है, लेकिन सुबह होते ही जब ग्रामवासियो को पता चला कि पुलिस ने अफीम की खेती का पर्दाफाष किया है तो हर कोई भौचक्का रह गया। विष्व में नषे का सबसे बडा मादक पदार्थ माने जाने वाला नषा यहां कैसे पहंुचा जबकि एक एकड में करोडो का मुनाफा देने वाली इस खेती में जो बीज डाला जाता है वह भी लाखो रूपये किलो में शासन की अनुमति से मिलता है ऐसे में इस खुलासे के बाद कई सवाल खडे हो रहे है जिसका जवाब पुलिस अभी तलाषने में जुटी है।
अनूपपुर। विष्व के बाजारो में सबसे मंहगे नषे की खेती आदिवासी क्षेत्र पुष्पराजगढ के तलहटी क्षेत्र में हो सकती है इसका शायद अनुमान जिले वासियो को क्या मध्यप्रदेष सरकार को नही रहा होगा। जानकार सूत्र बताते है कि शहडोल जोन के अतिरिक्त पुलिस महा निदेषक डीसी सागर को मुखबिर से सूचना मिली कि सरई चैकी अंतर्गत चटुआ और गोरा टोला से सटे जंगली क्षेत्र में अफीम की खेती हो रही है जिसके बाद एडीजीपी डीसी सागर वहां पहंुचे और पुलिस अधीक्षक अनूपपुर को सूचना दी, जिसके बाद पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया जब अफीम के खेत की खोज हुई तो ख्ुाद पुलिस अधिकारी भौचक्के रह गये तो क्षेत्रवासी क्यो न रहते। हलांकि पुलिस पूरे मामले की अभी तप्तीस में जुटी है कि आखिर अफीम की खेती यहां कैसे और किसके इषारे पर शुरू हुई। उधर पुलिस सूत्रो की माने तो अफीम की खेती करने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियो को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है।  
नषे के सौदागरो का हो सकता हांथ
सरई चैकी अंतर्गत ग्राम चटुआ व गोरा टोला में अफीम की खेती का पर्दाफाष होने के बाद पुलिस जहां गंभीरता से परत-दर-परत जांच में जुटी है वहीं पुलिस सूत्रो का कहना है कि यह कहानी जैसे-जैसे खुलती जा रही वैसे-वैसे उलझती जा रही है। जिस क्षेत्र में यह खेती पायी गयी है वह क्षेत्र गांजा तस्करो का माना जाता है ऐसे में यहां अफीम की खेती के पीछे नषे के सौदागरो का हांथ हो सकता है। हलांकि इसका खुलासा तो तब होगा जब पुलिस को पुख्ता सबूत मिल पायेगा। लेकिन एक बात जरूर है कि जो पुलिस हिरासत में है उनके बूते की बात अफीम की खेती करना नही हो सकता जहां एक एकड खेती की लागत 20 लाख के आस-पास पडती हो। यहां पर यह बता दिया जाये कि इस क्षेत्र में गांजे की खेप  उडीसा से आती है और उडीसा के तस्करो के एजेंट यहां पर है और उडीसा के उसी क्षेत्र में अफीम की अवैध खेती होती है इस आषंका को नजर अंदाज नही किया जा सकता कि कही न कही इस खेती के पीछे उडीसा के गांजा तस्करो का हांथ है।
पुलिस हिरासत में आये प्यादे
पुलिस सूत्रो से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस खेती के पीछे जो नाम अभी तक सामने आ रहे हैं उनमे से इंद्रजीत गोंड, सम्भल सिंह गांेड, दूब सिंह गोंड अभी पुलिस की हिरासत में है, जिनसे पुलिस पूछताछ कर रही है। हलांकि अभी तक इनके द्वारा अपना कोई राज नही उगला गया है प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये जिले के आला पुलिस अधिकारियो के साथ-साथ संभाग और प्रदेष के बडे अधिकारी भी पूरे प्रकरण पर नजर बनाये हुये है और इस बात की संभावना दिख रही है कि पुलिस इसके पीछे कौन है और उसे सामने आकर अंतिम नषे के सौदागर तक पहंुचने का भी पुलिस का प्रयास रहेगा।
आज पुलिस कर सकती बडा खुलासा
बुधवार की देर शाम समाचार लिखे जाने तक अनूपपुर पुलिस के द्वारा इस पूरे मामले में कोई जानकारी पुष्ट तौर पर नही दी गई सूत्र बताते है कि आज गुरूवार को पुलिस अधीक्षक पत्रकार वार्ता के माध्यम से सरई चैकी अंतर्गत चटुआ व गोरा टोला में पकडी गई अफीम की खेती को लेकर बडा खुलासा कर सकते है जिसमें नषे के बडे सौदागरो का हो सकता है पर्दाफाष वहीं इस बात की भी संभावना बढ रही है कि मादक पदार्थ अफीम की खेती का बडा प्रकरण होने के कारण नारकोटिक्स कंट्रोल टीम भी पहंुच सकती है।
इनका कहना है
अनूपपुर जिले की सरई चैकी अंतर्गत अनूपपुर पुलिस द्वारा एक एनडीपीएस एक्ट की कार्यवाही की गई है जिसमें लिखा पढी चल रही है। इस कार्यवाही लगभग ढाई क्वििंटल अफीम के हरे पेड खेत में लगे जप्त किये गये है। आपको बाद में विस्त्रत जानकारी दी जायेगी।
डीसी सागर
एडीजीपी शहडोल जोन