पुष्पराजगढ़ के चुनावी मैदान में नर्मदा सिंह फुटबॉल के साथ पेनल्टी कॉर्नर पर हीरा बन स्ट्राइकर फुन्दे लाल गोल कीपर की भूमिका में
पुष्पराजगढ़ में अब खेला होबे दर्शक दीर्घा में मतदाता

इन्ट्रो- 268 बूथ वाले पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस से बगावत का फुटबॉल चुनाव चिन्ह लेकर चुनावी मैदान में कूदे नर्मदा सिंह के कारण पुष्पराजगढ़ का चुनावी मैदान फुटबॉल के खेल का मैदान बनता जा रहा है। इस क्षेत्र की जनता से बात चीत के बाद यह कहा जा सकता है कि नर्मदा सिंह फुटबॉल के साथ पेनाल्टी कॉर्नर पर खड़े हैं तो वही भाजपा प्रत्याशी हीरा सिंह श्याम पेनाल्टी शाॅट लगाने को तैयार है तो कांग्रेस प्रत्याशी गोल कीपर की भूमिका में नजर आ रहे हैं।
 

 


अनूपपुर।
मां नर्मदा की तलहटी में बसा पुष्पराजगढ़ विधानसभा अपने क्षेत्रफल के कारण प्रदेश की विधानसभा में मुख्य स्थान रखता है तो वही इस क्षेत्र में उबाड़- खाबड़ पथरीली कटीली रास्तों के बीच पहाड़ों की साये में बसी आदिवासी समाज की बस्तियों में भले ही विकास की किरणें नहीं पहुंच पाई हों लेकिन यहां के घर-घर गांव गांव में फुटबॉल का खेल जरूर खेला जाता है। इस क्षेत्र का प्रमुख खेल अगर फुटबॉल को कहा जाए तो गलत नहीं होगा और यही इस समय चुनाव में भी फुटबॉल ही फुटबॉल की चर्चा हो रही है इसका कारण यही है कि कांग्रेस से बगावत करने वाले नर्मदा सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और उनका चुनाव चिन्ह के रूप में फुटबॉल मिला हुआ है। और अब यह फुटबॉल पुष्पराजगढ़ के चुनावी मैदान में पेनाल्टी कार्नर पर फुटबॉल मौजूद है और भाजपा प्रत्याशी पेनाल्टी शाॅट लगाकर फुटबॉल को गोल में डालने के लिए उतावले दिख रहे हैं तो वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी फुटबॉल से गोल न होने पे इसको बचाने के लिए गोलकीपर की भूमिका में नजर आ रहे हैं। वही पुष्पराजगढ़ के राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो वर्तमान में पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक समीकरण या यह कहा जाए की हार जीत का फैसला इसी फुटबॉल पर निर्भर है अब देखना यह है कि हीरा सिंह श्याम पेनाल्टी शाॅट लगाने में सफल होते हैं या फिर फुन्दे लाल सिंह मार्को गोल रोकने में फिलहाल यहां की चुनावी जंग धीरे-धीरे दिलचस्प होती जा रही है।
खेल के मैदान से ही मिली है हीरा को लोकप्रियता
भाजपा प्रत्याशी हीरा सिंह श्याम भले ही इसके पहले जिला पंचायत सदस्य और जनपद पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन यह तय है कि उनकी राजनीतिक लोकप्रियता खेल के मैदान में फुटबॉल और क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी होने के कारण ही है। वही जब खेल के मैदान से राजनीति के मैदान में हीरा सिंह श्याम चर्चित होने लगे तो कांग्रेस विधायक और वर्तमान में कांग्रेस के प्रत्याशी फन्ुदे लाल सिंह मार्को ने अपने बड़े बेटे को धीरे से खेल के मैदान में सक्रिय करके हीरा के प्रभाव को कम करने की कोशिश जरूर की। लेकिन शायद उन्हें वह सफलता नहीं मिल पाई जो उन्होंने सोचकर अपने बड़े बेटे को खेल के मैदान में उतारा था।
पुष्पराजगढ़ के चुनावी मैदान में छाया सन्नाटा
पुष्पराजगढ़ के 268 बूथ वाले विधानसभा क्षेत्र का क्षेत्रफल जहां पूर्व से पश्चिम 150 किलोमीटर के आसपास है वही उत्तर से दक्षिणी यह 60 किलोमीटर का क्षेत्र आता है। इतने विशाल क्षेत्रफल वाले पुष्पराजगढ़ विधानसभा की हर गली और सड़क इस समय चुनावी शोर में डूबी हुई है। चुनाव प्रचार कर रहे वाहनों में बजते डीजे के बीच भले ही छोटे-छोटे बच्चे तालियां बजाते हुए घूम रहे हैं लेकिन अगर यह कहा जाए कि पुष्पराजगढ़ क्षेत्र का मतदाता खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं तो गलत नहीं है। बड़े-बड़े विकास कार्यों का दावा और वादा करने वाले भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याषी अपनी उपलब्धियां बताने की जगह प्रदेश और देश की राजनीति की बातें करते हैं जो आम मतदाताओं की गले के नीचे नहीं उतर रहा है जहां पुष्पराजगढ़ विधानसभा की जनता कांग्रेस विधायक से उनके 10 साल के कार्यों का हिसाब मांग रही है वहीं भाजपा प्रत्याशी के सामने भी जनपद पंचायत अध्यक्ष होने के नाते अपनी उपलब्धियां बताने का दबाव बढ़ता जा रहा है। इसी बीच गोंडवाना गणतंत्र पार्टी से अनिल धुर्वे, भारतीय शक्ति चेतना पार्टी से अमित पड़वार आम आदमी पार्टी के नेता अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अभिजीत मरावी निर्दलीय नर्मदा सिंह, निर्दलीय भाजपा से बगावत करके चुनाव लड़ने वाले छोटे सिंह को लेकर आम मतदाताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। पुष्पराजगढ़ के राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अब वह दौर गया जब मतदाता बिना सोचे समझे परखे वोट दे दिया करते थे शिक्षा के बढ़ते स्तर के बाद तो मतदाता भी जागरूक हो गया है और वह सभी प्रत्याशियों के एक-एक पहलू पर विचार विमर्श करने के बाद ही कोई निर्णय लेता दिखाई पड़ेगा। इसी कारण अभी मतदाताओं में खामोशी छाई हुई है।