गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व उत्सव हरी मन्दिर से शुरु हुआ ,नगर के मुख्य मार्गों से जलधारा प्रवाहित, साफ़ कर पंच प्यारे निकले तलवार लेकर गुरबाणी गाते हुए , गुरु नानक जी के 555 वे प्रकाश पर्व पर शहर में निकला भव्य जुलूस,,रिपोर्ट @ भारतेंदु बैस अशोकनगर

गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व उत्सव हरी मन्दिर से शुरु हुआ ,नगर के मुख्य मार्गों से जलधारा प्रवाहित, साफ़ कर पंच प्यारे निकले तलवार लेकर गुरबाणी गाते हुए , गुरु नानक जी के 555 वे प्रकाश पर्व पर शहर में निकला भव्य जुलूस
- नगर की सड़कों को जलधारा से धोते दिखे सिक्खों समुदायों अनुयायियों द्वारा
- जगह जगह लोगों द्वारा पुष्प वर्षा कर किया स्वागत
मुंगावली :- मुंगावली में श्री गुरु नानक देवजी के 555 वे प्रकाश पर्व के मौके पर शहर में हरी मन्दिर गुरुद्वारा जगमगा उठा । बता दे की बुधवार को हरी मंदिर गुरुद्वारे को सजाया गया जिसमे गुरुवार को विशाल नगर कीर्तन सुबह से शूरू हुआ जो बस स्टैंड गुरूद्वारे से शुरू हुआ और नगर में पोस्ट ऑफिस चौराहा श्री राम लीला मंच गायत्री मंदिर चौराहा गणेश शंकर विद्यार्थी चौराहा पुराने थाने के सामने से वापस होते हुए वापस गुरुद्वारे पर समापन हुआ,जिसमे हरि मंदिर गुरुद्वारे को भव्य विशाल सजाया गया, वहीं गुरुवार को गुरुद्वारा हरि मंदिर में एक बड़े समागम का आयोजन किया गया है। जिसमे सिख समुदाय के लिए लोगो ने शहर के मुख्य मार्गों से यह भव्य विशाल चल समारोह फेरी के रूप में निकाली जिसमे पंच प्यारे इस प्रकाष पर्व जलूस मे आगे आगे चल रहे थे जो हाथो में तलवारे लिए हुऐ हैं पंच प्यारे को कई जगह माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया इस चला समारोह में आसपास के क्षेत्रों से आए सिक्ख समुदाय के छोटे छोटे बच्चों के साथ महिलाए, बालिकाएं भी शामिल होकर सत नाम बाहेगुरु सत नाम बाहेगुरु सत श्री अकाल के भजनों से शहर गूंज रहा है जिसमे इस चल समारोह में कई जगह स्वागत किया गया तो बही चल समारोह में आतिशबाजी भी की गई और समापन पर और गुरू का लंगर भी चलाया गया जिसमे हजारों भक्तो ने प्रसाद ग्रहण किया सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देवजी के प्रकाश उत्सव को गुरुवार को धूमधाम से मनाने के लिए देशभर के साथ साथ शहर के हरि मंदिर गुरुद्वारे में तैयारियां जोरों पर दिखाएं दी हैं। जिसको भव्य हरी मंदिर को भव्य सज़ाया गया जिसमे गुरुद्वारे को कहीं पर गुलाब के फूलों से तो गुरुद्वारा सजाया गया तो तो कहीं पर आकर्षक लाइटिंग के साथ गुब्बारों से सजाया गया था तो बही प्रभात फेरी से पहले अखंड पाठ भी किया गया इस साल प्रकाश पर्व को लेकर लोगों में उत्साह दोगुना हो गया है। ऐसे में गुरुद्वारे की संगत गुरु पर्व की तैयारियों में जुटी हुई दिखाई दी।
गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व, प्रकाश पर्व, गुरु पूरब कहा जाता है। इस दिन सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था। प्रकाश पर्व हर साल गुरुनानक देव जी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। इस दिन सिख समुदाय के लिए लोग सुबह प्रभात फेरी निकालते हैं वा गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं व कीर्तन करते हैं। गुरु पर्व पर चारों ओर दीप जला कर रोशनी की जाती है।
प्रेरणा का स्रोत हैं गुरु नानक देव जी के विचार
गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की नींव रखी और उनके विचार आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु हैं। उन्होंने ईश्वर की एकता का प्रचार किया, इस बात पर जोर दिया कि केवल एक दिव्य इकाई है जो धार्मिक सीमाओं से परे है।
उनकी शिक्षाएं समानता, करुणा और सामाजिक न्याय पर केंद्रित थीं। उन्होंने जाति-आधारित भेदभाव और रीति-रिवाजों का पुरजोर विरोध किया और ईश्वर के साथ सच्चे और हार्दिक संबंध बनाने के बारे में लोगों को शिक्षाएं दीं।
*इस दिन क्या करते हैं लोग?*
गुरु नानक जयंती के अवसर पर, लोग अपने घरों में गुरु नानक देव जी की तस्वीर के सामने दीये जलाते हैं और उनकी शिक्षाओं को याद करते हैं। वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर गुरुद्वारे में जाते हैं और गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर आधारित कार्यक्रमों में शामिल होते हैं