सचिन द्विवेदी बना बम्हनी का चौकीदार,जीआरएस, या ठेकेदार,बम्हनी पंचायत में चौदहवें वित्त से लाखों के फर्जी भुगतान 
अनूपपुर - आखिर जिला प्रशासन और जनपद का काम क्या है समझ से परे है चूंकि जनपद पुष्पराजगढ़ के ग्रामपंचायत में जिस तरह से एक से बढ़ कर एक फर्जी भुगतान हो रहे है ये बता रहे है कि अंधेर नगरी चौपट राजा है सब कुछ और यहां पदस्थ सचिव जयशंकर पांडेय के काले कारनामो की लंबी फेहरिस्त है और इनके द्वारा किये जा रहे भुगतान अधिकतर फर्जी फर्मो के नाम पर अपने या तो रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया गया या अपने चहेतों के नाम से वेंडर बना कर राशि का स्वयं आहरण किया गया,आज हम चौदहवें वित्त से सचिन द्विवेदी को किये गये भुगतानों में जो खुलासा कर रहे है वो और भी चौकाने वाला है एक तरफ इस सचिन द्विवेदी के नाम पर वेंडर आईडी जनरेट कर पीआरडी से कई लाखो के फर्जी भुगतान किये गये तो अब सचिन द्विवेदी को एक तरफ वेंडर के नाम पर स्टाप डैम निर्माण के नाम पर 43,000 का भुगतान किया गया तो दूसरी तरफ जीआरएस मोबाइल रिचार्ज के नाम पर और हद तो तब हो गई जब एक वेंडर को ग्रामपंचायत का चौकीदार बना कर 12,000 का भुगतान किया गया यही यही ऐसे कई लाखों के भुगतान चौदहवें वित्त से इस फर्जी फर्म को अलग अलग तरीके से किये गए है ,क्या जनपद के जिम्मेदार,जिला पंचायत के जिम्मेदारों के आंखों पर पट्टी बंधी हुई है जो इस फर्जी फर्म को 2016 से लगातार इस तरीके से भुगतान किये जा रहे हो और इनकी पहुँच से ये दूर रहा हो ऐसा नही है पर जनपद के ही कुछ जिम्मेदारों के संरक्षण में ये फर्जीवाड़ा चलता रहा और सब अपनी आंखें बंद किये बैठे रहे , इन सचिव महोदय के भृष्टाचार की कहानी इतनी लंबी है कि हर दिन एक भृष्टाचार पर लिखा जाए तो महीनों लग जायेंगे, और हम आपको और भी चौकाने वाला खुलासा जल्द करेंगे कि अपने सगे रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए इस सचिव जयशंकर पांडेय ने भृष्टाचार की सारी हदें लांघते हुए अपनी पहुंच का अहसास जिला पंचायत से लेकर जनपद के जिम्मेदारों को करवा दिया है और अब तो खबर यह है कि इस भृष्टाचारी सचिव को राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने की वजह से अधिकारी हाँथ डालने से बच रहे है,
आप सोचिये पीआरडी,चौदहवें वित्त,में करोड़ो का फर्जी भुगतान सचिन द्विवेदी के नाम पर करने वाला यह सचिव पता नही मनरेगा में क्या हाल किया होगा जिसकी डिटेल भी हम जल्द आपके सामने रखेंगे अब देखना यह है कि आखिर इस भृष्टाचार में संलिप्त इस सचिव का राजनैतिक रसूख काम आता है या फिर अधिकरियों की भृष्टाचार पर नकेल कसने के दावे सच साबित होते है ये तो जिला पंचायत से लेकर जनपद को तय करना है कि आखिर आप क्यों कुर्सी पर विराजमान है अगर आप भृष्टाचार पर नकेल कसने में नाकामयाब है,और आज हद तो तब हो गई जब हमने संबंधित वेंडर से बात की जो स्वयं बसस्टैंड राजेन्द्रग्राम में बतौर बसों में एजेंट काम करता है उससे जब हमने बात की और पूंछा की फर्म कहाँ है तो उनका कहना था कि मेसर्स सुधा पांडेय,पांडेय क्रेशर सब अपना ही है इससे यह तो स्पष्ट हो गया कि कहीं न कहीं बम्हनी में पदस्थ सचिव का ये पूरा खेल है और इस खेल में एक नही कई किरदार काम कर रहे है और मामला तब और गंभीर हो जाता है जो नौकरी करते हुए अपने परिवार को आर्थिक लाभ पहुंचाने का काम लगातार फर्जी तरीके से कर रहा हो

इनका कहना है

मेरे खाते में भुगतान आता है पांडेय क्रेशर मेरा है जो मेसर्स सुधा पांडेय नाम की फर्म है हमारी ही है आप आ कर मिलिये बात करते है

सचिन द्विवेदी वेंडर