ईशा वर्मा का तांडव जारी,अवैध उत्खनन का विरोध करने वाले गुड्डू चौहान,मनोज सोनी,अंकित सोनी सहित दो अन्य के खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा डालने सहित बलवा कराने का फर्जी मुकदमा कराया कायम 
अनूपपुर - कहते है जब अंधेर नगरी चौपट राजा हो तो सब कुछ टाके शेर भाजी टके शेर खाजा हो जाता है और जिले के खिनज विभाग का हाल इन दिनों कुछ यूं ही है जिला खनिज अधिकारी के बस की बात नही जिला सभाल लेना और ऐसे में एक खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा को फ्री हैंड छोड़ दिया गया है और ये खनीज निरीक्षक  अपने मनमर्जी मुताबिक जिले की खनिज संपदा को लुटवाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही और अगर इनके संरक्षण में चल रहे अवैध काम को कोई रोकने के लिए आवाज उठाये तो ये खनिज निरीक्षक शासकीय कार्य मे या तो बाधा डालने का मुकदमा कायम करवा देती है या फिर महिला अधिकारी होने का नाजायज फायदा उठाते हुए खबरों के खिलाफ महिला आयोग में शिकायत करने पहुंच जाती है ऐसा ही कुछ मामला आज कोतमा के चंगेरी रेत खदान के हुआ जहां रेत ठेकेदार के द्वारा लगातार रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था और   नदी के बहाव को रोक कर कोतमा नगर के पानी सप्लाई को प्रभावित किया जा रहा था जिसका विरोध भाजपा के नगरपालिका अध्यक्ष सहित कांग्रेस के नेता गुड्डू चौहान ,मनोज सोनी,अंकित सोनी,जयप्रकाश पांडेय,रफी अहमद,मनोज वर्मन,नदीम असरफी के साथ ग्रामीण जन विरोध कर रहे थे मौके पर पहुंची खनिज निरीक्षक अपनी संरक्षण की पटकथा छुपाने के लिए कोतमा थाने में इन सभी के खिलाफ शासकीय कार्य मे बाधा पहुंचाने के लिए पांच लोगों के खिलाफ कोतमा थाने में  अपराध क्रमांक 272/24  धारा 353,186,500,506 और बलवा की धाराओं पर मुकदमा पंजीबद्ध करा दिया अब सवाल यह उठता है कि जब आप अपनी भृष्टाचार की गाथा छुपाने पे आ जायें तो क्या सही क्या गलत कोई मायने नही रखता और ईशा वर्मा जैसी खनिज निरीक्षक से जांच की उम्मीद तो बेमानी होगी कौन अपने संरक्षण की पोल खोलना चाहेगा चूंकि इन खनिज निरीक्षक का सबसे बड़ा हथियार महिला अधिकारी होना बन गया है चूंकि जब भी पत्रकारों ने इनके कार्यप्रणाली के खिलाफ खबरें लिखी ये निरीक्षक महोदय पत्रकारों के खिलाफ मनगढ़ंत शिकायते राष्ट्रीय महिला आयोग तक मे कर चुकी है अब सोचिये जिस अधिकारी को लोगों की समस्या सुनने की जगह दिलचस्पी हो मामला पंजीबद्ध कराने में उससे सही जांच की उम्मीद तो बेमानी होगी ,अब सवाल यह उठता है आज इन नेताओं के खिलाफ जिस तरह से फर्जी मुकदमा कायम कराने में ये अधिकारी महोदया कामयाब हुई कल और नेताओं के साथ यही होगा तब उन नेताओं का क्या जो आज इस अधिकारी को संरक्षण दे रहे है,अगर खनिज निरीक्षक के कार्य क्षेत्र में मजिस्ट्रेटटियाल जांच करवा दी जाए तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा,
एक तरफ पुलिस ने बिना जांच के इन नेताओं पर मुकदमा पंजीबद्ध कर दिया वही इनकी शिकायत पर अभी तक एफआईआर दर्ज करना कोतमा पुलिस ने लाजमी नही समझा खनिज निरीक्षक ईशा वर्मा के खिलाफ कोतमा थाने में गुड्डू चौहान,रिंकू रामजी मिश्रा सहित दो अन्य लोगों ने एफआईआर दर्ज करने की शिकायत की है पर इनकी शिकायत  पर कोतमा पुलिस ने अब तक मामला पंजीबद्ध करना लाजमी नही समझा जबकि ईशा वर्मा के कार्य क्षेत्र के रेत खदानों,पत्थर खदानों ,क्रेशरों की जांच करा ली जाये तो इन अधिकरी महोदय के द्वारा माफ़ियाओं को दिए जाने वाले संरक्षण की सारी पोल खुल जायेगी बहरहाल ईशा वर्मा को जिस मामले में जहां भी जांच के लिए भेजा जाएगा इसी तरह झूंठे मुकदमे इनके द्वारा उन पर दर्ज करा दिए जायेंगे जो इनके हाँ में हाँ नही मिलाते