बंदऊं गुरु पद पदुम परागा,सुरुचि सुबास सरस अनुरागा। बुढानपुर कोतमा में प्रतिदिन एकत्रित हो रहे हजारों श्रद्धालु @रिपोर्ट - मो अनीश तिगाला

बंदऊं गुरु पद पदुम परागा,सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।
बुढानपुर कोतमा में प्रतिदिन एकत्रित हो रहे हजारों श्रद्धालु
@रिपोर्ट - मो अनीश तिगाला
अनूपपुर / बंदऊं गुरु पद पदुम परागा । सुरुचि सुबास सरस अनुरागा।। अमिअ मूरिमय चूरन चारु । समन सकल भव रुज परिवारु ।।
मैं श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की रज की वंदना करता हूँ, जो सुरुचि ,सुगंध तथा अनुराग रुपी रस से पूर्ण है। वह अमर मूल का सुंदर चूर्ण है, जो संपूर्ण भव रोगों के परिवार को नाश करने वाला है। उपरोक्त पवित्र भाव से परिपूर्ण बुढानपुर ,कोतमा में शिवशक्ति धाम में आयोजित रामकथा का श्रवण करते हुए जिले के समाजसेवी भाजपा नेता श्री मनोज द्विवेदी ने गुरुवार , 16 मार्च को मंचासीन गुरुवर प्रधान यज्ञाचार्य पं सुधाकर जी महाराज बनारस की चरण वंदना करते हुए उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
शिवशक्ति धाम बुढानपुर में 11 मार्च से प्रारंभ हुए इस महायज्ञ में प्रतिदिन सुबह से देर रात्रि तक हजारों दर्शनार्थियों, श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है। गुरुवार को मंचासीन कथावाचक पं डा अभिषेक आचार्य जी महाराज बनारस ने श्री जगन्नाथ पुरी में भगवान श्रीकृष्ण की खिचड़ी से जुड़ी करोमा माता की भावपूर्ण कथा का सरस प्रवाह किया तो भक्तिभाव से पूर्ण उपस्थित श्रद्धालुओं की आंखों से आंसू बह निकले। कथा का सार यह था कि भगवान सिर्फ भावपूर्ण समर्पण और शरणागति के भूखे हैं । उन्हे प्रतिदिन प्रात: बिना नहाए भक्ति भाव से अपने कान्हा के लिये प्रसाद बनाने वाली माता करोमा की खिचड़ी पसंद थी ,ना कि मंदिर में अर्पित होने वाला छप्पन भोग। महाराज जी ने भगवान श्री राम, सीतामाता और जयंत की कथा कहते हुए कहा कि रामद्रोही को कहीं कोई शरण नहीं मिल सकता। हमारे देश में आज भी इसकी सत्यता को परखा जा सकता है। जो लोग भगवान श्री राम , श्री रामजन्मभूमि अयोध्या और रामसेतु पर सवाल खड़े करते थे ,उनका पतन पूरा विश्व देख रहा है।
प्रतिदिन कथा श्रवण के साथ हजारों मातृ शक्तियाँ, आसपास के सैकड़ों गाँव के श्रद्धालु गण यज्ञ मे शामिल हो कर यज्ञ स्थल की परिक्रमा करते हुए पवित्र रज को माथे पर लगा रहे है। उप यज्ञाचार्य पं श्री सुदामा जी महाराज, पं श्री पुष्पेन्द्र जी उर्मलिया, पं श्री लाल जी महाराज , पं श्री नेमानंद जी महाराज के साथ अन्य विद्वान आचार्यों की मंडली के सहयोग से शिवशक्ति दरबार समिति, पुरानी मढिया, बुढानपुर, कोतमा द्वारा निर्मल भक्ति भाव से ओतप्रोत आयोजन किया जा रहा है।
मन्दिर में जगत जननी माता जी की मनोहारी दिव्य भव् सुन्दर प्रतिमा और समीप प्राण प्रतिष्ठित भगवान शिव की प्रतिमा आकर्षण और श्रद्धा का बड़ा केन्द्र बन चुका है। प्रसाद स्वरुप भण्डारा वितरण के लिये भक्तों को साग्रह आमंत्रित कर उन्हे भोजन कराती युवाओं की मंडली का सेवा समर्पण भाव अत्यंत सराहनीय और अनुकरणीय है।
गुरुवार को कथा श्रवण , मन्दिर दर्शन , भण्डारे का लाभ उठाने वालों में पं श्री कामता प्रसाद शुक्ला, श्री मनोज द्विवेदी, श्री अजय शुक्ला, श्री अखिलेश द्विवेदी,श्री तरुण शर्मा, श्री मुरली गौतम, श्री चन्द्र शेखर लल्लू महाराज,श्री हरिशंकर वर्मा के साथ कोतमा, बिजुरी, देवगंवा, बुढानपुर, लामाटोला , निगवानी सहित आसपास के बहुत से गाँव के हजारों लोग शामिल हुए।