बजट : कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर भी सरकार मौन- रमेश सिंह @रिपोर्ट - मो अनीश तिगाला

बजट : कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर भी सरकार मौन- रमेश सिंह
@रिपोर्ट - मो अनीश तिगाला
अनूपपुर / कांग्रेस जिला अध्यक्ष रमेश सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने बजट में मध्यम वर्ग को शहद में लिपटी कड़वी गोलियां दी हैं। शिक्षा के बजट को 2.64 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत करना और स्वास्थ्य का बजट 2.2 प्रतिशत से घटाकर 1.98 करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की दुर्दशा, महंगाई को कम करने और छोटे मझोले उद्योगों के लिए बजट में कुछ नहीं किया गया है। कृषि, पब्लिक हेल्थ, शिक्षा, मनरेगा, फ़ूड सिक्योरिटी व सामाजिक सरोकारों, जन कल्याण के बजट आवंटन पिछले वर्ष की तुलना में कम किए गए हैं। जो किसान-मजदूर, गरीबों, पिछड़ों, दलितों आदिवासियों के लिए खतरे की घंटी है। आम बजट में मात्र कोरी घोषणाओं का अंबार लगाया गया है, उन्हें पूरा करने के लिए पैसा कहां से आएगा, इसका कोई उल्लेख नहीं है। बजट में नए रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कोरी घोषणाएं मात्र हैं। कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर भी सरकार मौन है।
आम जनजीवन को रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष करना पडेगा।बेरोजगारी बढेगी। किसानों को नुकसान उठाना पडेगा।
भारत में अब तक का सबसे दिशाहीन बजट पेश किया गया है इस बजट में पूंजीपतियों के हितों का ध्यान रखा गया है।
इस बजट से महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है क्योंकि डीजल पेट्रोल की लगातार बढ़ती कीमत को कम करने को लेकर बजट में कोई योजना शामिल नहीं की गई है, साथ ही यह भी अनूपपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सिंह ने कहा कि बजट में कैशलेस को बढ़ावा देने के संकेत हैं लेकिन इससे व्यापारियों के साथ होने वाले कार्ड फ्रॉड रोकने और नुकसान की भरपाई करने की कोई ठोस उपाय नहीं दिखा इसी तरह युवाओं में उद्योग और व्यापार में हो रहे माइग्रेशन को रोकने और 10 फ़ीसदी ऑनलाइन व्यापारियों के सामने नहीं टिक पा रहे हैं, 90 फ़ीसदी व्यापारियों के सामने नहीं टिक पा रहे हैं, वही 90 फ़ीसदी व्यापारियों की चिंता दूर करने की कोई भी बंदोबस्त बजट में नहीं दिखा है