वाटर हीरो ने बसंत पंचमी को प्रकृति पर्व मनाने का किया आवाहन- रिपोर्ट @अजय यादव बांदा
 बांदा-जनपद के अंधाव गांव निवासी वाटर हीरो नेशनल नेचर नेटवर्क कार्यकर्ता रामबाबू तिवारी ने 14 फरवरी बसंत पंचमी के पर्व पर प्रकृति को प्रणाम करने का आवाहन किया है। यह पर्व देश के 13 राज्यों में लगभग 700 स्थानों में मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होने बताया कि 14 फरवरी को वसंत पंचमी के पर्व पर प्रकृति को प्रणाम करने का भी अवसर तय किया गया है। हम सब तरह के पर्व मनाते हैं लेकिन प्रकृति के प्रति हम कभी भी सामूहिक रूप से नमन और चर्चा नहीं कर पाए। इस बार 14 फरवरी को देश के 13 राज्यों के लगभग 700 स्थानो में प्रकृति को प्रणाम कर इसे प्रकृति पर्व के रूप में मनाने का देश भर के साथियों ने निर्णय लिया है। इस दिन अपने-अपने स्तर पर बैठके,जुलूस वृद्ध, बच्चों का जुड़ाव, नदी वृक्ष से प्रेम ,साफ सफाई स्वच्छता जो प्रकृति के प्रिय विषय है उनसे जोड़कर प्रकृति के प्रणाम करने के इस अद्भुत प्रयोग को देश भर में मनाया जायेगा बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट,उत्तराखंड, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ जैसे तमाम राज्यों में विभिन्न साथी प्रकृति नमन में भागीदारी करेंगे । यह पर्व किसी वर्ग विशेष संगठन विशेष का न होकर सामूहिक है। जिस तरह से वसंत पंचमी को हम सब लोग मिलकर मनाते हैं। इसी अवसर पर सभी लोग प्रकृति पूजन, प्रेम वी अन्य गतिविधियों से प्रकृति का नमन करेंगे।  इस अवसर पर यह भी अपेक्षा की जा रही है कि देश भर में एक लाख से ज्यादा लोग इसमें भागीदारी करेंगे। इनमे वैज्ञानिक सामाजिक कार्यकर्ता,किसान ,सामाजिक संगठन स्कूल महावियालय युवा ,महिला बच्चों से लेकर वृद्ध सब हिस्सा लेंगे। प्रकृति को प्रणाम करना आज इसलिए आवश्यक हो जाता है कि जिस तरह से हमारे बीच में से प्रकृति हमको छोड़ रही है वह हमारी निष्क्रियता ही है जिसके कारण प्रकृति ने मुंह मोड़ा है। इसलिए जरूरी है कि प्रकृति को प्रणाम करें और उससे प्रार्थना करें कि वह हम सब पर कृपा बनाए रखे। हम उसके साथ ऐसे प्रयोग व व्यवहार करे और इस तरह उसकी सेवा करे ताकि वो हमे न त्यागे। वसंत पंचमी प्रकृति को वो समय हे। जब मौसम में ,फसलों भोजन वस्त्रों में बदलाव देखे जा सकते हे। ये ही प्रकृति से प्रार्थना करने का उपयुक्त समय भी है। हर वर्ष वसंत पंचमी को प्रकृति नमन का भी अवसर मानते हुए ये पहल की गई है। इसकी पहल नेशनल नेचर नेटवर्क के तहत राष्ट्र भर में की जा रही है। उत्तराखंड में विभिन्न जिलों के कई स्थानों में वसंत पंचमी को प्रकृति पर्व के रूप में पीला टीका लगा कर मनाया जायेगा।