बसही  में जेठू की खदान में आए दिन हैवी ब्लास्टिंग   तबाह हो रहे गरीब आदिवासियों के परिवार
कलेक्टर से लगाई गुहार बचा लो पत्थर माफिया से घर-बार
पुष्पराजगढ़। जेठू सेठ, जिला प्रशासन और खनिज विभाग हमें मार डाले। ये शब्द हमारे नहीं हैं, जिस गरीब के घर पर माफिया का कहर बरपा है, उनका कहना है। खनिज विभाग और जिला प्रशासन चंद पैसों की खातिर जिंदा इंसान को माफिया से सांठगांठ कर मौत के मुंह पर धकेल रहा है। हफ्ते में 2-3 बार हैवी ब्लास्टिंग होती है। इलाका थर्रा उठता है। खौफ के साए में गांव रहता है, लेकिन खनिज विभाग की कोताही के कारण अब गरीबों का घर धसक रहा है। दीवारें टूटने लगीं हैं. क्रेशर से गरीबों की दुर्दशा हो रही है।
क्या क्या हुआ नुकसान ?
घर मालकिन कुन्नू बाई और बुजुर्ग महिला नोहरी बाई ने बताया कि बिना सूचना दिए माफिया कभी भी ब्लास्ट कर देता है। हफ्ते में 2-3 बार ब्लास्ट करता है। पत्थर दूर जाकर गिरते हैं। कभी घरों में आकर गिरते हैं। दीवार फट गई। पटाव धसक गया। दीवार को लकड़ी लगाकर रोका गया है। घर में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है स बुजुर्ग महिला नोहरी बाई ने कहा कि माफिया जेठू और जिला प्रशासन हमें मार डाले। यहां से ब्लास्टिंग रोका जाए या फिर हमें परिवार सहित मार डाले। कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सरंपच और अधिकारी सांठगांठ कर कुछ नहीं करते हैं। हम लोगों और बच्चों में हमेशा मौत का खतरा बना रहा है।
बसही में 50-60 फीट का गड्ढा
इस मामले में हमने जब ग्रामीणों से बातचीत की, तो उन्होंने कहा कि यहां कभी 50 से 60 फीट से ज्यादा का गड्ढा है। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां जब ब्लास्टिंग होती है, तो पत्थर दूर दूर तक उड़कर जाते हैं। खदान को 50-60 फीट तक गड्ढा कर दिया गया है। हमको हमेशा खतरा बना रहता है। पुष्पराजगढ़ में छत्तीसगढ़ के माफिया की काली सल्तनत पुष्पराजगढ़ हो रहा खोखला, मशरूम की तरह उग रहे क्रेशर, मेकल को लूटने एक के बाद एक 5 वें प्लांट को परमिशन, सांसद-विधायक मौन।
पहाड़ का पहाड़ निगल रहा पत्थर माफिया ?
पुष्पराजगढ़ को पत्थर माफिया निगल रहा है पहाड़ का पहाड़ खा गया। हैवी ब्लास्टिंग से इलाके को दहला रहा है। खौफ के साए में ग्रामीणों की रातें कट रही है। जंगल से सटे पहाड़ को पत्थर खदान की आड़ में धड़ल्ले से करोड़ों की संपदा की लूट हो रही है। पुष्पराजगढ़ में लूट-खसोट की दुकान खुली है. पत्थर का काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। इलाका खोखला हो रहा है, पहाड़ का पहाड़ गायब हो रहा है। बारूदी धमाके से दहला पुष्पराजगढ बिना परमिशन पत्थर खदान में हैवी ब्लास्टिंग, थर्रा उठा इलाका, ग्रामीणों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के माफिया की यहां कई खदानें, जहां से बड़ी तादाद में पुष्पराजगढ़ की खनिज संपदा को धड़ल्ले से छत्तीसगढ़ के क्रेशरों में खपाया जाता है। यहां से पत्थरों को बॉर्डर पार कर ले जाया जाता है, बताया तो यहां तक जाता है कि जो बॉर्डर पर चेक पोस्ट है, वहां भी सांठगांठ है, जो बिना रॉयल्टी के गाड़ियां दौड़ रही हैं, लेकिन कोई जांच करने वाला हो तब तो अफसर एसी कमरे में आराम फरमा रहे हैं, जिससे ये माफिया खनिज संपदा को बेहिसाब दोहन कर रहे हैं।