गुम्माघाटी ओर से कपिलधारा सड़क पार कर बाबा घाट की ओर सुबह जाते दिखा बाघ , तीर्थ यात्रियों के हल्ला बोल से एनएम,आशा कार्यकर्ता बाल बाल बची बाघ हमले से ,,रिपोर्ट @ श्रवण उपाध्याय अमरकंटक

गुम्माघाटी ओर से कपिलधारा सड़क पार कर बाबा घाट की ओर सुबह जाते दिखा बाघ , तीर्थ यात्रियों के हल्ला बोल से एनएम,आशा कार्यकर्ता बाल बाल बची बाघ हमले से
अमरकंटक / मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली , पवित्र नगरी अमरकंटक में सप्ताह भर से अमरकंटक वार्ड वासी जंगली बाघ के भय से भयभीत है । फॉरेस्ट विभाग बाघ पर नजर बनाए हुए है । पर रोजाना बाघ कहीं न कहीं जंगलों के बीच आंख मिचौली खेल रहा है । शिकार करने के बाद अपना अहार पूर्ण करने के बाद अगला कदम बढ़ाता चल रहा है । लोगो का कहना है कि सप्ताह भर से ज्यादा हो गया है बाघ को अमरकंटक के जंगलों में भ्रमण करते । इससे पहले भी अमरकंटक के जंगल क्षेत्र में भय का वातावरण बना रहा ।कुछ समय पूर्व जंगली हाथियों का भी आगमन अमरकंटक के ज्वालेश्वर धाम तक हो गया था । फॉरेस्ट विभाग उन हाथियों पर भी अपनी पैनी नजर बनाए हुए थे और उन्हें छत्तीसगढ़ की ओर लौटाया भी गया था । जंगली जानवरों के भय का अमरकंटक में माहौल बना ही रहता है ।
प्राप्त जानकारी अनुसार आज शनिवार सुबह जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के एन एम और आशा कार्यकर्ता प्राइवेट चार पहिया वाहन लेकर कपिलधारा जाकर विष्णु कोल को लेकर अपने साथ बाबा घाट रोड किनारे लाकर आयुष्मान कार्ड बनाने हेतु प्रोसिजर कर ही रहे थे तभी रोड से गुजर रहे तीर्थयात्रीयो ने चिल्ला कर बोले कि भागों आपके पास बाघ आ रहा है । तभी आशा कार्यकर्ता और अन्य लोग सभी पास में खड़े वाहन पर जल्दी जल्दी जाकर बैठ गए । बाघ काफी नजदीक से सब देखता हुआ बाबा घाट की ओर आराम से चलता चला गया ।
कपिलधारा निवासी विष्णु कोल की उम्र 70 होने की वजह से उनका आयुष्मान कार्ड बनना था लेकिन कपिलधारा में नेटवर्क न पकड़ने की वजह से विष्णु कोल को वाहन में बैठा कर बाबा घाट पास नेटवर्क होने से रोड किनारे लाकर मोबाइल से फीडिंग किया जा रहा था तभी अचानक ही बाघ जा आगमन हो गया । यात्रियों के हल्ला बोल से एनएम और आशा कार्यकर्ता तथा अन्य सभी बाघ के खतरे से बाल बाल बचे । उस उक्त वहां पर एन एम संगीता कुशराम , आशा कार्यकर्ता संतोषी जयसवाल , वाहन ड्राइवर अशोक कुशराम , विष्णु कोल सभी काफी भयभीत हो गए थे । इस तरह अचानक खतरे को देखते हुए जंगल एरियो में आशा कार्यकर्ताओं हेतु प्रशासन को चार पहिया वाहन उपलब्ध करवाना ही चाहिए । आज बाघ के खतरे को वाहन ने ही बचाया है ।