लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन
लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण पर कार्यशाला का आयोजन
उमरिया-मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं जिला एवं सत्र प्रधान न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उमरिया महेंद्र सिंह तोमर व जिला न्यायाधीश/ सचिव संगीता पटेल के मार्गदर्शन पर पैरालीगल वालंटियर्स के द्वारा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम विषय पर विधिक जागरूकता शिविर का शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज उमरिया में आयोजन किया गया। पैरालीगल वालंटियर हिमांशु तिवारी ने शिविर में बताया लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम व नियम 2012 कि इस अधिनियम के तहत अपराधों को तीन वर्गों में विभाजित कर सकते हैं। स्पर्श सहित अपराध, स्पर्श रहित अपराध, अन्य अपराध। बालकों को इन अपराधों से बचाने के लिए हमें उन्हें असुरक्षित स्पर्श के बारे में समझाना चाहिए, ताकि यदि ऐसा कभी उनके साथ घटित हो तो वे सीधे अपने स्वजनों को बता सकें।छात्र-छात्राओं को महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा से संबंधित कानूनी अधिकार, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, विधिक सहायता एवं विधिक सलाह अपराध पीड़ित प्रतिकर से संबंधित जानकारी प्रदान की गई।उन्होंने छात्र छात्राओं को उनके अधिकारों को समझने के लिए प्रेरित किया गया एवं एक लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ने की सलाह दी गई। महिलाओं के कानूनी अधिकारों जैसे भरण पोषण घरेलू हिंसा, समान वेतन मजदूरी पाने का अधिकार, दहेज से पीड़ित महिलाओं के अधिकार से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गई साथ ही बच्चों के द्वारा पूछे गए प्रश्न को विस्तार से समझाया गया। कार्यक्रम का कुशल संचालन शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के शिक्षक अशोक गर्ग ने किया। शिविर के दौरान पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्राचार्य अतुल बाजपेई,शिक्षक पवन कोरी, अतुल अहिरवार,शिक्षिका गरिमा शर्मा,प्रीति सिंह,ट्विकल, हसदेव गुप्ता आदित्य मिश्रा विवेक मिश्रा राजकुमार मरावी राहुल अहिरवार श्रीकांत पांडे रामबली कोल,वेंकटेश्वर मरावी जय प्रधान साहू प्रवीण यादव, पैरालीगल वालंटियर हिमांशु तिवारी,खुशी सेन,ऋषभ त्रिपाठी, सौरव पाण्डेय व 197 विद्यार्थी उपस्थित रहे।