कोतमा विधायक के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के झंडे का नही रखा ध्यान,पोस्टर वार विधायक की सोची समझी साजिश का हिस्सा तो नही 
अनूपपुर - विगत दिनों कोतमा नगर में लापता विधायक के नाम से कुछ पोस्टर चस्पा किये गये थे हालांकि जिस तरह के पोस्टर लागये गये थे निश्चित तौर पर स्वास्थ्य राजनीत में इसकी कोई जगह नही होती पर एक कहावत है बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होए,और कुछ लोगों का तो यहां तक मानना है कि हो सकता है इस पोस्टर वार के पीछे भी विधायक सुनील सराफ का हांथ हो सकता है चूंकि अपनी ही पार्टी में बेगानो से हाल हो चला है,तो सहानभूति प्राप्त करने के लिए खुद सडयंत्र रचा गया हो इससे इनकार नही किया जा सकता बहरहाल जो भी हो इस तरह के पोस्टर सामाजिक रूप से भी अच्छे नही कहे जा सकते अब गेंद पुलिस के पाले में है शिकायत के बाद पुलिस जांच करे और पोस्टर लगाने वालों को तलाश कर दूध का दूध और पानी का पानी करे,पर इस पोस्टर वार के बीच कोतमा के कुछ विधायक समर्थक कोतमा थाने पहुंच कर शिकायत तक तो ठीक था हंगामा करते रहे और विधायक समर्थकों का हक भी है पर इसी बीच कुछ लोग कांग्रेस को ही उल्टा लटका दिया और कांग्रेस के झंडे को उल्टा लगाये नारे बाजी करते दिखाई दिए अब इन्हें भला कौन समझाए विधायक सुनील सराफ लापता तो नही हुए पर जो हालात बनते दिखाई दे रहे अगर सब कुछ यूं ही चला तो निश्चिततौर पर राजनीति से कब लापता हो जायेंगे ये किसी को भी पता नही चलेगा,और कोतमा विधायक को अगर अपने कर्मो पर इतना भरोषा है तो दर दर माथा टेकने की जरूरत कहाँ थी पर जो पांच वर्षों की कुकर्म कथा है ये सब तो होना ही था