क्या होगा भाजपा जिला अध्यक्ष उपाध्यक्ष का निष्कासन अनूपपुर भाजपा में गूंज रहा लाख टके का एक सवाल

क्या होगा भाजपा जिला अध्यक्ष उपाध्यक्ष का निष्कासन
अनूपपुर भाजपा में गूंज रहा लाख टके का एक सवाल
अनूपपुर। भारतीय जनता पार्टी अनूपपुर में इस समय लाख टके का सवाल बनकर भाजपाइयों मे चर्चा का विषय बना हुआ की क्या अब भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रामदास पूरी और भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष राम अवध सिंह पर भी निष्कासन की कार्रवाई होगी या फिर अनुशासन का पाठ केवल छोटे कार्यकर्ताओं को ही सिखाया जाता है। यहां पर यह बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रामदास पुरी के सगे छोटे भाई रामनाथ पुरी और भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष राम अवध सिंह के सगे छोटे भाई दिनेश सिंह कांग्रेस प्रत्याशियों का प्रचार ही नहीं कर रहे हैं बताया जाता है कि उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है। ऐसे में अब अनूपपुर के भाजपाइयों में यह सवाल लाख टके का बनकर घूम रहा है कि नगरी चुनाव के दौरान जिस तरह से जिला मीडिया प्रभारी राजेश सिंह को इसलिए निष्कासित कर दिया गया था कि उनके छोटे भाई की पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ी थी यही नहीं पसान नगर मंडल के अध्यक्ष सिद्धार्थ दत्त त्रिवेदी इसलिए निष्कासित कर दिया गया था कि उनके पिताजी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे अनूपपुर में भी भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष गजेंद्र सिंह को भाजपा से इसलिए निष्कासित किया गया था कि उनकी पत्नी निर्दलीय चुनाव लड़ी थी और अब जब भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष के सगे छोटे भाई कांग्रेस की सदस्यता लेकर भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो यह सवाल खड़ा होना लाजमी है कि क्या पार्टी के अनुशासन का डंडा इनके ऊपर भी चलेगा या फिर भारतीय जनता पार्टी के छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं को या यह कहा जाए कि उसे समय भाजपा जिला अध्यक्ष ने अपने विरोधियों को निपटाने के लिए जिस तरह से मनमानी तरीके से अनुशासन का डंडा चलाया था वह वर्तमान में अनूपपुर जिले के जिला चुनाव संयोजक हैं और उनकी जिम्मेदारी बनती है कि भारतीय जनता पार्टी के जिन बड़े नेताओं के परिवार से बगावत और भितरघात के संकेत मिल रहे हैं पर उनको अंकुश लगाना चाहिए। वहीं भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ मूल कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिन भाजपा जिला उपाध्यक्ष राम अवध सिंह ने अपने नगरीय चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं को इसलिए निष्कासन कर दिया था कि उनके परिजन किसी न किसी रूप में भाजपा का विरोध कर रहे थे अब उनकी नैतिकता कहां चली गई है उनके सगे भाई बीजेपी का विरोध करते हुए कांग्रेस का झंडा उठाकर भाजपा मुर्दाबाद कांग्रेस जिंदाबाद का नारा लगा रहे हैं ऐसे में उनको तो खुद नैतिकता के आधार पर भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष के पद को छोड़ देना चाहिए। वहीं भाजपा के कई वरिष्ठ नेता भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर अनुशासन का पाठ पढ़ने वाले वर्तमान जिला अध्यक्ष जब अपने भाई को भाजपा के लिए नहीं मना पाए तो उनको भी कहीं से भी या नैतिक अधिकार नहीं है कि वह आम जनता के बीच जाकर भाजपा का प्रचार करें या भाजपा के लिए वोट मांगे जो व्यक्ति अपने परिवार में एकता का संदेश नहीं दे सकता वह समाज को एकजुट होकर भाजपा के लिए कैसे कार्य करेगा इसको लेकर अनूपपुर के राजनीतिक गलियारों से लेकर चाय पान की दुकानों तक में चर्चा का विषय बना हुआ है। वही अनूपपुर के राजनीतिक गलियारों में चल रही चर्चा को माने तो भारतीय जनता पार्टी में ठेकेदार से नेता बने लोगों की संख्या ज्यादा है और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते देख ऐसे नेताओं में अकुलाहट देखी जा रही है और वह अब अपने परिजनों सगे संबंधियों के माध्यम से कांग्रेस में अपनी सीट सुरक्षित रखना चाहते हैं और यही कारण है कि वर्तमान में अनूपपुर के भाजपा के बड़े-बड़े नेता भी खुलेआम कांग्रेस प्रत्याशी के साथ गलबहिया करते घूम रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के वह नेता जो नगरीय चुनाव में अनुशासन का चाबुक चला कर मनमानी किए हुए थे अब वह भाजपा जिला अध्यक्ष रामदास पूरी और भाजपा जिला उपाध्यक्ष राम अवध सिंह के भाइयों के कांग्रेस में शामिल होने के नाम पर अपनी जुबान बंद किए हुए हैं।