भृष्टाचार में आकंठ तक डूबे उपयंत्री रिंकू सोनी की भृष्टाचार कथा पार्ट 2 
अनूपपुर - जब जिम्मेदार भृष्टाचारियों को पालने पोसने में आमादा हो जाये तब उपयंत्री रिंकू सोनी जैसा भृष्टाचारी फलने फूलने लगता है और बीते एक दशक से अनूपपुर जिले में ये उपयंत्री रिंकू सोनी कोढ़ की तरह हो गया है और लगातार पिछले एक दशक से भृष्टचार की इबारत पर इबारत लिख रहा है और कार्यवाही करने वाले जिम्मेदार लगातार मोटी रकम ले कर इसको संरक्षित करते आ रहे है और एक बार फिर अब इसके भृष्टाचार की कहानी सामने आने के बाद वही ढाक के तीन पात की कार्यवाही की इतने का गवन किया है गबन की गई राशि जमा कर आप चरित्र प्रमाण पत्र ले कि दोबारा भृष्टाचार नही करेंगे और पता नही ऐसे इसके और कितने भृष्टाचार है जो आज तक सामने नही आये पर दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि इतने भृष्टाचार सामने आने के बावजूद इस पर बर्खास्तगी की कार्यवाही नही हो सकी आखिर क्यों ? 
दरसल उपयंत्री रिंकू सोनी चाहे अनूपपुर जनपद में पदस्थ रहा हो,या जनपद पुष्पराजगढ़ हो या जैतहरी लगातार भृष्टाचार करता आ रहा पर इस पर कोई लगाम लगाने वाला अधिकारी नही दिखा जिले में सूत्रों की माने तो रिंकू सोनी ने अपने भृष्टाचारों को छुपाने या मामले को रफा दफा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को मोटी रकम दे कर मामले का पटाछेप करते रहे,
आज तक कई मामलों में नही हो पाई वसूली रिंकू सोनी के बेतहासा किये गये भृष्टाचारों में कई बार भृष्टाचार सिद्ध हुए और बाकायदा जिम्मेदारों ने वसूली का फरमान भी जारी किया पर भृष्टाचार में आकंठ तक डूबा यह भृष्टाचारी आज तक कई मामलों में  रिकवरी की राशि जमा करना लाजमी नही समझा और इसके ऐसे कृत्य बार बार होने के बावजूद भी जिम्मेदार इस पर कलम चलाने से आखिर क्यों बचते रहे

भृष्टाचार की लंबी फेहरिस्त
अनूपपुर,  कई वर्षो से अनूपपुर जिले कि अलग अलग जनपदों में जड़े जमाये बैठा इंजीनियर रिंकू सोनी के काले कारनमों की शिकायत दर्जनों बार सीईओ से लेकर कलेक्टर तक हुई हैं, लेकिन सिस्टम के आगे लाचार इन अधिकारियों ने जांच और कार्यवाही का आश्वासन तो दिया,लेकिन आज तक कार्यवाही नही की गई
 फिलहाल वर्तमान में जिस सेक्टर का प्रभार इंजीनियर को दिया गया है वहां लगभग 12 पंचायतें आते हैं, जिनका हाल निर्माण को देखकर पता लगाया जा सकता है।

इस भृष्ट उपयंत्री को जिस सेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है, वहां भृष्टचार की इबारत लिखने में कोई कोर कसर इसने छोड़ना लाजमी नही समझा इसके काले कारनामों पर पहले भी प्रश्न चिन्ह लग चुके है, कम समय में आय से अधिक अथाह संपत्ति अर्जित करने वाला यह उपयंत्री अब तक जिले में पदस्थ रहे सभी जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कोसों पीछे छोड़ते हुए कई बंगलो ,जमीन,अन्य प्रॉपर्टी खरीद बताया कि भृष्टचार में कितनी ताकत है 
 3 जुलाई 2020 को सीईओ के पास शिकायत की गई थी, वहीं दर्जनों ग्रामीण 7 जुलाई 2020 को कलेक्ट्रेट पहुंच कर रिंकू सोनी की शिकायत करते हुए निर्माण कार्यो की जांच व कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन वर्षों वर्ष  बीत जाने के बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। आज हालात यह है कि ग्रामीण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं और प्रशासनिक गतिविधियो पर प्रश्र चिन्ह उठाते हुए थक हार अपने अपने घरों में शांत बैठ चुके है

भ्रष्टाचारियों को अभयदान 
भ्रष्टाचार से पंचायती राज का पुराना नाता रहा है, चाहे वह जनपद सीईओ हो, उपयंत्री, सरपंच, सचिव या अन्य कर्मचारी अधिकारी, इन्होने भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखने में कोई कसर नही छोड़ी, उन्हीं में से एक नाम जनपद में पदस्थ उपयंत्री रिंकू सोनी का है। आरोप तो सभी पर लगते हैं पर प्रमाण जब सिद्ध हो जाये तो कार्यवाही करने पर नौकरशाह परहेज क्यों करते हैं। हो सकता है कि अपने निजी हितों के चलते भ्रष्टाचारियों को अभयदान दिया गया होगा, लेकिन उन गरीबों का क्या जो कि सरकार से मिलने वाली सहायताओं से ही निर्भर है।

निर्माण बता रहे इंजीनियर की करतूत 

जनपद जैतहरी के ग्राम पंचायत पंगना, दुधमनिया, गौरेला व भेलमा सहित गोबरी, कासा के साथ अन्य ग्राम पंचायतों में होने वाले निर्माण कार्य की गुणवत्ता देख कर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इंजीनियर कितना जुगाडू है, कभी खुद ही ठेेकेदार बन जाता है, तो कभी चोरी की रेत से निर्माण कार्यो को अंजाम देता आ रहा है। उच्चाधिकारियों को इंजीनियर के कृत्य की पूर्ण जानकारी होने के बाद भी कार्यवाही के लिए कतराना कई सवालों को जन्म देता है।

ग्रामीणों के विश्वास पर आघात :

बीते वर्षों में इंजीनियर को हटाने के लिए सौकड़ों ग्रामीण कलेक्ट्रेट की दहलीज पर पहुंचे थे, जहां अपने नारों को बुलंद करते हुए भ्रष्ट इंजीनियर पर कार्यवाही की मांग की थी और शिकायत पत्र लेते हुए अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन का झुनझुना पकड़ा दिया था। साल दर साल तो बीत गये, लेकिन भ्रष्ट इंजीनियर रिंकू सोनी तक प्रशासन के हाथ नहीं पहुंच पाए और आज भी जिस सेक्टर में पदस्थ रहता है भ्रष्टाचार को लगातार अंजाम दे रहा है।

दिखावे के लिए बना चेक डेम :

सेक्टर गौरेला के ग्राम पंचायत दुधमनिया में बनाए गए आधा दर्जन चेक डेम किसी काम के नहीं है, महज शासकीय राशि का बंदरबाट करने के लिए बना दिया गया, ग्रामीणों का कहना है कि आज तक इस चेक डेम के माध्यम से किसी को कोई लाभ नहीं मिला और न ही कभी पानी रुका। कुल मिला कर दिखावे के लिए चेक डेम का निर्माण कर दिया गया, कुछ जगह तो ऐसे भी हैं जहां आवश्यकता नही वहां भी चेक डेम का निर्माण करा दिया गया है।

कार्यवाही की मांग करते हार गये ग्रामीण

शिकायत पत्र लेकर पहुंचे सैकड़ों ग्रामीणों ने एक बार फिर कलेक्टर से उपयंत्री रिंकू सोनी के साथ सभी जिम्मेदारों के कार्यो की उच्चस्तरीय तकनीकी अधिकारी से जांच कराये जाने की मांग की थी और , दोषियों व ऐसे भ्रष्ट इंजीनियर के ऊपर कार्यवाही की मांग की थी, अगर समय रहते जांच व कार्यवाही नहीं की गई तो ग्रामीणों ने कहा कि अनशन में बैठेंगे, जब तक इन भ्रष्टाचारी अधिकारी व कर्मचारियों पर कार्यवाही नहीं हो जाती है।पर प्रशासन पर इसका कोई असर उस वक्त भी नही हुआ था और आज भी हालत कुछ बदले नही है

 

तत्कालीन सचिव भाद ने लिखा था शिकायत पत्र 
तत्कालीन ग्राम पंचायत भाद सरपंच चंद्रभान सिंह एवं उपयंत्री रिंकू सोनी पर सचिव ने फर्जी हस्ताक्षर से ग्राम पंचायत भाद के खाते से राशि आहरण करने की शिकायत ग्राम पंचायत भाद के पूर्व सचिव लल्लू राम केवट द्वारा की गई थी। शिकायत में बताया गया था कि मुझे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर के आदेश दिनांक 13/06/2023 क्रमांक 1064 के आदेश निलंबन का आदेश जारी किया गया इसके बाद प्राथमिक शाला बाद में बाउंड्री वाल निर्माण कार्य का टी.एस. एवं ए.एस. सिक्योर में दिनांक 09/05/2023 को जारी हुआ है और उसके दूसरे दिन दिनांक 10/05/2023 को श्री भरत ट्रेडर्स निवासी अनूपपुर के बिल नं. 813 से राशि 144900/- रुपए, बिल नं. 814 से 128943/- रुपए एवं बिल नं. 815 से राशि 127755/- रूपए कुल टोटल राशि 884452/- रुपए दिनांक 01/07/2023 को मनरेगा से भुगतान हुआ है। तीनो बिलो में चंद्रभान सिंह सरपंच, भाद एवं रिंकू सोनी उपयंत्री के द्वारा कूट रचित कर मेरा फर्जी हस्ताक्षर किया गया है जबकि भरत ट्रेडर्स निवासी अनूपपुर 65 किलो मीटर दूर से कोई सामग्री क्रय का ऑर्डर व सप्लाई करने का आदेश नहीं दिया गया है। जो मेरे द्वारा सीईओ अनूपपुर को ग्रुप में जानकारी दी गई तो मेरे मोबाइल नंबर को जनपद टीम से मेरा नंबर बंद कर दिया गया। मुझे दिनांक 7 जुलाई 2023 को ए.पी.ओ. रविंद्र सिंह आर्य ने फोन करके मुझसे बोला था कि बिलों में हस्ताक्षर कर दे। एपीओ बदरा कुछ घंटों बाद मेरे व्हाट्सएप पर बिल भेजते हैं तो कहा गया कि तुम्हारा हस्ताक्षर मैंने कहा कि मेरा हस्ताक्षर सील नहीं है। तो एपीओ साहब ने अपना फोन बंद कर लिया गया इस तरह की शिकायत के बावजूद आज तक कार्यवाही न होना रिंकू सोनी के आगे जिम्मेदारों के नतमस्तक होने की कहानी बयां करती है