सहकारिता विभाग के घोटाले के ये तीन किरदार ? बांकी घोटाले बाज जल्द होंगे सामने - विजय उरमलिया की कलम से

सहकारिता विभाग के घोटाले के ये तीन किरदार,बांकी घोटाले बाज जल्द होंगे सामने
अनूपपुर - भृष्टाचार कब कहाँ कौन कैसे करेगा अगर ये आपको देखना है तो चले आइये अनूपपुर आपको भृष्टाचार सलीके से घूमता फिरता किसी न किसी कार्यालय की डेहरी पर नजर आ जायेगा और आज हम जिस विभाग की बात करने जा रहे है उसका नाम सहकारिता है जहां सरकार किसानों का अनाज जो अगर पूरी लागत मिला दिया जाये तो लगभग 40 से 42 रुपये किलो के आसपास पहुंच जाती है और वही अनाज गरीबों को सरकार मुफ्त में देती है ताकि कोई गरीब भूंखा न सो सके और इस पूरे सिस्टम में जो लोग लगे हुए है सरकार की मंशा पर पानी फेरते हुए अपनी भृष्टाचार की फैक्ट्री लगा रखी है,दरसल अभी हाल ही में पूर्व पैक्स प्रबंधक संजय द्विवेदी के भृष्टाचारों की जांच अपने आखरी पड़ाव तक पहुंची भी नही की दूसरा भृष्टाचार का जिन्न पैक्स पटना के सामने आ गया जहां मदन द्विवेदी के काले कारनामो का बही खाता ऐसा है की देख कर चौंक जायेंगे हमारे हाँथ लगे दस्तावेज बताते है कि संजय द्विवेदी पर जहां तीस लाख के घोटाले का आरोप है वहीं अगर मदन द्विवेदी के कार्यकाल की जांच की जाये तो इससे कही बड़ा भृष्टाचार का जखीरा सामने आयेगा, एक तरफ संजय द्विवेदी पूर्व पैक्स प्रबंधक अनूपपुर की जांच लोकायुक्त भोपाल के आदेश के बाद शुरू तो हुई पर शुरुआती दिनों से ही इस जांच दल में शामिल सभी अधिकारी शक के दायरे में आ गये आज दिनांक तक 12 बिंदुओं की शिकायत के मामले में एक बिंदु का निराकरण करने में अक्षम दिखे, दूसरी तरफ मदन द्विवेदी पटना पैक्स प्रबंधक के काले कारनामो का बहीखाता ऐसा है कि चौकाने वाला है दरसल ऑडिट से लेकर गाड़ी भाड़ा में जो भृष्टाचार किया गया मदन द्विवेदी के द्वारा वो तो महज एक छोटा सा पिटारा है आगे देखिये इनके काले कारनामो का पूरा बहीखाता
दूसरी तरफ अब सुगबुगाहट है कि इस पूरे खेल में एक नया नाम अनुज ओहदार का बड़ा किरदार है चूंकि ये साहब पटना पैक्स के वर्तमान प्रबंधक है और इनके कानो तक भी भृष्टाचार की भनक नही पहुंची जब कि आप प्रशासक है और अगर ऐसा कुछ आपके पैक्स में हुआ है और पूर्व प्रशासकों ने कार्यवाही नही की तो आप यह कह कर पल्ला झाड़ सकते कि आपके कार्यकाल के नही है जब आप आये तब आपको जांच कर कार्यवाही सुनिश्चित करनी चाहिए थी, अनूपपुर पैक्स दोनों जगह के प्रशासक है और बिना इनकी जानकारी के किसी तरह का भुगतान प्रबंधक द्वारा कर पाना सम्भव नही है तो आखिरकार प्रशासक अनुज ओहदार क्या कर रहे है कि एक एक पैक्स में तीस लाख का घोटाला हो जाता है और साहबानो के कानों तक खबर न पहुंची ऐसा संभव नही है हमारे सूत्रों की माने तो इन दोनों पैक्स में हुए घोटालों के लिए जितने जिम्मेदार पैक्स प्रबंधक सजंय द्विवेदी और मदन द्विवेदी है उतने ही प्रशासक भी है आखिर प्रशासक के रहते हुए इन दोनों ने कैसे इतने बड़े भृष्टाचार को अंजाम दे लिया अपने आप मे बड़ा सवाल है