कलेक्टर कार्यालय जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर में शेख खलील कुरैशी प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी से कब होगा 25 लाख का हिसाब किताब,कुरैशी को सहायक उपायुक्त का संरक्षण ?- विजय उरमलिया की कलम से

कलेक्टर कार्यालय जनजातीय कार्य विभाग अनूपपुर में शेख खलील कुरैशी प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी से कब होगा 25 लाख का हिसाब किताब
अनूपपुर - कलेक्टर कार्यालय जनजातीय कार्य विभाग में भृष्टाचार में गोते लगाने वालों की लिस्ट एक एक कर के बाहर आ रही है उसमे एक साहब है शेख खलील कुरैशी प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी इनके ऊपर भी भ्रष्टाचार की लम्बी फेहरिस्त सामने आ रही है ,दरसल शेख खलील कुरैशी शा.उ.माध्यमिक विद्यालय अमलाई कालरी मूल पदस्थापना है लेकिन भृष्टाचार एक ऐसा दीमग है जिसके आगे नियम कानून सब धरासाई है और यही हाल कुछ हुआ कुरैशी साहब के उपक्रम में जबकि PTI के लिए एम् पी एड होना अनिवार्य है और अमरकंटक क्रीड़ा परिसर में कोई तिवारी है जो इस जिला क्रीड़ा अधिकारी की साडी अहर्ताएं पूरी करते है पर शायद वो भृष्टाचार करने में सक्षम न रहे हो जिसके चलते अपने हिसाब का आदमी विभाग के जिम्मेदारों को रखना था तो कुरैशी साहब इसमें सबसे फिट बैठता है ,दरसल कुरैसी साहब बड़े पहुंचे हुए में से एक है और जनजातीय कार्य विभाग के कार्यालय में कुरैसी एक ऐसा नाम है जो सबसे भरोसेमंद है कहाँ कैसे खुर्दबुर्द करना है जनाब को तबियत से आता है नतीजा ये हुआ कि स्कूलों में क्रीड़ा शुल्क जो एकत्रित होती है उसमें से 70 प्रतिशत स्कूलों को खर्च करना होता है 30 प्रतिशत जिला क्रीड़ा अधिकारी के जिम्मेदारी के खेल कूद कराने के नाम पर दिया जाता है नतीजा ये हुआ कि साहब अब तक बतौर एडवांस 25 लाख के आस पास की राशि खर्च कर चुके है पर उसका व्यय बाउचर जमा करने का नाम नही ले रहे है दरसल जब जिला क्रीड़ा का सरकार से बजट आने में विलंब हो जाता है तो उन्हें बतौर एडवांस पैसे दिए जाते है ताकि क्रीड़ा कार्यक्रम प्रभावित न हो और बच्चे इससे वंचित न रह जाये,पर कुरैशी साहब पहले तो 25 लाख का व्यय बाउचर नही दे रहे कार्यालय को अब इसके पीछे कौन है किसका संरक्षण है ये तो उपायुक्त सरिता नायक बेहतर बता सकती है ,दूसरी तरफ किसी भी जिला क्रीड़ा अधिकारी को प्रभार देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाना अनिवार्य है कि क्या उन्होंने एम पी एड किया हुआ है कुरैसी साहब ये भी नही कर सके और साहबानो की मेहरबानी से आज जिला क्रीड़ा अधिकारी के प्रभार में मौजूद हो लगातार सरकारी खजाने को लूटने का काम कर रहे है,हम इसलिए ऐसा कह रहे है कि विभागीय सूत्रों की माने तो तो साहब अधिकतर नगद भुगतान दिखाने में भरोषा रखते है जब कि विभागीय भुगतान या तो एकाउंट में करना अनिवार्य है या फिर चेक के माध्यम से नगद भुगतानो पर पूर्णतः रोक है , इन साहब का अगर बहीखाता जांच करे जिला प्रशासन तो दूध का दूध पानी का पानी होने में वक्त नही लगेगा,
आपको जानकर हैरानी होगी कि ये साहब शिक्षा विभाग के जिला DSO के साथ साथ ट्राईवल विभाग के DSO के पद से नवाजे गये है एक ही व्यक्ति को दोनों विभागों में DSO के पद से नवाजना अपने आप मे कलेक्टर कार्यालय जनजातीय विभाग पर उंगली खड़े करता है,दरसल सूत्रों की माने तो यहां जनजातीय कार्य विभाग की उपायुक्त सरिता नायक की पूरी तरह से सहमति के आधार पर इन साहब को नियम विरुद्ध तरीके से अधिकार दिए गए,और कलेक्टर कार्यालय जनजातीय विभाग में हो रहे भृष्टाचारो में कुरैशी साहब यहां के जिम्मेदारों की हर सम्भव मदद करते है,दूसरी तरफ सूत्रों की माने तो कुरैशी साहब के सुपुत्र को नियम कानून के परे जा कर कुरैशी साहब के सुपुत्र को हायर सेकेंड्री स्कूल बम्हनी का अतिथि शिक्षक PTI बना कर रखा गया है,सवाल यह उठता है कि जनजातीय कार्य विभाग के जिम्मेदारों के साथ कुरैशी साहब की क्या सांठगांठ है जो पिता तो पिता पुत्र को भी नियम विरुद्ध जा कर लाभ पहुंचाने का काम किया जा रहा है इसके पीछे कौन कौन शामिल है कुरैशी साहब के भृष्टाचारों की जांच कौन करेगा अपने आप मे बड़ा सवालिया निशान है चूंकि विभाग के दो बड़े जिम्मेदारों का खुला संरक्षण कुरैशी साहब को मिला हुआ है हम अपने अगले एपिसोड में कुरैशी साहब और उनके संरक्षक मंडल के भृष्टाचारों की पोल खोलेंगे
दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि क्या अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली को इस बात की जानकरी नही की कलेक्टर कार्यालय जनजातीय कार्य विभाग के अंदर क्या चल रहा है चूंकि यहां पदस्थ कर्मचारियों अधिकारियों सब को पता है कि अगर जिले में सबसे मलाई दार विभाग कोई है तो वो है जनजातीय कार्य विभाग बहरहाल कुरैशी साहब और उनके संरक्षकों की हर खबर का खुलासा जल्द