जन अभियान परिषद का लुटेरा जिला समन्वयक उमेश कुमार पांडेय ,प्रदेश सरकार की दिनदयाल रसोई योजना को भी नही बख्सा,पांच रुपये की थाली की जगह 410 रुपये थाली खरीदा भोजन - विजय उरमलिया की कलम से
जन अभियान परिषद का लुटेरा जिला समन्वयक उमेश कुमार पांडेय ,प्रदेश सरकार की दिनदयाल रसोई योजना को भी नही बख्सा,पांच रुपये की थाली की जगह 410 रुपये थाली खरीदा भोजन
अनूपपुर - सबसे पहले तो जन अभियान परिषद की ऑडिट करने वाले को सलाम जहां साफ साफ भृष्टाचार दिखाई देता है आखिर वहां सब कुछ ऑडिट वालों को कैसे सही दिखा या ले दे कर ऑडिट की खाना पूर्ति की गई ये साफ समझा जा सकता है दरसल जन अभियान परिषद अनूपपुर लागातर इन दिनों अपने घोटालों की वजह से चर्चा में है और इसके पीछे विगत 14 वर्षों से अंगद की तरह पांव जमाये बैठे जिला समन्वयक उमेश कुमार पांडेय है,हर दिन एक नया खुलासा ये बताता है कि ये अधिकारी विगत 14 वर्षों से जिले को दीमक की तरह खा रहा है अब एक नया मामला सामने आया है जहां प्रदेश सरकार की मंशा थी कि गरीब,असहाय,निशाक्त जनों को को भर पेट भोजन कैसे कराया जाए इसी उद्देश्य से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंडित दीनदयाल रसोई योजना की शुरुआत की और पूरे प्रदेश में लगभग 150 से ज्यादा दिनदयाल रसोई का संचालन किया जा रहा जिसमे एक रसोई अमरकंटक में संचालित है ,इस रसोई के पीछे का मकसद था कि गरीबो,रेडी वालों, असहायों,निशाक्त जनों को पांच रुपये में भरपेट भोजन मिल सके जिसमे चावल,दाल, सब्जी के साथ चार रोटी देने का प्रावधान है उसके एवज में मात्र दीनदयाल रसोई पांच रुपये लेगी सरकार की मंशा के परे जाते हुए अमरकंटक में वतन सेवा समिति रीवा द्वारा चलाया जाने वाला दीनदयाल रसोई का एक बिल ऐसा सामने आया है जहां जन अभियान परिषद ने 68,880 रुपये खाने का भुगतान किया है, मतलब की पांच रुपये थाली के हिसाब से अगर देखा जाए तो तीन दिनों में 13 हजार 776 लोगों को खाना खिलाया गया चौंकिए नही बिल्कुल ऐसा नही किया गया इसके उलट तीन दिनों में एक दिन की 56 थाली के हिसाब से 168 थाली का 410 रुपये थाली के हिसाब से भुगतान किया गया दुर्भगय जनक बात तो यह है कि जिस दीनदयाल रसोई को पांच रुपये से ज्यादा लेने का अधिकार ही नही है आखिर उसने 410 रुपये के हिसाब से पर थाली का भुगतान कैसे लिया 25-11-2021 को बिल क्रमांक 64 में 168 थाली का 68 हजार 880 रुपये का भुगतान किया गया जो अपने आप में चौकाने वाला है बिल देख कर भी सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि ये बिल स्वयं बनाया गया है चूंकि जब आब इतने बड़े स्तर पर सप्लाई आर्डर लेते है वो भी सरकारी काम मे तो आप को gst बिल लगाना अनिवार्य हो जाता है अगर gst नही था तो जन अभियान परिषद ने भुगतान कैसे किया,फिर समाज सेवा के नाम पर एनजीओ चलाने वाले ने क्या दीनदयाल रसोई में अलग से कोई फाइव स्टार रेस्टोरेंट खोल रखा है क्या बहोत सारे सवाल है,लेकिन सबसे अहम है बिल क्रमांक 64 से पहले की बिल बुक की जांच आखिर दिन दयाल रसोई ने 63 बिल किसको और कितने के काटे जांच का विषय है,दूसरी तरफ समाज सेवा का पाठ पढ़ाने वाले सोसित वर्गों को ऊपर लाने का पाठ पढ़ाने वाले जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक उमेश कुमार पांडेय को क्या पता नही था कि दिनदयाल रसोई में मात्र पांच रुपये में थाली मिलने का प्रावधान है पर दुर्भाग्यपूर्ण तो यह है कि जिस एनजीओ का यह काम है वो रीवा के अम्बर निगम बताये जाते है जो इन साहब के परिचितों में से एक है और यही पूरी कहानी है इस बिल लगने के पीछे की,
जिले के विपक्ष की राजनैतिक शून्यता ने सत्ता पक्ष के नेताओं को खुली छूट दे दी भृष्टाचारी उमेश पांडेय को संरक्षित करने की और विगत 14 वर्षो से साहब सरकारी खजाने को लूट रहे है कुछ नेताओं के तो बहुतै खास होने का दंभ भी भर रहे है पर जन अभियान परिषद के एक एक भृष्टाचार की परत दर परत बखिया तो हम उधेड़ेंगे इस पूरे बिल में कही भी यह नही लिखा कि आखिर किस कार्यक्रम में 410 रुपये थाली भोजन खरीद गया आप हमें बताइएगा जरूर की अनूपपुर जिले कहाँ 170 रुपये लीटर पानी मिलता कहाँ है और 170 रुपये लीटर पानी जन अभियान परिषद के भृष्टाचारी उमेश कुमार पांडेय ने पिया या किसी अपने संरक्षित नेता को पिलाया