सीएम हेल्प लाइन की विश्वसनीयता पर अनूपपुर में खनिज विभाग खड़े कर रहा सवाल, तथ्यो से परे जांच शिकायत कर्ता को बिना जानकारी दिए क्लोज कर दी जा रही शिकायत
 भ्रष्टाचार की खबरों को लेकर इस समय सुर्खियों में रहने वाला अनूपपुर का खनिज विभाग अपनी मनमानी के कारण जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। पत्थर माफियाओं को खुला संरक्षण देकर जिले के कोने-कोने में चल रहे अवैध उत्खनन और नियम कानून को ठेंगा दिखाकर लीज होल्डरो द्वारा किए गए खनन कार्य की शिकायत के बावजूद हाथ पर हाथ रख खनिज विभाग अब सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायतों पर भी उच्चाधिकारियो को गुमराह करते हुये सीएम हेल्प लाइन की विश्वसनीयता पर सवाल खडा करने में भी कोई गुरेज नही कर रहा है।
अनुपपुर - जिले भर में हो रहे अवैध खनन की बात की जाए तो भी खनन के लिए दिए गए लीज की जमीन पर भी सारे नियम कानून को ताक पर रखकर खनन कार्य किया जा रहा है। पर्यावरण को बचाने के लिए खनन और पर्यावरण विभाग के नियमों का पालन नहीं हो रहा है जिसकी लगातार शिकायतें आम जन सामान्य से लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है। शिकायतों पर खनिज विभाग अनूपपुर द्वारा कोई कार्यवाही न करने पर 1 महीने के अंदर लगभग एक दर्जन से ज्यादा शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में की जा चुकी है। आम जनता को इस बात का विश्वास रहता है कि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत को विभाग गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच करके शिकायत का त्वरित निराकरण करेगा। परंतु अनूपपुर का खनिज विभाग सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के प्रति कितना गंभीर है इसका ताजा उदाहरण सामने है जिसे देखकर लगता है कि खनिज विभाग अनूपपुर के अधिकारियों को सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत की भी परवाह नहीं है और वह तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर उच्च अधिकारियों को भी गुमराह करने की कोशिश करते हुए अपने भ्रष्टाचार पर पर्दा डालकर अपनी लापरवाही और मनमानी को छिपा रहा है।
तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर गोलमोल जवाब
डोंगरिया खुर्द और डोंगरिया कला को लेकर शिकायतकर्ता रामबाबू चैबे ने सीएम हेल्पलाइन में एक शिकायत दर्ज करायी जिसमें उल्लेख किया कि डोंगरिया खुर्द के आस-पास स्थित लगभग 10 पत्थर की खदानों में नियम कानून के तहत खनन कार्य नहीं किया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद अनूपपुर खनिज विभाग ने शिकायतकर्ता रामबाबू चैबे को बिना जानकारी दिए सीएम हेल्पलाइन में जवाब लगाया कि अनूपपुर जिले में कुल 87 खदानें हैं जिनकी जांच करना इसलिए मुश्किल है कि शिकायतकर्ता ने खदान के बारे में जानकारी नहीं दी है कि किस गांव में स्थित है जबकि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में ग्राम पंचायत और उससे संबंधित गांव को सेलेक्ट करते हुए अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने साफ-साफ शिकायत में ग्राम पंचायत डोंगरिया खुर्द और ग्राम डोंगरिया कला को चुना था फिर जांच अधिकारी इस बात का दावा कैसे करते हैं कि शिकायतकर्ता ने खदान की मूल स्थिति नहीं बताई थी यहां पर दूसरा सवाल यह खड़ा होता है कि जब सीएम हेल्पलाइन की शिकायत में शिकायतकर्ता रामबाबू चैबे का मोबाइल नंबर दर्ज है तो जांच में जाने के पहले जांच अधिकारी ने रामबाबू चैबे से संपर्क क्यों नहीं किया यह किसी एक शिकायत का मामला नहीं है ऐसी दर्जनों शिकायतों को गोलमाल और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर सीएम हेल्पलाइन की शिकायत बंद कराने की कोशिश की जा रही है जो इस बात का सबूत है कि खनन विभाग के अधिकारी अपनी लापरवाही मनमानी और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश होने से बचने के लिए तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर उच्चाधिकारियो के सामने पेश कर रहे हैं।
शिकायतकर्ता से यह कैसा प्रश्न कि कमाई का क्या साधन है?
इसी तरह की एक शिकायत कोतमा क्षेत्र के ही डोंगरिया कला और डोंगरिया खुर्द की प्रकाश तिवारी द्वारा की गई थी सीएम हेल्पलाइन में शिकायत के बाद माईनिंग इंस्पेक्टर कोतमा ने शिकायतकर्ता प्रकाश तिवारी को फोन करके पूछा कि आप क्या करते हैं आपकी कमाई का क्या साधन है जो कि यह सवाल सरासर अवैधानिक और गलत है। शिकायतकर्ता की शिकायत के निराकरण के लिए जांच में जाते समय शिकायतकर्ता को साथ न ले जा सकें तो कम से कम उसे इस बात की जानकारी जरूर होनी चाहिए कि वह अपनी शिकायत की जांच पड़ताल कर सके और खनन विभाग के अधिकारियों पर निगरानी रख सके कि उसकी शिकायत की सही जांच की जा रही है कि नहीं। लेकिन खनिज विभाग अनूपपुर के अधिकारियों की मनमानी का आलम यह है कि वह शिकायतकर्ता की शिकायत मिलते ही उस पर दबाव बनाने की कोशिश करने लगते हैं और आनन-फानन में तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर इस तरह से रिपोर्ट पेश करते हैं कि उच्चाधिकारियों को लगे कि शिकायतकर्ता गलत है। जबकि सही तथ्य यह है कि बिना शिकायतकर्ता की जानकारी के वहां ऑफिस में बैठे-बैठे अपने मनमाफिक रिपोर्ट लगा देते हैं जो कि सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की नियमों कानून के तहत गलत है।
जिसके खिलाफ शिकायत वहीं जांच अधिकारी फिर न्याय कहां?
खनिज विभाग के खिलाफ पुष्पराजगढ़ कोतमा अनूपपुर जैतहरी क्षेत्रों से आए दिन हो रही सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के बारे में जांच करने वही अधिकारी जा रहे हैं जिनके खिलाफ शिकायत की जा रही है ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि सीएम हेल्पलाइन में जिन खनन अधिकारियों की मनमानी लापरवाही और भ्रष्टाचार में डूबे होने की शिकायत की जा रही है जब वही सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की जांच करेंगे तो शिकायतकर्ता को न्याय कहां मिलेगा। फिलहाल शिकायतकर्ता इस सवाल के जवाब का इंतजार कर रहा है जिला प्रशासन खनिज विभाग और सीएम हेल्पलाइन के उच्च स्तरीय अधिकारियों से इस बात की भी अपील करते हैं कि जिस विभाग जिस अधिकारी के खिलाफ सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की जा रही है उनसे न जांच कराते हुये दूसरे अन्य जिलो के अधिकारियों से जांच कराकर सत्यता सामने लायी जाये।साथ ही जिले के खनिज निरीक्षकों को इन जांचों से दूर रखा जाये ,सीएम हेल्पलाइन में शिकायतों के बाद शिकायत कर्ता से शिकायत के संबंध में बात होनी चाहिए किसका परिवार कैसे चलता है ये आप का जानने का अधिकार नही है और अगर यही जानने में दिलचस्पी है तो शिकायत कर्ता को यहां वहां से फोन करवाना दबाव बनवाना बताता है कि आप इस पूरे भृष्टाचार में कंठ तक डूबे है