जिले में सीएम हेल्पलाइन की पांच हजार नौ सौ उन्तालिस शिकायते  लंबित चिन्ता का विषय
सरकार की सबसे बड़ी जनहितैषी योजना का बंटाधार

इन्ट्रो- मध्यप्रदेश  में नई सरकार का गठन हो गया है आशीष वशिष्ठ  को अनूपपुर जिले के जिलाधीष के पद पर पदस्त हुए लगभग 11 महीने हो गए है। और इन 11 महीने के दौरान साहब के लिए पुरे  जिले में फील गुड का माहौल था या ये कहें कि उन्होनें पूरे जिले या प्रदेष सरकार को यह विष्वास दिलाने में सफलता प्राप्त की पूरे जिले में सब अच्छा चल रहा है लेकिन पूर्ववर्ती षिवराज सरकार की महत्वपूर्ण योजना सीएम हैल्पलाइन के आकड़े तो ये ही बताते है कि जिले का प्रषासनिक अमला पूरी तरह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में असफल रहा 12 दिसम्बर 2023 की स्थिति में देखे तो जिले की 85 विभागों में 5 हजार 9 सौ 39 षिकायते लंबित है। जिसमें आष्र्चयजनक रूप से 3 हजार 9 सौ 87 मामले एल 3 और एल 4 की श्रेणी में चल रहे है और जिम्मेदार है कि साहब के गुड बुक में शामिल है।

अनूपपुर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासन काल में सरकार और जनता के बीच में विश्वास की जो मजबूत रेखा खींची गई। उसके पीछे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का बहुत महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। आम जनता पूरे विष्वास के साथ विभिन्न विभागों में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों के अनैतिक और लापरवाही पूर्ण कार्यो की षिकायत इस आषा के साथ करती थी कि इस पर  जिला का प्रषासनिक अमला त्वरित और जिम्मेदारी से कार्य करेगा। परंतु अनूपपुर जिले के मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लंबित षिकायतों के आकड़ों को देखे तो चैकाने वाले तथ्य सामने आते है। अनूपपुर जिले में 12 दिसम्बर 2023 तक कुल 5 हजार 9 सौ 39 षिकायते लंबित है जिसमें स्थानीय स्तर यानी एल1 में 1 हजार 6 सौ 82 वही एल2 में 2 सौ 70 जबकि एल3 में 2 हजार 6 सौ 38 और एल4 में 1 हजार 3 सौ 49 मामले लंबित है।
राजस्व विभाग लंबित शिकायतों में नम्बर वन
वैसे तो कलेक्टर पूरे जिले के ही सर्वे सर्वा होते है लेकिन उनकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी राजस्व विभाग और उससे जुड़े मामले और शिकायतों के निपटारा करना प्राथमिकता होती है क्योकि यह विभाग सीधे-सीधे जिला कलेक्टर के अधीन होता है और यह इसके सर्वे सर्वा होते है। और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के लंबित शिकायतों के मामले में  लगभग 22 प्रतिशत शिकायतों अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के विभाग की है। अगर इनके आकड़े देखे जाए तो कुल लंबित षिकायते 1 हजार 3 सौ 2 में से 9 सौ 99 षिकायते एल3 और एल4 स्तर पर पहुंच गई है। वही स्थानीय स्तर यानी एल1 और एल2 पर 3 सौ 3 षिकायते लंबित है अब जब यह हाल साहब के स्वंय के विभाग का है तो साहब अन्य विभागों के जिम्मेदारों पर नकेल कैसे कस पाऐगें।
स्थानीय निकाय और पंचायत भी कम नही
भारत सरकार ने सत्ता का विकेन्द्रीकरण इस उद्देष्य के साथ किया था कि पंचायती राज और नगरीय निकायों के माध्यम से समाज के अन्तिम छोर में बैठे हुए व्यक्ति को उसका सीधा लाभ मिलेगा परंतु जिले के स्थानीय निकाय और पंचायती राज विभाग में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों की अकरमण्डता और स्वेच्छाचारिता सरकार के मंसा पर पानी फेर रही है यह हम नही की रहे है यह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित षिकायतों के आकड़े बता रहै है। जिले में सीएम हेल्पलाइन के आकड़ों को देखे तो नगरीय निकाय दूसरे नम्बर पर आती है। यहा के उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ 5 सौ 28 षिकायते लंबित है। जिसमें से 4 सौ 6 षिकायतें एल3 और एल4 श्रेणी के है यह आकड़ें ही बताते है कि मंत्रालय स्तर पर इनके सम्बन्ध कितने घनिष्ट है कि इतनी षिकायतें होने पर भी इन पर कोई कार्यवाही नही हुई। और न ही अनूपपुर कलेक्टर आषीष वषिष्ट इनका कुछ बिगाड़ पाए। वही पंचायती राज विभाग के हलात इससे कुछ कम खराब नही है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में पंचायती राज विभाग के कुल 5 सौ 16 शिकायतें लंबित है जिसमें 3 सौ 69 शिकायत एल3 और एल4 श्रेणी की है। और यह हालात तब है जब लगभग 8 माह से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी तन्मय वशिष्ठ शर्मा इस विभाग की बागडोर संभाले हुए है।
ये भी कुछ कम नहीं
ऐसा नही है कि राजस्व नगरपालिका और पंचायती राज ही जिले का बेड़ागर्ग किया है। इस लाइन में स्वास्थ्य पुलिस, खनिज, लोक निर्माण, खाद्यय एवं नागरिक अपूर्ति, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जनजातीय कार्य विभाग सहित जिले के 85 विभाग इस कार्य में सब एक पर एक भारी  है। देखिए किस विभाग के कितनी षिकायतें मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में लंबित है। राजस्व विभाग 1302, नगर पालिका/नगर परिषद/अन्य नगर निकाय 528, पंचायती राज 516,  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग 372, पुलिस 356, महिला एवं बाल विकास विभाग 247, खाद्य आपूर्ति विभाग 204, जनजातीय कार्य विभाग 184, जिला अस्पताल 171, मनरेगा 170, सामान्य प्रशासन विभाग 167, ऊर्जा विभाग 146, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग 140, मध्यप्रदेश असंगठित कर्मकार कल्याण मण्डल संबल योजना 125, लोक स्वास्थ्य 124, सीमांकन 99, भू-अर्जन 93, संस्थागत वित्त 76, राज्य शिक्षा केंद्र 72, लोक शिक्षण 65, प्राकृतिक प्रकोप राहत राशि 60, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग 47, वन विभाग 44, निर्वाचन शाखा 44, खनिज साधन विभाग 43, प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण 40 शामिल है।