राजस्व पटवारी संघ अनिष्चितकालीन हडताल पर, विभाग का कार्य प्रभावित जनता हलाकान
मनेन्द्रगढ। 14 मई 2023 तक मांग पूरी नही होने की दशा में राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ 15 मई 2023 से अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले गये। पटवारियों की हड़ताल में चले जाने से राजस्व विभाग के काफी काम प्रभावित हो रहे हैं। आंदोलनरत पटवारियों ने कहा कि जब तक उनकी 8 सूत्री मांगे पूरी नहीं होंगी तब तक हड़ताल लगातार जारी रहेगी। 8 सूत्रीय मांगो को लेकर धरने में सुरेंद्र पाल सिंह प्रांतीय उपाध्यक्ष, गिरजेश साहू जिलाध्यक्ष नागेंद्र नारायण सिंह, रमेश राम बाबू नारायण सिंह, नलिन तिवारी दीपेंद्र पाल सिंह, सुनैना सिंह, सरस्वती गुप्ता, रंजीता लकड़ा, छाया गुप्ता, मंजुलता, चंदा भगत, प्रेमारोस खाखा, पुत्तरा सिंह, वंदना तेंदुवा, अलमा बखला, मीनू कौरव, आशीष सिंह, आशीष मिंज सहित अन्य पटवारी उपस्थित रहे। प्रदर्शन में बैठे पटवारियों ने बताया कि विभिन्न मांगो एवं समस्यायों के निराकरण हेतु राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ द्वारा समय-समय पर सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को पत्राचार के साथ ही विभिन्न मांगो को लेकर दिसम्बर 2020 में संघ द्वारा विभिन्न चरणों में आन्दोलन भी किया गया था, जिस पर राजस्व मंत्री के आश्वासन पर आन्दोलन स्थगित किया गया था कुछ मांगो को जैसे स्टेशनरी भत्ता नेट भत्ता आदि को वर्ष 2021 में स्वीकृत भी किया गया था किन्तु उसका क्रियान्वयन नही हुआ। आज पर्यन्त पटवारियों की समस्यायों और मांगो का उचित निराकरण नही जा सका है। जिससे प्रदेश के पटवारीयो में भारी रोष व्याप्त है। इसे लेकर राजस्व पटवारी संघ छत्तीसगढ़ द्वारा पूर्व सुचना देकर 24 अप्रैल 2023 को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन तुता रायपुर में किया गया। धरना प्रदर्शन में उपस्थित सभी प्रांतीय कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों एवं सदस्यों द्वारा सर्व सम्मति से मांगे पूर्ण नही होने की स्थिति में अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने का निर्णय लेते हुए प्रस्ताव पारित किया गया। अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठे पटवारियों ने वेतन विसंगति दूर करते हुए वेतन में बढ़ोतरी की माँग की है। प्रदेश के पटवारियों द्वारा विभागीय कार्यों के अतिरिक्त समय समय पर उच्चाधिकारियों द्वारा दिए मौखिक ध्लिखित आदेशो का पालन ईमानदारी पूर्वक किया जा रहा है। निर्वाचन, जनगणना, बाढ़ आपदा, सुखा राजस्व वसूली प्रोटोकाल ड्यूटी, जनसमस्या निवारण शिविरों में आवश्यक व्यवस्था के साथ साथ प्राप्त विभागीय आवेदनों का समय पर निराकरण शासन की जनकल्याणकारी योजनाओ में सहभागिता आदि कार्यो का संपादन विभागीय कार्य जैसे गिरदावरी, अभिलेख अद्यतन नक्शा बटाकन सीमांकन, आबादी सर्वे के साथ साथ किया जा रहा है, न सिर्फ इतना ही बल्कि आवश्यक व्यवस्था हेतु मेला में मंदिरों में, अन्य बड़े आयोजनों में भी पटवारियों का ड्यूटी लगाई जाती है। कार्य की अधिकता को देखते हुए पटवारियों का ग्रेड पे 2800 किया जाये।
वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति 
राजस्व निरीक्षक की सीधी भर्ती पर रोक लगाया जायेद्य राजस्व निरीक्षक के कुल पदों के 50 प्रतिषत पर पटवारियों से वरिष्ठता के आधार पर एवं शेष 50 प्रतिषत पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से नियूक्ति किया जाये। 5 वर्ष पूर्ण कर चुके सभी पटवारियों को राजस्व निरीक्षक का प्रशिक्षण दिलाया जाये। प्रशिक्षित पटवारियों से ही रिक्त पदों के 50 प्रतिषत पर वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति किया जाये। उपरोक्तानुसार भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन किया जाये। साथ ही राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार की विभागीय परीक्षा नियमित रूप से आयोजित किया जाये।
संसाधन एवं भत्ते
वर्तमान में भूमि से संबंधित अभिलेख ऑनलाइन किया जा चूका है। अभिलेखों का दुरुस्ती, नामान्तरण/बटवारा में आवश्यक प्रतिवेदन, नक्शा बटांकन आदि ऑनलाइन ही किया जा रहा है। जिसके लिए कंप्यूटर, इन्टरनेट, प्रिंटर, स्कैनर आदि की आवश्यकता पडती है। किन्तु दुखद है कि शासन की महत्वाकांक्षी योजना भुइयाँ कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु पटवारियों को आज पर्यन्त आवश्यक संसाधन नही दिया गया है। अतः पटवारियों को ऑनलाइन कार्य हेतु कंप्यूटर/लैपटॉप प्रदान किया जाये साथ ही इन्टरनेट हेतु 500 रु मासिक नेट भत्ता दिया जाये। वर्तमान में बहुत से नये हल्कों का गठन किया गया है। जहां पटवारियों को कार्यालय तो दूर मूल भुत सुविधाए जैसे टेबल कुर्शी पंखा अलमीरा भी नही दिया गया है, किराये के मकान में स्वयं के संसाधन से कार्यालय चलाने में मजबूर है। अतः प्रत्येक पटवारी हल्के में पटवारी कार्यालय एवं आवश्य फर्नीचर की व्यवस्था किया जाये। स्टेशनरी भत्ता-पटवारियों को वर्तमान में 250 रु प्रति माह की दर से स्टेशनरी भत्ता दिया जा रहा है जिसका निर्धारण लगभग 10 वर्ष पूर्व किया गया था, बढ़ते महंगाई के साथ साथ स्टेशनरी के दरो में भी वृद्धि हुआ है अतः स्टेशनरी भत्ता 1000 रु प्रति माह दिया जाये। यह भत्ता प्रतिवर्ष बढ़ाया जाये। अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता -पटवारियों के लिए अतिरिक्त हल्के का प्रभार हेतु 250 रु निर्धारित है जबकि कार्य मूल हल्के के सामान ही किया जाता है, अतः नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए अतिरिक्त हल्के का मानदेय मूल वेतन का 50 प्रतिषत किया जाये। 
पटवारी भर्ती हेतु योग्यता स्नातक किया जाये
पटवारी भर्ती नियम में 12वी परीक्षा उत्तीर्ण होने के साथ साथ कंप्यूटर आवश्यक किया गया है। वर्तमान में भुइयां एवं भू-नक्शा सॉफ्टवेयर का संचालन जैसे तकनीकी कार्य साथ ही बढ़ते टेक्नोलॉजी के साथ आबादी सर्वे आदि कार्यो को देखते हुए पटवारियों की भर्ती नियम में आवश्यक संशोधन करते हुए न्यूनतम योग्यता स्नातक किया जाये।
मुख्यालय निवास की बाध्यता समाप्त हो
वर्तमान में हल्का मुख्यालय से तहसील या जिला मुख्यालय तक आवागमन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध हो चुकी है। साथ ही हल्कों का आकार भी कम हो चुका है (एक हल्के में अधिकतम 2 पंचायत) साथ ही अधिकांश कार्य ऑनलाइन हो चूका है जो इंटरनेट सुविधा युक्त जगह में ही संभव है। अतः पटवारियों के नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए मुख्यालय निवास की बाध्यता को समाप्त किया जाये। 
बिना विभागीय जांच के एफआईआर दर्ज न हो
पटवारियों के द्वारा कार्य सम्पादन करते समय यदि लिपिकीय त्रुटी या इसके अतिरिक्त कागजात संधारण करने में कोई भूल हो जाये ऐसी स्थिति में विभागीय जाच उपरांत ही एफआईआर की कार्यवाही होनी चाहिए। शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो की जब तक विभागीय जाच पूर्ण न हो जाये तब तक प्रारम्भिक एफ आई आर दर्ज न हो।