महिलाओ को उद्यमिता विकास पर जोर देना आवश्यक- श्री मति आनन्दी बेन पटेल -रिपोर्ट@ अजय यादव बांदा

महिलाओ को उद्यमिता विकास पर जोर देना आवश्यक- श्री मति आनन्दी बेन पटेल -रिपोर्ट@ अजय यादव बांदा
बांदा - ग्रामीण महिलाये अपने घरो में बजार हेतु समान उपलब्ध कराने हेतु उन्हे उद्यमी व उद्यमिता विकास पर ध्यान देना होगा। खेत के अनाज व अन्य कच्चे उत्पाद से वस्तु तैयार करना आसान हो जायेगा। इसके लिये आवश्यक है कि किसान कोशिस करे कि बिना रसायनिक उर्वरक के उत्पाद तैयार करे। ऐसे उत्पादित खाद्य पर्दाथ पौष्टिक होगें। जीवन में पोषक तत्वो की आवश्कता सभी को है और यह पौष्टिक आहार से प्राप्त हो सकता है। पौष्टिक आहार महिलाओ व बच्चो के भोजन मे उनके शारिरिक व मानसिक विकास के लिये आवश्यक है। यूवा, महिला, बुजुर्ग और गर्भवति महिलाओ के लिये भोजन कैसा हो इसपे विचार करने की आवश्यकता है। कृषि और उद्यान मे उपयोग होने वाली बहुतसी दवाओ को हम घरपे भी निर्मित कर सकते है। छोटे-छोटे बच्चो को किडनी, हार्ट-आटैक व आखों मे चस्मा लगना पौष्टिक अनाज की कमी व रसायनिक उर्वरको के प्रभाव के कारण देखने को मिलता है। पर्यावरण, पेड़ पौधे, पक्षी, जानवर कैसे स्वस्थ एवं एक साथ रहे इसपे विचार करना होगा। प्रकृति द्वारा उपलब्ध संसाधनो का समुचित उपयोग आवश्यक है। यह बातें बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नवम दीक्षांत समारोह में प्रदेश की मा0 राज्यपाल व विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्री मति आनन्दी बेन पटेल जी ने कही। मा0 राज्यपाल महोदया द्वारा रिजनल जिन बैकं तथा ग्रामीण महीला कौशल एवं उद्यमिता विकास केन्द्र का उदघाटन भी किया। इस दौरान उन्होने एक नये महिला छात्रावास का शिलान्यास भी किया। मा0 राज्यपाल ने यह भी कहा की आगनवाडी की महिलाये व बच्चे ऐसे कार्यक्रम उपस्थित होकर कुछ ज्ञान ले सके इसके लिये हमें इस दिशा में सेाचना होगा। गरीब के बच्चो को उन सभी संसाधनो का लाभ मिलना चाहिये जो आम आदमी के बच्चो को मिलता है। उन्होने आगे कहा कि विश्वविद्यालय की कुलपति डा0 नरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में शिक्षा शोध व प्रसार के क्षेत्र में अच्छी प्रगती हो रही है। आजकल प्रधान मत्रीं की प्रेरणा से बेटीया लखपति व ड्रोन वीर हेा रही है। दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि निदेशक, राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, लखनऊ, डा0 अजित कुमार शासनी ने अपने दीक्षान्त भाषण मे कहा कि आगे आने वाले समय के लिये नये विषयो को जोडना आवश्यक है। वैज्ञानिको को पर्यावरण परिवर्तन को ध्यान मे रखकर तकनिकी विकसित करने पर जोर देना हेागा। बुन्देलखण्ड व उत्तर प्रदेश की जैव विविधिता पर अध्ययन कर इसे संजोने का कार्य करना हेागा। बुन्देलखण्ड को मुख्य रूप से दलहन व तीलहन के साथ साथ मोटे अनाज पर भी किसानो को आगे आना होगा। आजकल का खाना और पहले के खाने के स्वाद में बहुत ही अन्तर आया है। कृषि में बहुत सी उत्पाद में हम आत्मनिर्भर हे परन्तु अभी बहुत कार्य बाकी है। मुख्य अतिथि ने सभी उपाधि व पदक धारक छात्र छात्राओ को उनके उज्वल भविष्य के लिये शुभकामनाये दी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 नरेन्द्र प्रताप सिंह ने अपने दीक्षान्त भाषण मे विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न गतिविधियो के बारे मे विस्तार से बताया। उन्होन बताया कि विश्वविद्यालय मे एक इको पार्क, केन कथा सर्वधन ईकाई, तुलसी उद्यान, वनस्पति उद्यान, प्रक्रतिक खेती के साथ साथ कई महत्वाकाक्षी परियोजनाये चल रही है।
दीक्षान्त समारोह के दौरान कुलपति महोदय ने उपाधि धारक छात्र छात्राओ को दीक्षोपदेश दे कर समाज व राष्ट्र को आगे बढाने हेतु सकल्पित किया। दीक्षान्त समारोह के दौरान विश्वविद्यालय द्वारा दो उच्च प्राथमिक विद्यालयो कनवारा-1 व कनवारा-2 के 30 छात्र-छात्रओ को उपहार स्वरूप पठन पाठन की सामग्री व फल राज्यपाल महोदया के द्वारा वितरित करायी गयी। विश्वविद्यालय द्वारा 20 आंगनबाडी कार्यकत्री को किट प्रदान किया। दीक्षान्त समारोह के दौरान राजभवन से छात्रो के उपयोग हेतु पुस्तक दोनो उच्च प्राथमिक विद्यालयो के अध्यापको को वितरण हेतु प्रदान किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा0 एस0के0सिंह ने सभी मेधावि छात्रो को पदक हेतु आमत्रिंत किया तथा कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापित किया। दीक्षान्त समारोह मे शोभायात्रा दीक्षान्त प्रोटोकॅाल के अनुसार सभागार में प्रवेश कि जिसमे प्रबन्ध परिषद के सदस्यगण, विद्वत परिषद के सदस्यगण एवं कुलपति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन डा0 बी0 के0 गुप्ता के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपायुक्त, जिलाधिकारी, पुलिस उप महानिरिक्षक, पुलिस अधिक्षक व कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।