महिलाओं ने पुत्र प्राप्ति और उनके सुख शांति हेतु की आराधना अमरकंटक - श्रवण उपाध्याय

महिलाओं ने पुत्र प्राप्ति और उनके सुख शांति हेतु की आराधना अमरकंटक - श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली/पवित्र नगरी अमरकंटक के अलावा प्रदेश व देश के अनेक जगहों पर आज संतान सांते के लिए महिलाए उपवास रहकर दिन में विधि विधान से भगवान शिव की आराधना, पूजन करती है। धार्मिक मान्यतानुसार महिलाए संतान सप्तमी के दिन संतान प्राप्ति और उनके सुख शांति, स्वास्थ, बुद्धि एवम उनके लंबे जीवन के लिए व्रत करती है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। पंडित वंदे महाराज ने बताया की कैलेंडर में आज तिथि षष्ठी दिख रही पर सुबह के 9ः46 के बाद सप्तमी तिथि लग जाने के कारण गुरूवार को ही ही संतान सांते मनाया गया। कुछ लोग उदिया तिथि होने की वजह से आज शुक्रवार 22 सितम्बर को भी मनाएगें। सप्तमी तिथि भगवान सूर्य को समर्पित है। इस दिन भगवान सूर्य और लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। शिव पार्वती की प्रतिमा को सामने चैकी पर रखकर उनकी पूजा की जाती है। पूजन में नारियल, सुपाड़ी, धूप दीप, फल फूल इत्यादि वस्तुएं रख अर्पित करे। भगवान शिव को कलावा चढ़ाती है फिर अपने पुत्रों की कलाई में बांध देती है ताकि भगवान उनकी लंबी आयु के साथ ही साथ उनकी रक्षा भी करे। यह व्रत दोपहर तक कर लेना चाहिए।