कुत्तों के दौडाने से घर में घुसे मादा चीतल का शिकार करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार,दो भागने में हुए सफल अपराध की खोज में डांग जिमी ने निभाई एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका

कुत्तों के दौडाने से घर में घुसे मादा चीतल का शिकार करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार,दो भागने में हुए सफल
अपराध की खोज में डांग जिमी ने निभाई एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका
अनूपपुर / अनूपपुर जिले के में शहडोल से अमरकंटक जाने वाले मुख्य मार्ग के मध्य राजेंद्रग्राम में विधानसभा चुनाव में सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए लांघाटोला में बनाए गए सीमा बैरियल पर 04 अक्टूबर की रात एक मोटरसाइकिल में सवार दो व्यक्तियों के पास से एस,एस,टी,टीम द्वारा बोरी में रखें वन्यप्राणी मादा चीतल के सिर एवं कच्चा मांस को जप्त कर वन विभाग को सौपे जाने पर वन विभाग की टीम द्वारा दोनों अपराधियों से पूछताछ करने पर ना बताए जाने से डीएफओ अनूपपुर के निर्देश पर संभाग मुख्यालय शहडोल से बुलाए गए डांग स्कार्ट के डांग जिमी ने एक बार फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए शिकार के आरोपियों के आधार पर खोजबीन करते हुए शिकार किए गए मादा चीतल के घटनास्थल एवं अंगों काटे जाने वाले स्थान,छिपा कर रखें अन्य अवशेषों को बरामद कराया जिस पर एक आरोपी को न्यायालय एवं एक अपचारी बालक को किशोर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया जबकि दो महत्वपूर्ण आरोपी घटना करने एवं दो आरोपियों के पकड़े जाने के बाद से फरार होने में सफल रहे हैं। इस संबंध में अब तक मिली जानकारी के अनुसार वन चौकी किरर अंतर्गत किरर बीट के सजहा टोला निवासी हेम सिंह बंजारा पिता प्रेम सिंह बंजारा का मकान जिसके तीन ओर जंगल स्थित है में पालतू कुत्तों द्वारा 4 अक्टूबर की शाम एक मादा चीतल को पकड़ने के उद्देश्य से दौड़ाये जाने पर भागते हुए अपनी जान बचाते हुए मादा चीतल हेम सिंह बंजारा के गौशाला में थकने पर जाकर बैठ गई जिस पर मौके का फायदा उठाते हुए हेम सिंह एवं उनके दो अन्य साथियों द्वारा मादा चीतल को गला दबाकर मारने बाद बांका से मृत चीतल के शरीर के अंगों को चमड़ी निकालते हुये काटकर आपस में बांट लिया इस दौरान आरोपी होम सिंह बंजारा अपने भाई के 14 वर्ष उम्र के बालक को अपने हिस्से के मांस एवं मृत चीतल के काटे गये सिर को बोरी में रखकर अपनी मो,सा,एम,पी, 65 ZA 0476 से अपनी ससुराल राजेंद्रग्राम थाना के लपटी गांव जाते समय लांघाटोला बैरियर में 4 अक्टूबर की रात 8:00 बजे के लगभग पूछताछ एवं तलाशी दौरान पकड़े जाने पर एस,एस,टी,टीम द्वारा वन विभाग को सौपा रहा है जिस पर रात भर पुलिस अधीक्षक अनूपपुर जितेंद्र सिंह पंवार एवं वन विभाग के टीम द्वारा पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों द्वारा निरंतर पूछताछ पर स्पष्ट जानकारी न दिए जाने के कारण अनूपपुर वन मंडलाधिकारी एस,के,प्रजापति के निर्देश पर संभाग मुख्यालय शहडोल से डांग एस्कॉर्ट बुलाया गया जिसके द्वारा रविवार के दिन प्रदीप कुमार खत्री उप वन मंडलाधिकारी अनूपपुर के नेतृत्व में वन अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ डांग जिमी द्वारा सूक्ष्म परीक्षण किए जाने पर घटनास्थल की पहचान एवं आरोपी हेमसिंह बंजारा के गौशाला के गौशाला के पैरा,खेत में लगे अरहर के पौधों के बीच मादा चीतल को काटे जाने पर जमीन में सूखे पड़े खून के निशान के साथ नाला के पास से मादा चीतल के अन्य अवशेषो को बरामद कराया डाक एस्कॉर्ट प्रभारी राजकमल पयासी डॉग एस्कॉर्ट सहायक राजकुमार त्रिपाठी ने डांग जिमी के माध्यम से एक बार फिर अपराध को खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए सफलता प्राप्त की। सोमवार के दिन वन विभाग की टीम द्वारा समस्त प्रारंभिक कार्यवाही करते हुए आरोपी को न्यायालय में प्रस्तुत करने तथा न्यायालय की आदेश पर जेल दाखिल किया जबकि अपचारी बालक को किशोर न्याय बोर्ड न्यायालय में प्रस्तुत किया गया इस दौरान दो महत्वपूर्ण शिकार के आरोपी भागने में सफल रहे हैं जिनकी खोजबीन हेतु डीएफओ के निर्देशन में टीम बनाई गई है। इस पूरी कार्यवाही में उपवन मंडलाधिकारी प्रदीप कुमार खत्री,वन परिक्षेत्र अधिकारी अनूपपुर स्वर्ण गौरव सिंह, परि, सहायक देवेंद्र पांडे,संतोष कुमार श्रीवास्तव, रमेश प्रसाद पटेल वन्यजीव संरक्षक अनूपपुर शशिधर अग्रवाल,वनरक्षक हरिशंकर महरा, हरिनारायण पटेल, जगत सिंह मसराम,नर्मदा प्रसाद पटेल,पंकज सिंह,अंगेश्वर साहू, श्रीमती शिवा लोधी, श्रीमती उमा बैगा, मो, रईस राकेश रौतेल, दिनेश रौतेल, रोहित उपाध्याय, दुर्गेश पटेल एवं किरर वनचौकी वनरक्षक अखिलेश सिंह के साथ क्षेत्र के वनसुरक्षा श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ज्ञातत्व है कि जिले की महत्वपूर्ण किरर क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर वन होने से शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्यप्राणी स्वतंत्र रूप से निरंतर विचरण कर रहे हैं किंतु कभी-कभी वन क्षेत्र के मध्य बसे किरर, सजहाटोला, औढेरा, अकुआं, बडहर एवं अन्य ग्रामीण अंचलों के कुछ शिकारी प्रवृत्ति के व्यक्तियों द्वारा खाने के उद्देश्य से किसी न किसी माध्यम से वन्यजीवो का शिकार करने में संलग्न रहते हैं वही एक महत्वपूर्ण बात यह है कि मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा किरर क्षेत्र में अधिक वन होने पर वनचौकी का कई वर्ष पूर्व से गठन कर वनचौकी प्रभारी सहित कई वनरक्षकों को तैनात किया गया है जिनका काम दिन-रात घूम-घूम कर वन अपराधों का पता लगाकर संबंधित वन बीटो के वनरक्षकों को सूचित कर कार्यवाही में मदद करना है किंतु कई लोगों के पद स्थापना होने के बाद भी कर्मचारी कर्तव्य स्थल पर न रहकर अपने-अपने निवास स्थल से ही नौकरी करने के आदि होने के कारण ग्रामीण अंचलों में संपर्क न होने सूचना तंत्र कमजोर होने के कारण अपराधों व अपराधियों की जानकारी लेने में नाकाम रहते हैं जिससे अक्सर अपराधियों को वन कर्मचारी की लापरवाहियो के कारण मौका मिलने पर शिकार करने में सफल रहते हैं,संभाग एवं जिला के वन विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि समय-समय पर बगैर बताए आकस्मिक रूप से जिले के वन चौकियो एवं वन बीटों का निरीक्षण कर लापरवाह वन कर्मचारियो पर शक्ति से करवाई की आवश्यकता है।