जेठू सेठ के आगे खनिज विभाग हुआ नतमस्तक छै मीटर से अधिक गहरी खाई वाली खदान सीज करने की जगह मनगढ़ंत रिपोर्ट लगा कर सीएम हेल्प लाइन बंद कराने का प्रयास 

अनूपपुर - खनन माफिया जेठू सेठ उर्फ़ जयप्रकाश शिवदासानी सरस्वती माइनिंग क्रसिंग बड़ी तुम्मी खसरा नंबर 218/1 रकबा 2.023 ये खनन कारोबारी इतना बड़ा माफिया है की जिले का खनिज विभाग इसके आगे नतमस्तक है जिसकी वजह भी आज हम आप को बताते है दरसल बड़ी तुम्मी ही नहीं  भी इस खनन कारोबारी का कारोबार है वहां अवैध तरीके से खनन कारोबार को अंजाम दिया जाता है जिसकी बानगी पुष्पराजगढ़ के बड़ी तुम्मी में साफ़ दिखता है पर जिम्मेदार जाँच के नाम पर उसी की बोली बोलते दिखाई दे रहे है , दरसल सीएम हेल्प लाइन में एक शिकायत हुई जिसका शिकायत क्रमांक 23172251 है और इस शिकायत में खदान की भौतिक सत्यापन एवं क्रेशर की वजह से बगल में मौजूद जलाशय को खतरा होना तथा नियम कानून को ताक में रखते हुए खदान को छै मीटर की जगह खाई निर्मित करने का मामला था पर सीएम हेल्प लाइन की जाँच करने पहुंची टीम शायद पहले ही जेठू सेठ के हांथों बिक चुकी थी हम इसलिए ऐसा कह रहे है चूँकि जाँच दल में मौजूद खनिज विभाग के अमित वर्मा नामक व्यक्ति का हमे जाँच स्थल में पहुँचने को तब कहा गया जब जाँच दल पहले ही शहडोल पहुँच चूका था अब आप सोचिये जाँच दल गठित करने और जाँच दल रवाना करने के पहले विभाग ने शिकायत करता को जानकारी देना मुनासिब इसलिए नहीं समझा ताकि शिकायत कर्ता वहां पहुँच ही न सके और ये अपने सांठगांठ के हिसाब से जाँच कर खाना [पूर्ति कर ले और सीएम हेल्पलाइन बंद करा सके ,

 

सीएम हेल्प लाइन पोर्टल पर दी जाँच की भ्रामक जानकारी 

शिकायत के बाद जाँच दल में कौन कौन गया इसकी जानकरी हमें तो नहीं है पर जो भी गया था सरकार को गुमराह करते हुए सीएम हेल्प लाइन पोर्टल पर भ्रामक जानकारी डालते हुए शिकायत बंद कराने का प्रयास किया गया जबकि पूरा मामला जाँच से उलट है ,क्या दी जानकारी आप भी पढ़े आप की शिकायत का निराकरण अधिकारी द्वारा जो दिया गया वो कुछ इस प्रकार है ,शिकायत के निराकरण के संबंध में लेख है की दिनांक 19-7-2023 को खनिज सर्वेयर के साथ उक्त शिकायत स्थल की जाँच की गई ,जाँच में उपस्थित होने हेतु शिकायत करता विजय को सीएम हेल्प लाइन में दर्ज मोबाईल नंबर से संपर्क किया गया शिकायत करता से शिकायत के संबंध में जानकारी ली गई शिकायत करता अन्यत्र व्यस्त होने के कारण मौके पर उपस्थित नहीं हुए जो पूर्ण रूप से भ्रामक और गलत जानकारी है चूँकि आप जाँच स्थल पर पहुँच शाम को  फोन करेंगे तो बड़ी तुम्मी पहुँच पाना कितना सम्भव है सबको पता है और फोन आने के दौरान जाँच दल में शामिल अमित वर्मा को ये भी कहा गया की आप पहले सूचित करते या तो फिर आप किसी और दिन का जाँच रखे पर करना तो खानापूर्ति था तो भला ये रुकने वाले कहाँ थे आगे जो हुआ और भी चौंकाने वाला है ,आगे जाँच अधिकारी ने लिखा की उक्त शिकायत ग्राम बड़ी तुम्मी तहसील पुष्पराजगढ़ में स्वीकृत पथ्तर उत्खनन पट्टा /नीलाम खदान से सम्बंधित है ,ग्राम बड़ी तुम्मी तहसील पुष्पराजगढ़ में 02 खदाने स्वीकृत है ख ० न ० 217/1 रकबा 1.250 हे ० क्षेत्र पर अवधि दिनांक 10/10/2016 से 09/10/2026  तक मेसर्स सरस्वती स्टोन क्रेशर राजेश कुमार जैन निवासी बिरसिंहपुर पाली जिला उमरिया म०प्र०को खनिज पट्टा स्वीकृत है अभी वर्तमान में लगभग दो साल से उक्त खदान से खनिज पथ्तर का निकासी /उत्खनन नहीं होना पाया गया तथा ग्राम बड़ी तुम्मी तहसील पुष्पराजगढ़ स्थित ख०न० 218/1  रकबा 2.023  हे० क्षेत्र पर अवधि दिनांक 01/4/2020  से 31/3/2025 तक मेसर्स सरस्वती माइनिंग एंड क्रशिंग प्रो० जयप्रकाश शिवदासानी निवासी पेंड्रा रोड छ०ग०  को नीलाम खदान स्वीकृत है , यह की जाँच के दौरान उक्त स्वीकृत खदान क्षेत्र की विशष्टियाँ दर्शाने वाले खदान सूचक बोर्ड लगे पाये गये ,खदान क्षेत्र के दो साइड से विंड ब्रेकिंग वाल तथा दो साइड से पिलर /तार फैंसिंग स्थापित होना पाया गया ,एक साइड विंड ब्रेकिंग वाल क्षतिग्रस्त अवस्था में पाया गया मौके पर स्वीकृति सीमा से बाहर किसी प्रकार का उत्खनन होना नहीं पाया गया ,पर्यावरण प्रबंधन हेतु क्रशर मशीन में छन्ना कवर लगा होना पाया गया एवं वृक्षारोपण पर्याप्त मात्रा में किया जाना नहीं पाया गया उक्त अधिनियम के संबंध में ठेकेदार को दिनांक 18/05/2023  को सूचना पत्र जारी किया गया है 

अब आप सोचिये खनिज विभाग और खनन माफिया जेठू की सांठगांठ कैसे है विभाग को जाँच करनी थी की खदान छै मीटर की जगह खाई में तब्दील हो गई है पर उसकी तरफ देखना भी जाँच दाल ने मुनासिब नहीं समझा हालाँकि इस खनन माफिया को पहले ही छै मीटर से ज्यादा खुदाई करने पर शोकाज नोटिस जारी हो चुका है पर आज दिनांक तक विभाग के  नतीजतन खनन माफिया जेठू सेठ लगातार आज भी उस खाई से पानी निकाल कर ब्लास्टिंग  करते हुए अनवरत पत्थर की खुदाई कर रहा  है जांचदल को दिखाई नहीं दिया या फिर यूँ कहें की देख कर भी सब गूंगे बहरे बन माफिया के सामने नतमस्तक हो गए दूसरी तरफ खदान के बगल में मौजूद जलाशय को इस खदान और क्रेशर से खतरा  चूँकि बरसात में पूरा डस्ट का मलवा इस जलाशय को पाट रहा है पर जाँच दल को ये भी नहीं दिखा तो आखिर आप जाँच करने क्या गये थे या अपनी और कीमत माफिया से बढ़ाने गए थे ?

दूसरी तरफ खनन विभाग और खनन माफिया का गठजोड़ ही है जो पूरे जाँच दल को न तो खदान की वो गहराई दिखी जो खाई में तब्दील हो रही है दूसरी तरफ जलाशय के खतरे को भी नजर अंदाज कर दिया और सबसे बड़ा सवाल तो यह है की किसी भी जलाशय से खदान और क्रेशर की दूरी पांच सौ मीटर होनी चाहिए जबकि जलाशय पूर्व से मौजूद था तो आखिर किसने अपनी ख्वाइशों को पूरा करने हेतु जलाशय को खतरे में डालते हुए खदान और क्रेशर की अनुमति दी

जाँच दल ने दी वृक्षारोपण की भ्रामक जानकारी 

मुख्यमंत्री सीएम हेल्प लाइन पोर्टल में शिकायत बंद करने हेतु जो जाँच प्रतिवेदन दिया गया वो पूरी तरीके से झूंठा और भ्रामक है उसमे लिखा गया पर्याप्त मात्रा में वृक्षारोपण नहीं पाया गया अरे साहब पर्याप्त नहीं आप दिखा दो चल कर एक भी वृक्षारोपण तो दिखा दीजिये हमें तो नहीं दिखा और अगर आप को पता न हो तो हम बता देते है कहाँ कितने वृक्षारोपण करने थे खदान के आसपास एप्रोच रोड ,ग्रामीण एरिया खदान से लगे हुए ,खदान के आस पास से गुजरने वाली सड़क के किनारे ,अगर आसपास कोई स्कूल हो वहां सड़क के किनारे ,ग्रामीण पहुँच मार्ग अगर खदान के आस पास है तो ऐसी अन्य जगहों पर लगभग 2700 वृक्षारोपण कर उन्हें तैयार करने की जिम्मेदारी भी खदान संचालक की होती है अब खनिज विभाग बताये कहाँ पर कितने पेड़ लगे हुए है