बौखलाये पत्थर माफियाओ ने पहले नोटिस फिर की खरीदने की कोशिस, नही बिके तो उमाकांत ने रचा नया षडयंत्र
सर्वोच्च सत्ता किसी की धमकी से घबरा कर अपनी मुहिम को रोकने वाला नही 

 जिले में पत्थर माफियाओ के खिलाफ सर्वोच्च सत्ता की मुहिम अब रंग लाती दिखाई पड रही है जिसमें पहले विभागीय खनिज निरीक्षक की नोटिस उसके बाद माफिया व उसके गुर्गो का खरीदने का प्रयास फिर सर्वोच्च सत्ता के स्थानीय व प्रबंध संपादक की शिकायत उसके बाद बदनाम करने ग्रुप में धरातल पर न होने वाले अखबार की कतरन में बेतुका शिकायती समाचार फोटो सहित प्रकाषित करने का षडयंत्र किया गया। सर्वोच्च सत्ता की यह मुहिम जब तक खनिज विभाग द्वारा जिले की समस्त स्वीकृत व अवैध तरीके से किये गये पत्थर के उत्खनन स्थल का भौतिक सत्यापन कर जिम्मेदारो के विरूद्ध कार्यवाही नही की जायेगी तब तक जारी रहेगी। माफिया यह बात जान लें उनके काले कारनामो का पर्दाफाष करने के साथ सर्वोच्च सत्ता यह लडाई जारी रखेगा। 

अनूपपुर। जिले की प्राकृतिक अकूत खनिज संपदा को माफियाओ ने जिस तरह से खोदा खाया है उसको जन सामान्य के सामने लाने की मुहिम सर्वोच्च सत्ता ने खनिज पत्थर के किये गये वैध अवैध उत्खनन के मामले से क्या शुरू की तो पत्थर माफिया अपने प्रचलित हथकंडे अपनाने लगे। यह तो पत्थर खनिज का मामला था इसके बाद बाक्साइड हो, ग्रेनाइट हो, मुरूम हो या रेत सर्वोच्च सत्ता सभी माफियाओ के काले कारनामो को प्रशासनिक मानस पटल पर लाते हुये जांच कर कार्यवाही की आवाज बुलंद करता रहेगा। सर्वोच्च सत्ता का प्रकाशन वैध है या अवैध यह जिसे जांच करनी है वह करेंगे, लेकिन सर्वोच्च सत्ता के स्थानीय व प्रबंध संपादक को बदनाम करने वाले भलिभांति अपने गिरेबां पर एक बार जरूर झांक लें। और माफियाओ का जतन करने वाले विभाग के जिम्मेदार भी यह समझ ले कि सर्वोच्च सत्ता किसी की धमकी से घबरा कर अपनी मुहिम को रोकने वाला नही है। वह प्रदेश के राजस्व को माफियाओ और विभाग के जिम्मेदारो द्वारा पहुंचाए गये नुकसान के ऐसे मामले सतत अपनी नैतिक जिम्मेदारी के तहत सामने लाता रहेगा जांच कार्यवाही करना न करना प्रशासन का अपना काम है बांकी न्याय के लिये माननीय न्यायालय का दरवाजा सबके लिये बराबर खुला है।

उमाकांत को सामने रखकर करायी फर्जी शिकायत
देवहरा क्षेत्र के मूल निवासी वर्तमान में धार्मिक नगरी अमरकंटक में रहकर अमरकंटक का धार्मिक सौहार्द कई बार बिगाडने वाला उमाकांत मिश्रा का काम यही है इधर से उधर आग लगाना। फिलहाल शानो-शौकत की जिंदगी जीने वाला उमाकांत मिश्रा के पास आय का क्या श्रोत है इसकी कोई प्रमाणिक दावा खुद उमाकांत मिश्रा नही कर सकता। अमरकंटक के निवासियो का कहना है कि बाहर से आने वाले भोले-भाले श्रद्धालुओ को ठगने के साथ-साथ एक आश्रम से दूसरे आश्रम के बीच में झगडा कराकर अपनी रोजी-रोटी के लिये खिचडी पकाने वाला उमाकांत मिश्रा द्वारा नगर परिषद के एक कमरे में अवैध रूप से कब्जा किये बैठा था जिसे कुछ माह पहले ही नगर परिषद ने खाली कराया है और जलेश्वर के पास मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच में सीमा का विवाद खडा करने वाला यही उमाकांत मिश्रा है। एक बार फिर यह पत्थर माफियाओ के लिये काम करते हुये सर्वोच्च सत्ता को मुहिम से भटकाने के लिये स्थानीय व प्रबंध संपादक की अवैधानिक शिकायत कर बदनाम करने में जुटा है।
सर्वोच्च सत्ता के पास है हरेक सवालो का जवाब, नही जांच का भय
अनूपपुर जिले से प्रकाशन पूर्व सर्वोच्च सत्ता के द्वारा वैधानिक प्रक्रिया पूर्ण की गई शायद इसकी जानकारी उन कर्णधारो को नही जो कि पत्थर माफियाओ के खिलाफ शुरू हुई मुहिम में उन्हें बचाने के लिये वह सब कुछ करने को तैयार है जो एक मालिक के लिये उसका वफादार करता है। मामले में माफियाओ की बौखलाहट पर पहले तो विभाग की खनिज निरीक्षक ने नोटिस देकर स्थानीय संपादक पर मानसिक रूप से दवाब बनाने का प्रयास किया जब वह इसमें सफल नही हुई तो माफिया ने अपने गुर्गो के माध्यम से खरीदने की कोशिस की नाकाम होने पर बदनाम करने के सिवाय कुछ और समझ नही आया तो उमाकांत के साथ गठ-जोड कर साजिश रचने लगे। बहरहाल माफिया जानकारी के अनुसार अगला एक और वार पहियो तले रौंदने का भी करने वाले है वह चाहे जो भी करे लेकिन सर्वोच्च सत्ता की टीम पूरे मामले से पर्दाफाश करने तक मुहिम जारी रखेगा। अब देखना यह है कि इस पर प्रशासन क्या कुछ कैसा संज्ञान लेगा।
कुछ दिनों पूर्व खनिज विभाग का एक  कारिंदा कहें या विभाग के साथ सांठगांठ कर अवैध उत्खनन परिवहन को अंजाम देने वाला शख्स भी आया और जब बात नही बनी तो अपना मुह लटकाये चला गया उसका भी खुलासा हम जल्द करेंगे और विभाग की एक काली करतूत का भी भांडा फोड़ हम जल्द करेंगे जितनी हिम्मत हो लगा लो इस अवैध कारोबार की खबर रोकवाने का नही रुकेगी ये मुहिम,अभी तो शुरुआत है पूरी कहानी तो अभी आना बांकी है