डोंगरिया खुर्द स्थित अग्रवाल स्टोन क्रेशर एवं माईन्स में नेस्तानाबूद हो रहे खनन विभाग के कायदे कानून खनिज इंस्पेक्टर ने कानून से परे खोदी गई खाई पर क्यों नही की कार्यवाही, जवाब तो देना होगा - विजय उरमलिया की कलम से

डोंगरिया खुर्द स्थित अग्रवाल स्टोन क्रेशर एवं माईन्स में नेस्तानाबूद हो रहे खनन विभाग के कायदे कानून
खनिज इंस्पेक्टर ने कानून से परे खोदी गई खाई पर क्यों नही की कार्यवाही, जवाब तो देना होगा
प्रदेश सरकार द्वारा खनिज नीति में समय-समय पर इसलिये संसोधन किये जाते है जिससे कि जल-जंगल-जमीन की सुरक्षा को भविष्य में भी खतरा उत्पन्न हो, लेकिन जिले की कोतमा विधानसभा के डोंगरिया खुर्द में अग्रवाल स्टोन क्रेशर एवं माईन्स के प्रोप्राइटर मधु अग्रवाल द्वारा भविष्य की बात तो दूर वर्तमान में ही कायदे कानूनों को नेस्तानाबूद करते हुये जल-जंगल-जमीन पर खतरा उत्पन्न किया जा रहा है। वहीं खनिज इंस्पेक्टर के द्वारा कानून से परे यहां खोदी गई खाई के मामले में अब तक कार्यवाही क्यों नही की गई समझ के परे है। खनिज विभाग के नियम कायदे स्पष्ट कहते हैं कि अधिकतम 6 मीटर गहराई तक लीज धारक पत्थर का उत्खनन कर सकेगा और इसलिये समय-समय मूल्यांकन और आंकलन के साथ भौतिक सत्यापन विभाग के द्वारा किया जाना चाहिये। लेकिन जिले में तमाम चल रही खदानों की जांच करने की विभाग को फुर्सरत ही नही। या यूं कहें लीज धारक व विभाग का गठ-जोड ही अवैध माईनिंग का पर्याय है तो कोई अतिसंयोक्ति नही होगी।
अनूपपुर। मध्यप्रदेश सरकार को विभिन्न प्रकृति प्रदत्त खनिजो से एक बडे राजस्व की आय होती है और यदि विभाग तटस्थ हो तो यह आय दुगनी हो सकती है, लेकिन फिर विभाग के जिम्मेदारों का हिस्सा नही रह जायेगा। शायद इसलिये मध्यप्रदेश शासन द्वारा लागू की गई खनिज नीति एवं खान एवं खनिज अधिनियम के प्रावधानो को जिले के पत्थर माफिया ठेंगा दिखाकर विभाग को कार्यवाही की खुली चुनौती दिये हुये हैं। आर के एक्सपोज़ द्वारा लगातार खनिज विभाग के संरक्षण में लीज धारको द्वारा कायदे कानूनों को दर किनार कर किये जा रहे पत्थरों के उत्खनन से जल-जंगल-जमीन पर मंडराते खतरे के मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया जा रहा है। ताकि भविष्य में आने वाले संकट के पहले समाजसेवा का भाव लेकर राजनीति करने वाले जाग जायें लेकिन जब चोर-चोर मौसेरे भाई हो जाते हैं तो फिर भला वह एक दूसरे के मामले में मौन क्यों न रहे। ऐसा ही कुछ जिले में क्रेशर आधारित व नान क्रेशर आधारित पत्थर खदानों के मामले में दिखाई दे रहा है।
डोंगरिया खुर्द में खोदी गयी मौत की खाई
विधानसभा कोतमा के डोंगरिया खुर्द क्षेत्र यूं तो पत्थर माफियाओ के लिये कारू के खजाने से कम जगह नही है। फिर भला अग्रवाल स्टोन क्रेशर एवं माईन्स के प्रोप्राइटर मधु अग्रवाल खसरा नंबर 57 के रकवा 5.25 हेक्टेयर में पत्थरों का उत्खनन कर क्षेत्र को खाई में क्यों न तब्दील करे। भरी बरसात में खदान में पानी भर जाने के बाद भी मशीनों के माध्यम से आस-पास स्थित जमीन में बहाकर उसे बंजर करने में भी कोई कोर कसर बांकी नही रखी जा रही और लगातार स्वीकृत 6 मीटर गहराई से कही अधिक गहराई तक पत्थर का उत्खनन कर किया जा रहा है। परेशान क्षेत्रवासियों के द्वारा कई बार अनुविभाग स्तर पर शिकायत की गई लेकिन कार्यवाही वही ढाक के तीन पात दिखाई पडी है।
ईमानदार हैं इंस्पेक्टर तो सत्यापन से क्यों परहेज
कोतमा क्षेत्र में खनिज विभाग की कमान संभालने वाली इंस्पेक्टर अपने आप को ईमानदार होने का तमगा लगाये हुये है फिर उन्हें डोंगरिया खुर्द में अग्रवाल स्टोन क्रेशर एवं माईन्स के साथ डोंगरिया कला में केडिया द्वारा किये गये पत्थर उत्खनन का मौके पर मूल्यांकन और आंकलन के साथ भौतिक सत्यापन से क्यों परहेज है। केवल यही क्षेत्र नही आस-पास स्थित क्रेशर संचालको व खदान धारको के द्वारा उत्खनित स्थल का वास्तिविक आंकलन व भौतिक सत्यापन जिस दिन खनिज इंस्पेक्टर कोतमा को दूर रख विभाग के आलाधिकारी जानकारों से करायेंगे तो सबकी आंखे खुली की खुली रह जायेगी। आर के एक्सपोज नियम विरूद्ध किये गये अवैध उत्खनन के मामले की लगातार जांच की मांग कर रहा है लेकिन प्रशासन नींद से क्यों नही जाग रहा यह तो वही जाने। शायद जांच के बाद सबके राज उजागर होंगे इसलिये जब तक टाला जा सके तब टालने की सोच यहां बना रखी है।
हंगामा खडा करना मकसद नही हमारा
लगातार एक माह से आर के एक्सपोज के द्वारा जिले में पत्थर माफियाओ के द्वारा खनिज विभाग के खुले संरक्षण में किस कदर सरकार के कायदे कानूनो को रौंदते हुये नियम विरूद्ध पत्थरो का उत्खनन किया गया है वह तस्वीर सामने लायी जा रही है। जिसके बाद विभाग के कारिंदे यह कहते हैं कि हंगामा खडा करना इनका मकसद है। हम साफ शब्दों बता देना चाहते है कि हंगामा खडा करना हमारा मकसद नही हमारी कोशिश है कि नियम विरूद्ध तरीके से कायदे कानूनो को ठेंगा दिखाकर किये जा रहे पत्थर उत्खनन की सूरत यहां बदलनी चाहिये और इसके लिये आर के एक्सपोज आगे भी अपनी मुहिम प्रमाणिक तस्वीरों के साथ खबरें लाता रहेगा। प्रशासन व जिम्मेदार विभाग मौकाये स्थल पर पहुंचकर कार्यवाही करे न करे शासन के राजस्व को छति पहुंचाने पत्थर माफियाओ द्वारा खोदी गई मौत की खाई की भी तस्वीरें हम दिखाते रहेंगे।