गणेश धुना से प्रारंभ मैकल परिक्रमा पर्वतराज अमरकंटक माई बगिया पहुंच पूजन,महाआरती,संकल्प ले सैकड़ों साधु संत, भक्तों ने प्रारंभ की परिक्रमा ,अमरकंटक संत मंडल के पदाधिकारी सम्मिलित हो की गई पूजा आरती,,रिपोर्ट@श्रवण उपाध्याय अमरकंटक

गणेश धुना से प्रारंभ मैकल परिक्रमा पर्वतराज अमरकंटक माई बगिया पहुंच पूजन,महाआरती,संकल्प ले सैकड़ों साधु संत, भक्तों ने प्रारंभ की परिक्रमा ,अमरकंटक संत मंडल के पदाधिकारी सम्मिलित हो की गई पूजा आरती
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में स्थित गणेश धुना में पूजा पाठ उपरांत मां नर्मदा जी को पालकी में विराजित कर मैकल परिक्रमा प्रारंभ कर माई की बगिया पहुंच मां नर्मदा जी की पूजन , महाआरती बाद पंडित आकाश द्विवेदी अमरकंटक द्वारा संकल्प दिला कर मैकल परिक्रमा कार्तिक पूर्णिमा दिन शुक्रवार 15/11/2024 को माई की बगिया से सुबह 11 बजे पूजा अर्चना बाद सप्त दिवसीय मैकल परिक्रमा पर्वतराज अमरकंटक की संत भगवान दास जी की अगुवाई में भव्य नर्मदा जी को पालकी में विराजित कर मां भगवती नर्मदा जी को सैकड़ों लोगो के संग पैदल परिक्रमा प्रारंभ की गई जिसमे श्री राम धुन , भजन कीर्तन करते हुए गणेश धुना के महंत श्री स्वामी भगवान दास जी के निर्देशन और संयोजन में मैकल परिक्रमा की शुरुआत की गई । इस यात्रा के संरक्षक परमहंस संत श्री स्वामी सीताराम जु महाराज है । अमरकंटक संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत रामभूषण दास जी , उपाध्यक्ष स्वामी महेश चैतन्य जी महाराज , सचिव स्वामी लवलीन जी महाराज के अलावा दर्जनों साधु संतो ने पूजा अर्चना में सम्मिलित हो परिक्रमा में जा रहे संतो और भक्तों को पुण्य आशीष प्रदान कर यात्रा मंगलमय हो । यह परिक्रमा 100 कि.मी. की बताई जा रही जो नर्मदा पुराण में वर्णित है । स्वामी भगवान दास जी महाराज बताते है की यह पर्वतराज अमरकंटक तीनो लोको में प्रसिद्ध है एवम् करोड़ों देवी देवता निवास करते है तथा हजारों ऋषि मुनियों की यह तपोस्थली है अतः यह पुण्यप्रद है । जो पर्वतराज अमरकंटक मैकल की परिक्रमा श्रद्धापूर्वक करता है वह सम्पूर्ण पृथ्वी की परिक्रमा का पुण्य लाभ प्राप्त कर लेता है । इस परिक्रमा से मनुष्य के मन , वचन और कर्म तीनो के पाप नष्ट होते है , ऐसा भोलेनाथ शंकर जी ने कहा है । इस परिक्रमा से भगवान शंकर और मां नर्मदा जी की कृपा एक साथ प्राप्त होती है ।
माई की बगिया से परिक्रमा आगे चलते हुए सोनमूड़ा , नर्मदा मंदिर , रामघाट दक्षिण , बांधा , कबीर चबूतरा होते हुए जगतपुर (करंजिया) पहुंच रात्रि विश्राम बाद 16 तारीख को आगे की पैदल मैकल परिक्रमा करते हुए जोगी टिकरिया नर्मदा घाट पर ठहरेगी ।
परिक्रमा के मार्ग
गणेश धुना से परिक्रमा प्रारंभ कर माई की बगिया से सुबह लगभग ग्यारह बजे प्रारंभ होकर प्रथम रात्रि विश्राम जगतपुर (करंजिया) , दूसरा जोगी कुंड नर्मदा घाट (खन्नात) , तीसरा जालेश्वर धाम (अमरकंटक) , चौथा पकरिया (गौरेला छ ग) , पांचवा माई मड़वा (थाड़ पथरा छ ग) , छटा आमाडोभ (केंवची छ ग) , सप्तम गणेश धुना अमरकंटक में पहुंच पूजन , आरती , कन्या भोज , संत , ब्राह्मण , भक्तों के महा प्रसादी बाद समाप्त होगा ।
यह परिक्रमा 15 से 21तक सैकड़ों साधु संत और भक्तगण संकीर्तन करते हुए पैदल परिक्रमा में लोग साथ में चल रहे है ।
इसके आयोजक मां नर्मदा मैकल परिक्रमा समिति भारतवर्ष ,श्री श्री 1008 श्री रामनाथ शरण बड़ा दरबार मैहर , अजय साहू गाड़ासरई , छोटे राव साहब जबलपुर , कैलाश नाथ शर्मा जोधपुर , पप्पू सिंह तोमर अमरहा शहडोल , संपत पारिल सांवा सतारा महाराष्ट्र और प्रमुख पंडित आकाश द्विवेदी अमरकंटक परिक्रमा साथ चल रहें है । इस परिक्रमा में अनेक दूर दराज से लोग आकर सम्मिलित हो कर संत दर्शन , नर्मदा पूजन कर पुण्य के भागी बन रहे ।