उधर अमन शारीरिक रूप से घायल पड़ा तो इधर वेंटिलेटर पर खामोश मंत्री अब कहे कौन...? (आशुतोष सिंह)

उधर "अमन" शारीरिक रूप से घायल पड़ा तो इधर "वेंटिलेटर" पर खामोश मंत्री""""" अब कहे कौन...? (आशुतोष सिंह)
कोतमा का यूवा "अमन" अब घायल है, बूढ़ी हो चुकी "शांति" भंग है, पर मंत्री जी चुप हैं....!!
मंत्री जी विधायक भी हैं कोतमा के,,,,,, बहुत जिम्मेवारियां रहती हैं,,, काम भी ज्यादा है,,, व्यस्त होंगे,,, तभी चुप हैं.....??
पशु तस्करी मामले में बोले थे बिल्डोजर चलेगा,,,,नही चला सायद इसलिये चुप हैं.....!!
मंत्री जी जब बोलते हैं तब गजब बोलते हैं,,,, सुनने वाले सुनते रह जाते हैं,,, लोग "कर्णप्रिय" जैसे शब्दों से नवाजते हैं......।।
पर ऐसा संयोग तब ही बनता है,,, जब मंच सजा हो,,, या चुनाव हो,,, अभी संयोग वैसा बना नही है इसलिए चुप हैं.....!!
सोशल मीडिया ने शहर के "अमन" को मंगलवार की रात ही मार डाला,,,,, वो तो भला हो कलेक्टर साहब का जिन्होंने शहर में शुबह "अमन" को जिंदा बचा डाला......!!
वर्ना मंत्री जी चुप नहीं रहते,,,,,जरूर बोलते,,,,, अपने व्यस्तम समय से भी समय निकाल लेते,,,,, सरकारी खजाने से परिजनों को पैसे देते,,,,,अभी शहर का "अमन" मरा नही, वे समझते हैं "चैन" कायम है इसलिए मंत्री जी चुप हैं....!!
"अमन" तड़फे "शांति" भंग हो पर बोलना तभी मजा देता है,,,, जब मतलब हो,,, अभी मतलब नही है,,, इसलिए मंत्री जी चुप हैं......!!
ये वही कोतमा की जनता है, जिसने मंत्री जी को पूर्व में सर में उठाया,,, तब ऊपर उठे मंत्री जी "उडने" लगे,,,,, वे इस बार अनुभवी हो चुके हैं इसलिए सिर्फ चुप हैं.....!!
मंत्री जी का धोबी पछाड़ से भी सामना हो चुका है,,,, मंजे हुए हैं इसलिए चुप हैं.....!
मंत्री जी चुप हैं, तो दर्जनो शवपन में विधायकी देखने वाले चुप हैं.....!!
अभी शहर का ''अमन'' मरा नही सायद इंतजार में चुप हैं....!!
"अमन" किसी मां की कोंख है,,,
किसी पिता का ख्वाब,,,,
किसी बहन की कलाई है,,,
किसी भाई का हांथ,,,,
यदि वो मरा तो शहर में जिंदा सिर्फ पैसा रहेगा जमीर नही........!!
कभी तो मतलब के बिना जनता के लिए "नेता" खड़े होना सीखें,,,,, माना कि यह लाल बहादुर शास्त्री जैसों का दौर नही, पर चुनाव में मतदान आज भी जनता ही करती है.....।।
पर यह सब "नेताओं" से कहे कौन,,,,,, इसलिए हम बिना कुछ कहे ही कह देते हैं.....
अब कहे कौन......?
"""हम भी चुप तुम भी चुप"""